यूरोप पर छाने लगे हैं जंग के बादल, पूर्वी यूरोप में तैनात होंगे 3000 से ज़्यादा अमेरिकी सैनिक

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यूरोप पर छाने लगे हैं जंग के बादल, पूर्वी यूरोप में तैनात होंगे 3000 से ज़्यादा अमेरिकी सैनिक
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दुनिया पर छाने लगे जंग के बादल

US TROOPS NEWS: दुनिया में एक बार फिर जंग के बादलों का जमावड़ा यूरोप के आसमान पर नज़र आने लगा है। यूक्रेन और रूस के बीच जो झंझट चल रहा है, उससे बात अब बातों की हद से बाहर निकलने लगी है। और जिस तरह से हालात करवट बदल रहे हैं, जिस तरह से दो बड़ी सैन्य ताक़तें अपनी अपनी ताल ठोंकती दिखाई दे रही हैं।

उससे तो इसी आशंका को बल मिल रहा है कि पूर्वी यूरोप के किसी भी हिस्से में दो महाबली कभी भी टकराने की हालत में एक दूसरे के आमने सामने आकर खड़े हो सकते हैं।

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पिछले कई दिनों से यही कोशिश चल रही थी कि वॉशिंगटन और मॉस्को के बीच चल रही बातचीत किसी ऐसे मोड़ पर जा पहुँचे जहां से अमन का रास्ता निकल सके और जंग के बने हुए हालात को टाला जा सके।

अमेरिका तैनात करेगा 3000 सैनिक

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US FORCE IN EAST EUROPE: मगर वॉशिंगटन और मॉस्को के बीच बर्फ पिघलने का नाम ही नहीं ले रही। आलम ये है कि अब अमेरिका ने युक्रेन के पाले से बैटिंग करने का बड़ा फैसला कर लिया है। तभी तो अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने पूर्वी यूरोप के जर्मनी, पोलैंड और रोमानिया में 3000 हज़ार से ज़्यादा अमेरिकी सैनिकों को तैनात करने का इरादा किया है।

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पेंटागन के प्रवक्ता जॉन किर्बी के मुताबिक आने वाले दिनों में यूरोप के उन हिस्सों में अपनी डिफेंस लाइन को और मज़बूत बनाने की दिशा में कुछ कदम बढ़ाने जा रहे हैं जहां हालात काफी गंभीर बनते जा रहे हैं। ऐसा कदम उठाने के पीछे एक ही मकसद है कि हम जंग के मैदान में अपनी और अपने मित्र राष्ट्रों के हितों की रक्षा कर सकें।

पुतिन की ज़िद से बने जंग के हालात

WORLD WAR ZONE IN HINDI: पेंटागन के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक 2000 सैनिकों की अमेरिका की एक हवाई टुकड़ी पोलैंड में तैनात की जाएगी जबकि 18 कोर की एक यूनिट के क़रीब 1000 सैनिक जर्मनी में मोर्चे पर तैनात होंगे। और रोमानिया में एक ताकतवर तोपखाने की 1000 सैनिकों वाली टुकड़ी को जर्मनी से भेजा जाएगा।

अमेरिका के इस कदम को उठाने के पीछे रुसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन की ज़िद है। क्योंकि पुतिन लगातार अपनी सेना को बेलारूस की सीमा के पास जमा कर रहे हैं। रूस की सेना का बड़ा लावलश्कर इस वक़्त अपने पूरे साजो सामान और बड़े बड़े जंगी सामानों के साथ बेलारूस की सीमा के पास पूरी तरह से मुस्तैद हो गया है।

यूरोप में नाटो सेना एलर्ट

WAR NEWS : इसी सिलसिले में पेंटागन के प्रवक्ता ने साफ किया कि रूस के बढ़ते क़दम को देखते हुए पूर्वी यूरोप में तीन हज़ार से ज़्यादा अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती उन 8500 अमेरिकी सैनिकों के अलावा होगी जो पहले से ही अलर्ट पर मुस्तैद हैं। फौज का ये जमावड़ा ज़्यादातर रुस के यूक्रेन पर हमले के मद्देनज़र है।

नाटो की सेना की एक टुकड़ी जिसे नाटो रिस्पॉन्स फोर्स (NTF) भी कहा जाता है, उसने अभी तक इस झगड़े में अपना कोई दखल या सक्रियता नहीं दिखाई है। इस फोर्स की सक्रियता का फैसला नाटो के 30 सदस्य देशों को मिलकर लेना होता है जिसमें हंगरी भी शामिल है।

दुनिया जानती है कि हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओरबन ने मंगलवार को मॉस्को की यात्रा की थी। और इस यात्रा के दौरान उन्होंने व्लादिमिर पुतिन का साथ देने का वायदा किया है। ये वायदा उस सूरत में लागू हो सकता है जब रुस के ख़िलाफ दुनिया के कई देश पाबंदी लगा दें जिसकी बात बहुत तेजी से चल रही है।

उधर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और नाटो के जनरल सेक्रेटरी जेन्स स्टॉलटेनबर्ग ने ये साफ कर दिया है कि नाटो की सेना फिलहाल यूक्रेन नहीं जाएगी। हालांकि वहां के हालात हर पल बदलते जा रहे हैं और युद्ध के हालात बनते दिखाई दे रहे हैं।

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