भारत के 'PLAN-190' से कांप रहा है ड्रैगन!
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लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर तैनात सैनिकों को हर दिन 190 मिनट के एक स्पेशल ड्रिल से गुजरता होता है। इसके तहत करीब 15 हजार फीट की उंचाई पर सैनिक 140 मिनट की फिजिकल एक्सरसाइज करते हैं। इसमें मार्शल आर्ट आदि शामिल हैं। इसके बाद 50 मिनट के आक्रामक गतिविधियों से गुजरना होता है। इसके तहत दुश्मन के पुतले पर राइफल के कटार से हमला करना होता है। टायर को हथौड़े से पीटना और लकड़ी के गट्ठर को कुल्हाड़ी की मदद से जल्दी में दो फाड़ करना होता है।
भारतीय सेना की तवांग ब्रिगेड (कोरिया ब्रिगेड) के सैनिक इस प्लान पर अमल करके खुद को आक्रामक बनाते हैं ताकि दुश्मन को किसी तरह का मौका ही न दिया जाए। सेना के सीनियर अधिकारियों ने हाल में कहा है कि अगर बॉर्डर पर घुसपैठ जारी रहता है तो भारतीय सेना आक्रामक रवैया अपना सकती है। भारतीय सेना ने उंची चोटियों पर दूसरे वर्ल्ड वॉर की तरह बंकर बनाए हैं लेकिन एडवांस तरीके से। इन बंकर में मॉडर्न कम्युनिकेशन सेंटर, सर्विलांस रूम आदि के साथ ही आर्टलरी का कमांड सेंटर होता है। इसके तहत बॉर्डर पर दुश्मन के हरेक हरकत पर नजर रखी जाती है।
भारतीय सेना के प्लान-190 का मकसद 'किल और बी किल्ड' है। माने या तो दुश्मन का संहार करो या फिर लड़ते हुए शहादत दो। बता दें कि हाल ही में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल से करीब 2.5 किलोमीटर की दूरी पर भारतीय सेना ने एक स्पेशल खास युद्ध अभ्यास को भी अंजाम दिया है।
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