अमेरिका की सेना साल 2002 में अलकायदा और तालिबान को खत्म करने के लिए एक सीक्रेट ऑपरेशन चलाने की तैयारी कर रही थी। अमेरिकी सेना का मकसद था छिपकर रह रहे आतंकियों को खोजकर मारना। अफगानिस्तान के पहाड़ी इलाकों में मौजूद गुफाओं में ये आतंकी छिपे हुए थे। इसलिए अमेरिका की सेना ने सैनिकों के कई ग्रुप बनाए और उनको अलग-अलग क्षेत्रों में भेज दिया। अमेरिकी सैनिक उन इलाकों में पहुंचे जहां पर दूर-दूर तक कोई इंसान नहीं रहता था। अमेरिकी सैनिकों के पास खुफिया जानकारी थी कि इन्हीं इलाकों में स्थित गुफाओं में अलकायदा और तालिबान के आतंकी छिपे हुए हैं।
अमेरिका को क्यों है अफगानिस्तान की इस रहस्यमयी गुफा का ख़ौफ!
19 Oct 2021 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:07 PM)
mysterious cave of afghanistan which america still hides from the world
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गुफा में अमेरिका का इससे हुआ सामना!
यहां एक गुफा में अमेरिका की सेना पहुंची जहां पर बिल्कुल अंधेरा था, बताया जाता है कि इस गुफा में गए अमेरिकी कमांडो अचानक लापता हो गए थे। अमेरिकी सैनिकों ने लापता कमांडो की बहुत तलाश की, लेकिन उनका कोई पता नहीं चला कि आखिर वह कहां चले गए। इस अभियान में शामिल अमेरिकी कमांडो ने गुफा में इंसानों के कंकाल देखे और आर्मी के कम्युनिकेशन सेट भी बरामद किए। फिर अमेरिकी सेना आगे बढ़ी और गुफा के अंदर कुछ ऐसा दिखा जिसके बाद उनके होश उड़ गए।
गुफा में अमेरिकी सेना को क्या दिखा?
गुफा में दाखिल हुए अमेरिकी सैनिकों ने एक महादानव जैसे दिख रहे एक 15 फीट लंबे शख्स को देखा। इसके बाद अमेरिकी सैनिकों ने ताबड़तोड़ गोलीबारी कर उसे मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद अमेरिका के सैनिकों ने बम धमाका कर उस गुफा को बंद कर दिया और इस राज को हमेशा-हमेशा के लिए दफ्न कर दिया। इस घटना के बारे में सोशल मीडिया पर बहुत कहानियां लिखी जा चुकी हैं। अमेरिका ने साल 2002 में घटी इस घटना के बारे में कभी कोई बयान नहीं दिया है। सबसे बड़ी बात ये है कि इस घटना का कोई सबूत भी नहीं है। अमेरिकी सैनिकों ने भी इस बारे में कभी कुछ नहीं बताया है। आखिर महादनव का सच क्या है यह अभी भी रहस्य है।
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