हिंदुस्तान में यहां है नागलोक, जहां सांप लेते हैं इंसानों की बलि!

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हिंदुस्तान में यहां है नागलोक, जहां सांप लेते हैं इंसानों की बलि!
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छत्तीसगढ़ की सरगुजा पहाड़ियों के आसपास के इस इलाके में इतने ज़्यादा तादाद में सांप निकलते हैं कि इस इलाके का नाम ही अब नागलोक रख दिया गया है। बारिश के महीने में ये इलाका इतना खतरनाक हो जाता है कि यहां सांप के रूप में कदम कदम पर मौत बिछ जाती है, ये सांप कभी भी कहीं से भी निकल आते हैं।

सरगुजा की पहाड़ियों पर बसे करीब दर्जन भर गांवों का यही हाल है, पूरा का पूरा इलाका सर्प दंश झेल रहा है। कहने को तो यहां इंसान रहते हैं लेकिन कब्ज़ा इस इलाके में सांपों का है। सांपों को ये जगह इतनी ज़्यादा पसंद हैं कि वो इसे किसी भी हाल में छोड़ने को तैयार नहीं होते हैं, सैकड़ों कोशिशें की जा चुकी है लेकिन आज तक यहां से सांपों का सफाया नहीं किया जा सका है।

अब तो यहां सांपों को भगाने या पकड़ने की बात भी कोई नहीं करता है, पता है क्यों? क्योंकि यहां इन ज़हरीलों ने इतने लोगों की ज़िंदगियों को डसा है कि अब ये लोग किसी तरह का रिस्क नहीं उठाना चाहते हैं। दरअसल छत्तीसगढ़ के सरगुजा इलाके की पूरी की पूरी बेल्ट ही ज़हरीलों नागों से भरी पड़ी है। यहां कई प्रजातियों के जहरीले नाग पाए जाते हैं, देशभर में इस इलाके को सबसे ज़्यादा ज़हरीला माना जाता है। सपेरे यहीं आकर सांपों को पकड़ते हैं।

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आम दिनों में तो ये ज़मीन के अंदर रहते हैं लेकिन जैसी ही बारिश शुरू होती है, ये ज़मीन से बाहर निकलकर कोहराम मचाने शुरू कर देते हैं। सांपों के डसने की वजह से यहां होने वाली मौतों का आकड़ा देश में सबसे ज़्यादा है। दरअसल इस इलाके में सांपों के आतंक की बहुत बड़ी वजह है इस इलाके की भौगोलिक संरचना। जो देखा जाए तो सांपों के लिए बहुत अनूकूल मानी जाती है।

इन इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए बारिश के वक्त सांपों के खौफ से बचने के लिए मुनादी की जाती है, जिसमें जहरीले नागो से बचने के सिर्फ नुस्खे ही नहीं बताये जाते बल्कि लोगो को जहरीले नाग नागिनो से आगाह भी किया जाता है। यहां इतने सांप हैं कि उन्हें पकड़ना तो मुश्किल है। नागलोक कहे जाने वाले इलाके जैसे खासकर जशपुर, पत्थलगावं, बगीचा, फारशाबाहर और काषा बेल में बारिश आते ही लोग खौफ में आ जाते हैं। क्योंकि बारिश का पानी जैसे ही इन ज़हरीलों के बिलों में घुसता है, ये बाहर निकल आते हैं और फिर इनके सामने जो पड़ता है ये उसकी बलि ले लेते हैं।

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सांपों के काटने के बाद फौरन उपचार की दवाएं यहां घर घर में मिलेंगी क्योंकि सांपों के डसने से मौत से बचने का यही तरीका है। सांप के कांटने के बाद इतनी बड़ी तादाद में लोगों की मौत की एक दूसरी वजह भी है, वो है सांप कांटने के बाद इन लोगों के द्वारा अपनाए जाने वाले देसी नुस्खे।

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यहां लोग खुद भी इन सांपों का डंसने की दावत देते हैं, सरकार ने इन लोगों को सांपों से बचाव करने के लिए मुफ्त पलंग, मच्छरदानी और कटीले तार दिए ताकि ये सांपों से बेखौफ होकर चैन की नींद सो सके, लेकिन उसके बावजूद यहां ज़्यादातर लोग पलंग पर सोने के बजाय जमीन मे सोना ज्यादा पसंद करते हैं। जिसकी वजह से ये बड़ी आसानी से इन ज़हरीले नागों के शिकार बन जाते हैं।

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