Live in Relationship Petition: लिव इन रिलेशनशिप (Live in Relationship) के दौरान होने वाली हत्या की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए रजिस्ट्रेशन की अनिवार्यता के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में जनहित याचिका दायर की गई है. वकील ममता रानी की इस जनहित याचिका में विवाह की तरह ही लिव इन रिलेशन में रह रहे जोड़ों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य करने की गुहार लगाई गई है.
Court News: लिव इन में रहने वालों का भी हो रजिस्ट्रेशन, सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर
वकील ममता रानी की इस जनहित याचिका में विवाह की तरह ही लिव इन रिलेशन में रह रहे जोड़ों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य करने की गुहार लगाई गई है.
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File Photo
27 Feb 2023 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:37 PM)
याचिका में लिव इन रिलेशनशिप में लगातार बढ़ते धोखे, झांसे और हिंसक अपराधों को रोकने के लिए कारगर गाइड लाइन बनाकर उस पर अमल सुनिश्चित करने का मैकेनिज्म विकसित करने की भी प्रार्थना की गई है.
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याचिका में कहा गया है कि महिलाओं की सुरक्षा और अधिकारों के संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट अपने पिछले आदेशों को और ज्यादा विस्तार देते हुए पीड़ित या असंतुष्ट पक्षकार के तौर पर महिलाओं की स्थिति को स्पष्ट कर दें, ताकि वो राहत के लिए कानून में मौजूद विकल्प आजमा सकें.
सुप्रीम कोर्ट के धन्नू लाल बनाम गणेशराम और बदरी प्रसाद, इंद्रा शर्मा सहित कई मामलों में दिए गए फैसले का हवाला देते हुए याचिका में कहा गया है कि कोर्ट उसमें भी मान चुका है कि लिव इन में रहने वाले जोड़ों को भी शादीशुदा की ही तरह माना जाएगा. उनसे पैदा हुए बच्चों को भी पैतृक संपत्ति और अन्य विरासत के अधिकार शादीशुदा दंपति की संतानों की तरह ही हासिल करने का अधिकार होगा.
याचिका में कहा गया है कि लिव इन संबंधों के रजिस्ट्रेशन यानी निबंधन के प्रावधान के अभाव में संविधान के अनुच्छेद 21 में वर्णित महिलाओं के गरिमापूर्ण जीवन जीने और निजता के अधिकार की सुरक्षा की गारंटी का हनन होता है.
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