इस जंगल से क्यों आती है 'मर जाओ' की आवाज़! आज खुलेगा रहस्य
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जापान (Japan) में एक ऐसा जंगल (Japanese Mysterious Forest) है जहां घुसने पर इंसान अपने ज़हन से अपना काबू खो देता है। ये दुनिया की ऐसी जगह हैं जिसके बारे में लोग जानते तो हैं मगर वहां जाना खतरे से खाली नहीं होता है। लोगों में ‘सुसाइड फॉरेस्ट’ (Suicide Forest) यानी आत्महत्या करने वाला जंगल के नाम से कुख्यात हैं। अपने नाम के मुताबिक इस जगह पर अब तक कई लोगों ने आत्महत्या की है। जंगल को लेकर लोगों में कई तरह की मान्यताएं हैं, जंगल के आसपास रहने वाले लोगों को लगता है कि इस जगह पर भूतों का वास है।
बेहद डरावना है ये जंगल
जब कोई आओकीगाहरा जंगल (Aokigahara Forest) में दाखिल होता है तो उसको कई तरह की चेतावनियां दी जाती है, जापान के टोक्यो से 2 घंटे की दूरी पर 35 वर्ग कीलोमीटर में फैला ये जंगल इतना घना है और यहां छोटे बड़े इतने पड़े हैं कि दूर तक कुछ भी साफ तरह से देख पाना बेहद मुश्किल है। घने पेड़ों के होने के कारण इस जंगल में भटक जाना आसान है मगर इससे बाहर निकल पाना लगभग नामुमकिन। इसी वजह से इस जंगल में आने से लोगों को मना किया जाता है।
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इसलिए खुदकुशी कर लेते हैं लोग
एक रिपोर्ट के मुताबिक जापान की पैराणिक कथाओं में बताया गया है कि इस जंगल में मरने वाले लोगों को आत्माओं का वास है, आधिकारिक रिकॉर्ड्स के अनुसार साल 2003 में इस जंगल में 105 लोगों के शव बरामद हुए थे जिन्होंने यहां आत्महत्या कर ली थी। अधिकतर शव या तो सड़ चुके थे या फिर उन्हें जंगली जानवरों से खा लिया था। माना जाता है कि जंगल इतना घना है कि लोग रास्ता भूल जाते हैं और फिर डर के कारण वो खुद से ही अपनी जान ले लेते हैं।
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जंगल में काम नहीं करते कंपास या मोबाइल
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सबसे ज्यादा हैरानी की बात ये है कि जंगल में कंपास या मोबाइल जैसे उपकरण भी काम नहीं करते हैं, कंपास की सुई यहां कभी सही रास्ता नहीं दिखाती है। इसका कारण ये है कि ज्वालामुखी से निकलने वाले लावा ने मिट्टी का रूप ले लिया है जिसमें आयरन भारी मात्रा में होता है, मैग्नेटिक आयरन के चलते कंपस की सुई हर वक्त हिलती रहती है और सही मार्ग नहीं दिखाती है। दूसरी ओर मोबाइल में भी नेटवर्क नहीं आता है, इस वजह से जंगल के बाहर संपर्क साधना मुश्किल हो जाता है और कोई भी आसानी से रास्ता भूल कर यहां फंस सकता है। जंगल के पास रहने वाले लोगों ने तो यहां तक बताया है कि रात में जंगल से चीखने की आवाजें आती हैं. लोगों का मानना है कि जंगल में अलग-अलग प्रजातियों के पेड़ हैं जो 300 साल से भी पुराने हैं।
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