एक पुल जहां इधर-उधर, नीचे-ऊपर हर तरफ है 'मौत'!

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आपने अब तक कई ऐसे ब्रिज को देखा या उसके बारे में सुना होगा, जो दिखने में काफी खूबसूरत और आकर्षक होते हैं। फिर चाहे बात आप चाइना के ग्लास ब्रिज की करें या यूके के रोप ब्रिज की। दुनिया भर से हजारों पर्यटक इनको देखने हर साल आते हैं। वहीं दूसरी तरफ एक ऐसा ब्रिज हैं, जिसकी गिनती दुनिया के सबसे खतरनाक ब्रिज में होती है।

क्या है इस ब्रिज की कहानी?

इस पुल का नाम क्यू इस्वाचक है। ये ब्रिज कुजको गांव को पेरू से जोड़ता है। पेरू के इस ब्रिज का निर्माण यहां के आदिवासी अपने पारंपरिक तौर तरीके से करते हैं। इस पुल पर चलने वाले लोगों की रूह कांप जाती है। अक्सर जो कोई भी इस पर जाने की हिम्मत करता है। वह बीच रास्ते में ही लड़खड़ा कर चीखने चिल्लाने लगता है। यही एक मुख्य वजह है, जिसके चलते इस ब्रिज का नाम दुनिया के सबसे खतरनाक ब्रिज में शुमार है। 

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कितना विशाल है ब्रिज?

इस पुल की लंबाई 120 फीट है। इसका निर्माण यहां के मूलनिवासी जंगली घास से बनी बनी रस्सी के सहारे करते हैं। इस ब्रिज की खास बात ये है कि इसका निर्माण हर साल किया जाता है। वहीं कुजको गांव के जो लोग इस ब्रिज का निर्माण करते हैं, गांव के लोगों के द्वारा उनकी सलामती की दुआ की जाती है। पुल जब बनकर पूरी तरह तैयार हो जाता है। उस वक्त गांव के लोग खुश होकर खूब जश्न मनाते हैं। 

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कितने दिनों में तैयार होता है ब्रिज?

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पुल के निर्माण होने में तकरीबन 3 दिन का समय लगता है। इस पुल को एक नदी के ऊपर बनाया गया है। हर साल यहां पर हजारों की संख्या में विदेशी सैलानी इसको देखने के लिए आते हैं। इसी वजह से पुल को साल 2013 में यूनेस्को द्वारा वर्ल्ड हेरिटेज लिस्ट में शुमार किया गया। हर साल जो सैलानी इस ब्रिज को देखने के लिए यहां पर आते हैं, उन्हीं के पैसों के सहारे गांव की आजीविका चलती है। पेरू में स्थित इस ब्रिज का नाम देश-दुनिया में अक्सर चर्चा का विषय बना रहता है।

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