Frank Lucas: सबसे शातिर ड्रग माफ़िया जो शहीद सैनिकों के ताबूतों में छुपाकर लाता था ड्रग्स

GOPAL SHUKLA

27 May 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:19 PM)

American Drug Dealer: ये क़िस्सा अमेरिका के सबसे बड़े ड्रग डीलर फ्रेंक लूकस (Frank Lucas) का है। जिस पर हॉलीवुड (Hollywood) ने फिल्म बनाई है। इस अपराधी ने खुद गैंगस्टर (Gangster) पर एक किताब भी लिखी।

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American Criminal: दुनिया में कुछ ऐसे अपराधी होते हैं जिनकी फितरत को समझना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन होता है। ऐसा ही एक अपराधी था अमेरिका (America) का सबसे खूंखार ड्रग डीलर (Drug Dealer) फ्रैंक लूकस (Frank Lucas)। इस अपराधी ने साल 2010 में एक अमेरिका के अपने आपराधिक जीवन (Criminal Life) पर क़िताब लिखी थी, नाम था ओरिजिनल गैंगस्टर्स (Original Gangsters)। इस किताब में उसने अमेरिका के नौजवानों को गुनाह की दुनिया से दूर रहने के लिए नसीहत किया गया था। फ्रैंक लूकस की वो क़िताब इतनी ज़्यादा लोकप्रिय हुई कि हॉलीवुड (Hollywood) ने फ्रैंक लूकस पर एक फिल्म (American Gangsters) ही बना डाली। और उस फिल्म ने भी नाम और नामा दोनों जमकर कमाया।

आज क्राइम की कहानी में बात उसी फ्रैंक लूकस और उसके गुनाहों की होगी। आखिर क्यों फ्रैंक लूकस को अमेरिका में आज भी अब तक का सबसे खूंखार और सबसे ख़तरनाक ड्रग डीलर माना जाता है? फ्रैंक लूकस ने वो कौन सा ऐसा काम किया था जिसकी वजह से उसे बेरहम अपराधियों की कतार में सबसे आगे खड़ा देखा जाता है? फ्रैंक लूकस की वो कौन सी हरकत थी जिसकी वजह से जब उसका सच सामने आया तो लोग इस नाम से भी नफ़रत करने लगे थे?

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Drug Dealer of USA: तो फ्रैंक लूकस का क़िस्सा शुरू होता है साल 1960 और 70 के दशक में। ये वो दौर था जब अमेरिका और वियतनाम का युद्ध चल रहा था। और समूचे अमेरिका में अपने सैनिकों को लेकर अलग तरह का जोश और फिक्र फिज़ा में महसूस की जा रही थी। इसी दौरान अमेरिका की पुलिस एक अलग तरह के मोर्चे पर भी डटी हुई थी।

क्योंकि उस वक़्त अमेरिका में अचानक नशे की खपत और नशे की तस्करी का ज़ोर चल निकला था। अमेरिका के हरलेम (Harlem) और नेवार्क (Newark) और उसके आस पास के इलाक़ों में अश्वेत लोगों के गैंग्स ने पुलिस की नाक में दम कर रखा था। उन दिनों इस इलाक़े में ब्लू मैजिक (Blue Magic) नाम के ड्रग्स का बोलबाला हुआ करता था। अमेरिका के नौजवानों में इस ड्रग्स को लेकर ज़बरदस्त क्रेज़ था और पूरी नौजवान पीढी इस नशे की लत का शिकार होती जा रही थी। जिसको लेकर अमेरिका में ज़बरदस्त ग़ुस्सा भी था।

Story of Frank Lucas: पुलिस पूरी कोशिश करके भी नशे के सौदागरों के नेटवर्क को तोड़ने में नाकाम हो रही थी। तभी पुलिस की छानबीन में एक नाम सामने आया। वो नाम था फ्रैंक लूकस का। पुलिस ने जब इस ड्रग डीलर पर नकेल कसने के लिए उसका अतीत खंगालना शुरू किया तो पुलिस को एक बेहद दिलचस्प और ख़तरनाक किरदार की शक्ल में उसका पूरा क़िस्सा मिला।

असल में फ्रैंक लूकस अमेरिका के नॉर्थ कैरोलिना का रहने वाला एक छुटभैया गुंडा भर था। जो छोटी मोटी चोरी चकारी के चक्कर में एक दो बार जेल गया था। बेहद ग़रीबी और मुफलिसी में पला बढ़ा फ्रैंक लूकस नॉर्थ कैरोलिना के जिस इलाक़े में रहता था वो इलाक़ा गुंडे और बदमाशों की वजह से पहले से ही बदनाम था।

उसके इलाक़े में कई नामी बदमाशों ने भी पुलिस से बचने के लिए पनाह ले रखी थी। लिहाजा उनके बीच परवरिश होने की वजह से उसे जरायम की दुनिया अच्छी लगने लगी थी। जिस इलाक़े में फ्रैंक लूकस रहता था वहां अक्सर बदमाशों के बीच झगड़े फसाद भी हुआ करते थे। इसी बीच एक रोज कुछ बदमाशों के आपसी झगड़े में फ्रैंक के बड़े भाई की बदमाशों ने हत्या कर दी।

भाई की हत्या के बाद घर परिवार की हालत और भी ज़्यादा ख़राब हो गई क्योंकि फ्रैंक का बड़ा भाई ही पूरे घर का खर्च चलाता था। लिहाजा छोटी सी उम्र में ही फ्रैंक लूकस के कंधों पर घर चलाने की ज़िम्मेदारी आ गई। ऐसे में जब उसे कोई काम नहीं मिला तो उसने वहां के शराबियों और नशेड़ियों की जेब कतरनी शुरू कर दी और इसके अलावा दुकानों से खाने पीने का सामान चोरी करने लगा।

Frank Lucas Original Gangster: वक़्त गुज़रता गया और फ्रैंक लूकस ऐसी ही छोटी मोटी चोरी चकारी करके अपना और अपने परिवार का गुज़र बसर कर रहा था। कुछ सयाना होने के बाद फ्रैंक लूकस को एक दुकान में नौकरी मिल गई। दुकान पर काम करने के साथ साथ वो अपने साथियों के साथ मिलकर छोटी मोटी चोरियां भी करता रहा। इसी बीच एक रोज फ्रैंक लूकस ने उसी दुकान पर हाथ साफ कर दिया जहां काम करता था।

एक रोज दुकान का मालिक कहीं गया हुआ था। मौका पाकर फ्रैंक लूकस ने 400 डॉलर की चोरी कर ली। जब दुकानदार लौटा और उसे अपनी रकम ग़ायब मिली तो उसने पुलिस बुला ली। पुलिस के डर से फ्रैंक लूकस वहां से भाग निकला और सीधा नेवार्क पहुँच गया। नेवार्क पहुँचकर फ्रैंक लूकस ने कार ड्राइविंग सीखने लगा। ड्राइविंग लाइसेंस बनने के बाद फ्रैंक लूकस एक गैंगस्टर जॉनसन की गाड़ी का ड्राइवर बन गया।

फ्रैंक का व्यवहार उस गैंगस्टर जॉनसन को बहुत पसंद था लिहाजा उसी ने फ्रैंक को जरायम की दुनिया के दांव पेंच और पैंतरों से उसे रू ब रू करवाया। एक रोज आपसी झगड़े में जॉनसन की भी हत्या कर दी गई। लेकिन तब तक फ्रैंक जुर्म की दुनिया के दांव पेंच को अच्छी तरह से समझ चुका था। लिहाजा जॉनसन के मारे जाने के फौरन बाद ही उसने गैंग के मुखिया की गद्दी पर अपना कब्ज़ा जमा लिया।

Biggest Mafia of America: अब वो जुर्म की दुनिया में पूरी तरह से उतर गया और उसकी मुलाक़ात उस दौर के बड़े बड़े उस्तादों और जरायम की दुनिया के बेताज़ बादशाहों से होने लगी। देखते ही देखते फ्रैंक लूकस भी अमेरिका के बड़े माफिया (Mafia) की फेहरिस्त का हिस्सा बन गया। इसी बीच उसने नशे की सौदेबाज़ी में हाथ आजमाने लगा और न्यू यॉर्क की गलियों में अपना धंधा तेज़ी से बढ़ाना शुरू कर दिया। उसके क़दम इतनी तेज़ी से आगे बढ़े कि अब लूकस को उन बिचौलियों से दिक्कत होने लगी जो उस इलाक़े में ड्रग्स की सप्लाई करते थे।

लिहाजा फ्रैंक ने एक नई तरक़ीब निकाली और उन बिचौलियों को ही रास्ते से हटाकर खुद ही ड्रग्स की सप्लाई अपने हाथ में लेने के लिए मैदान में उतर गया। इसके पीछे उसका इरादा यही था कि बिचौलियों की बेवजह की कमीशनखोरी को तो वो बचा ही लेगा साथ ही उनके रुतबे को भी ख़त्म कर देगा।

लिहाजा उसने एक एक करके तमाम बिचौलियों का काम तमाम करवाना शुरू कर दिया। उसके इस काम में सबसे ज़्यादा मदद की एक बेइमान पुलिस वाले ने। जो फ्रैंक लूकस का अच्छा दोस्त भी था साथ ही घूसखोर भी। देखते ही देखते न्यूयॉर्क में अब कदम कदम पर नशे के सौदागरों की लाशें मिलनी शुरू हो गई। हालांकि पुलिस के लिए किसी हद तक ये सिरदर्द कम होने जैसी बात थी लेकिन पुलिस को लगने लगा कि असल में इसके पीछे बड़ी और गहरी साज़िश काम कर रही है।

Criminal Of America: ये वही दौर था जब अमेरिका की पुलिस को फ्रैंक लूकस के इरादों की कोई भनक नहीं लग रही थी। और न ही लूकस की कोई तस्वीर पुलिस के रिकॉर्ड में मौजूद थी। जिससे उस पर किसी पुलिस अधिकारी का शक भी नहीं जा पा रहा था।

रफ्ता रफ़्ता फ्रैंक लूकस ने न्यू यॉर्क में ड्रग्स का सारा धंधा अपने हाथ में ले लिया और न्यूयॉर्क के साथ साथ उसके आस पास के तमाम शहरों में जुर्म की दुनिया में फ्रैंक लूकस के नाम का सिक्का चलने लगा।

इसी बीच पुलिस ने एक बार फिर ड्रग्स की बढ़ती लत और तेजी से हो रहे शिकारों को नशे के चंगुल से बचाने के लिए अलग अलग मुहिम चलानी शुरू की और नशे की सप्लाई करने वालों के साथ साथ नशे का धंधा करने वालों को भी तेजी से दबोचना शुरू कर दिया। पुलिस के इसी जाल से निकलने के लिए अब फ्रैंक लूकस ने जो चाल चली उसे पुलिस आज भी ऑर्गनाइज्ड क्राइम की श्रेणी में मानती है। जिसकी बुनियाद फ्रैंक लूकस ने ही 1970 के दशक में रखी थी।

Story Of Original Gangsters :अमेरिका और वियतनाम (Vietnam) के बीच जंग छिड़ी हुई थी। और अक्सर वियतनाम से अमेरिका के सैनिकों के शव हवाई जहाज से भरकर आ रहे थे। इसी बीच फ्रैंक लूकस न्यूयॉर्क से कुछ दिनों के लिए ग़ायब हो गया। और सीधा थाईलैंड पहुँच गया। और वहां के ड्रग डीलर के साथ वहां की मशहूर ब्लू मैजिक (Blue Magic) का सौदा कर लिया।

मगर समस्या ये थी कि थाईलैंड से वो ड्रग्स अमेरिका कैसे पहुँचाई जाए। क्योंकि ये ड्रग्स 98 फीसदी शुद्ध थी। जिसकी अमेरिका के नशेड़ियों के बीच ज़बरदस्त मांग थी। तब फ्रैंक लूकस ने एक ऐसी चाल चली जिसके बारे में उस वक़्त तो कोई सोच भी नहीं सकता था आज भी ऐसा हथकंडा अपनाने में बड़े से बड़ा अपराधी दस बार सोचने को मजबूर हो सकता है।

Drug Dealer of America: उसने अमेरिका और वियतनाम के बीच छिड़े उस युद्ध का फायदा उठाने का इरादा किया। और अपने इस इरादे के साथ वो कुछ अमेरिकी मिलिट्री के ऐसे अफसरों से मिला जो चंद डॉलर के लालच में उसके मतलब का काम करने को राजी हो गए थे। उन्हीं फौजी अफसरों की मदद से फ्रैंक लूकस ने उन सैनिकों की लाशों को अपना ज़रिया बनाया जो युद्ध में मारे जा रहे थे और जिनकी लाशें अमेरिका पहुँचाई जा रही थीं।

उसने एक खास तरह के ताबूत (Coffins) बनवाने शुरू किए। उन ताबूतों में खास तरह से कैविटी और जगह बनाई जाने लगी जिनमें Blue Magic ड्रग्स को छुपाया जाने लगा। और फिर उन्हीं ताबूत में शहीद सैनिकों के शव अमेरिका लाये जाने लगे। फ्रैंक लूकस की क़िस्मत इतनी अच्छी थी कि उस वक़्त ज़्यादातर सैनिकों के शव न्यूयॉर्क ही लाए जाते थे। जिसने उसका काम और भी ज़्यादा आसान कर दिया था।

Biggest Drug Dealer: हैरानी की बात ये थी कि अब फ्रैंक लूकस अमेरिका की फौज और बड़े प्रशासनिक अधिकारियों की नाक के नीचे अपना ड्रग्स का धंधा बेरोकटोक चला रहा था। इससे फ्रैंक ने बेहिसाब दौलत कमाई। और एक ही झटके में फ्रैंक ने न्यूयॉर्क के नशे के बिचौलियां का भी पत्ता पूरी तरह से साफ करके ड्रग्स की डीलिंग खुद करना शुरू कर दिया। फ्रैंक लूकस ने गोल्डन ट्राइएंगल के नाम से मशहूर एशिया के लाओस वियतनाम और थाईलैंड से ड्रग्स की खेप उठाता और सीधे न्यूयॉर्क पहुँचवा देता।

इससे फ्रैंक लूकस ने दिन दूनी रात चौगुनी रफ़्तार से दौलत बटोरी। फ्रैंक लूकस की ये चाल कामयाब रही और अमेरिका में ड्रग्स की सप्लाई तेज़ी से बढ़ने लगी। आलम ये था कि अमेरिका में नौजवान ड्रग्स के ओवरडोज़ का शिकार भी होने लगे। इससे पुलिस पर दबाव और तेजी से बढ़ने लगा. तब पुलिस ने एक बार फिर ड्रग्स के खिलाफ़ मुहिम शुरू की।

तफ्तीश में पुलिस के सामने फ्रैंक लूकस की चाल का पता चला तो वो चौंके बिना नहीं रह सकी। पुलिस ने तेजी से धरपकड़ शुरू की और फ्रैंक लूकस के कई वफादारों को भी पकड़ लिया। पुलिस की कड़ाई से की गई पूछताछ के दौरान उन लोगों ने फ्रैंक लूकस का नाम उगल दिया। लिहाजा पुलिस ने फौरन कार्रवाई करते हुए फ्रैंक लूकस को भी गिरफ़्तार कर लिया।

Drug Lord of USA: तलाशी में पुलिस को ड्रग्स के साथ साथ लाखों करोड़ों डॉलर भी मिले। पुलिस ने फ्रैंक लूकस पर क़रीब सैकड़ों लोगों की मौत का मुकदमा चलाया और तमाम सबूतों और गवाहों की रोशनी में फ्रैंक लूकस को अदालत ने 70 बरस के क़ैद की सज़ा सुनाई।

जेल जाने के बाद भी फ्रैंक का शातिर दिमाग चलता रहा। उसने जेल और पुलिस अधिकारियों के सामने एक शर्त रखी। शर्त ये कि अगर उसे छोड़ा जाए तो वो शहर के साथ साथ देश भर में फैले ड्रग्स माफिया का सारा कच्चा चिट्ठा सौंप सकता है।

फ्रैंक ने जो जानकारी पुलिस को दी वो सारी की सारी एकदम सटीक निकली और देखते ही देखते अमेरिका में ड्रग्स का धंधा चौपट हो गया। लेकिन शर्त के मुताबिक पुलिस को फ्रैंक लूकस को छोड़ना पड़ा। हालांकि पुलिस की गिरफ्त से निकलने के बाद फ्रैंक लूकस ने फिर कभी अपराध की दुनिया में कदम नहीं रखा और सारी उम्र विटनेस रिफॉर्म सेंटर में ही गुजारी।

American Gangsters: लेकिन इसी दौरान फ्रैंक लूकस ने अपनी आपराधिक ज़िंदगी पर एक किताब भी लिखी। जिसका नाम था ओरिजिनल गैंगस्टर (Original Gangsters)। इस किताब में उसने अमेरिका के नौजवानों को नसीहत की। अपनी किताब में लूकस ने नौजवानों से कहा कि उसकी ग़लतियों से वो लोग सीखें और अपराध की दुनिया और उसकी चमक दमक से खुद को दूर रखें बल्कि अपना सारा ध्यान पढ़ाई लिखाई पर ही लगाएं।

क्योंकि अपराध का कोई भविष्य नहीं। सपने पूरे करने के लिए पढ़ाई लिखाई करना ही जरूरी है। फ्रैंक लूकस की ये किताब साल 2010 में प्रकाशित हुई और उसी पर आधारित हॉलीवुड की एक बड़ी कामयाब फिल्म भी बनी जिसका नाम था अमेरिकन गैंगस्टर्स (American Gangsters)।

Mafia of America: फ्रैंक ने ये भी घोषणा कर दी थी कि इस किताब से होने वाली कमाई को वो ग़रीबों मे दान कर देगा। ऐसा उसने किया भी। कहते हैं कि अपनी उम्र के आखिरी दौर में फ्रैंक ने ज़्यादातर वक़्त व्हीलचेयर पर गुज़ारा क्योंकि एक कार हादसे में उसकी दोनों टांगें टूट गई थीं। और आखिकार 88 साल की उम्र में 1 जून 2019 को फ्रैंक लूकस ने अंतिम सांस ली।

बताया जाता है कि जिस वक़्त फ्रैंक लूकस के घर पर पुलिस ने छापा मारा था वहां से पुलिस को 5 लाख 84 हज़ार 663 डॉलर की रकम मिली थी। बाद में खुद फ्रैंक लूकस ने जब पुलिस को बताया तो उसके घर की दुछत्ती में 11 मिलियन डॉलर का ख़ज़ाना छुपा हुआ मिला। बताया तो यहां तक जाता है कि फ्रैंक लूकस ने आपराधिक जीवन में इतनी दौलत इकट्ठा की थी, जिसका महज 5 फीसदी ही पुलिस को तलाशी में मिला। बाकी की रकम का आज तक कोई अता पता नहीं मिला।

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