Shraddha Case : क्या आफताब पॉलीग्राफ टेस्ट को चकमा देने के लिए भी गूगल पर सब सर्च कर चुका है?

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Shraddha Case : क्या आफताब पॉलीग्राफ टेस्ट को चकमा देने के लिए भी गूगल पर सब सर्च कर चुका है?
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Shraddha Murder Today Case : श्रद्धा मर्डर केस का आरोपी आफताब (Aftab) क्या पॉलीग्राफ टेस्ट (Polygraph Test) को भी गुमराह कर रहा है. उसकी तबीयत खराब होना. बार-बार खांसी आना. फिर कई सवालों पर कुछ कहने के बजाय मुस्कुरा देना. असल में ये माना जा रहा है कि आफताब ने पहले ही गूगल पर सर्च कर लिया था कि आखिर पॉलीग्राफ टेस्ट को कैसे पास किया जा सकता है (How to pass Polygraph Test).

इसे गूगल पर सर्च करने पर तमाम वेबसाइट्स पर टिप्स मिल रहे हैं. जिसे कई तरह की दवाइयां खाने से लेकर कैसे क्या बर्ताव करना है. कैसे दिमाग को कंट्रोल में करना है. कैसे सवाल का जवाब तुरंत नहीं देना है. इसके बजाय हर सवाल का जवाब रुक-रुक कर आराम से सोच कर देना है. ऐसा करने से कोई आरोपी काफी हद तक पॉलीग्राफ टेस्ट को भी चकमा दे सकता है.

क्या दृश्यम फिल्म देखकर सबूत छुपाए

Shraddha Case : मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि पॉलीग्राफ टेस्ट में पता चला है कि आफताब ने मर्डर के बाद सबूतों को मिटाने के लिए दृश्यम फिल्म देखी थी. उस फिल्म से उसे आइडिया मिला था कि किस तरह सबूतों को अलग-अलग काफी दूर कर दिया जाए तो कातिल को पकड़ना मुश्किल हो जाता है. इसलिए उसने श्रद्धा के फोन को दिल्ली से मुंबई ले जाकर भायंदर की खाड़ी में फेंक दिया. जहां से काफी तलाशी के बाद से फोन नहीं मिला है. और ना ही फोन के बरामद होने की कोई उम्मीद है.

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इस फिल्म को देखने के बाद ही आफताब शुरू से अलग-अलग कहानी गढ़ रहा था. हालांकि, उसने किस हद तक नई-नई कहानी बनाई. ये अभी तक साफ नहीं हो पाया है. लेकिन उसकी कहानी के कई सबूत मिले हैं. जैसे मर्डर के बाद श्रद्धा के फोन से कई दिनों तक इंस्टाग्राम पर चैट करना. फिर आफताब का अपने दोस्तों में बताना कि श्रद्धा नाराज होकर उसे छोड़कर कहीं चली गई है. मीडिया रिपोर्ट में पॉलीग्राफ टेस्ट को लेकर आफताब से ये भी पूछा गया कि क्या तुम्हे लगता है कि तुम दृश्यम जैसी फिल्म देखकर बच सकते हो. तो उसने कोई जवाब नहीं दिया.

एक्सपर्ट को लगता है कि श्रद्धा से बेहद नफरत करने लगा था आफताब

 Aftab Brain : आफताब का साइकोलॉजिकल टेस्ट के दौरान एक्सपर्ट को लगा है कि वो श्रद्धा से बेहद नफरत करने लगा था. क्योंकि श्रद्धा को लेकर उसके अंदर कोई इमोशनल या फिर पछतावा जैसा कुछ नहीं था. हालांकि, वो कौन सी बात थी जिसकी वजह से आफताब इस हद तक श्रद्धा से नफरत करने लगा. ये अभी तक पता नहीं चल पाया है.

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इसका पता लगाया जा रहा है. लेकिन अंदाजा लगाया जा रहा है कि श्रद्धा को जिस काम को करने से मना किया जा रहा था उसे श्रद्धा हर हाल में करना चाहती थी या फिर कुछ हद तक उसने कर भी लिया हो. इसलिए आफताब ने पूरी प्लानिंग के साथ उसका मर्डर किया और फिर सबूत जुटाए. इसीलिए उसे इस कत्ल को लेकर कोई पछतावा नहीं है.

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आफताब पारसी है या मुस्लिम, जानें

Aftab religion Parsi or Muslim : श्रद्धा मर्डर केस (Shraddha Murder) में आफताब अमीन पूनावाला आरोपी है. पर आफताब किस धर्म से ताल्लुक रखता है. इसे लेकर लोग खूब सवाल पूछ रहे हैं. आपको बता दें कि आफताब पूनावाला खोजा मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखता है. लेकिन इससे पहले उसके सरनेम पूनावाला की वजह से उसे लोग पारसी समझ रहे थे. लेकिन उसका धर्म खोजा मुस्लिम (Muslim Religion Khoja) है. ये खोजा मुस्लिम समुदाय वही है जिससे पाकिस्तान के कायदे आजम मोहम्मद अली जिन्ना का परिवार रहा है. भारत के प्रमुख अरबपति अजीम प्रेमजी भी खोजा मुस्लिम कम्युनिटी से ही आते हैं. आखिर खोजा मुस्लिम क्या है (What is Khoja Muslim). उसे जानते हैं.

खोजा व्यापारी समुदाय है

Aftab Poonawalla Muslim Religion Khoja Community : खोजा वैसे एक व्यापारी समुदाय है. इस धर्म के ज्यादातर लोग गुजरात और महाराष्ट्र में रहते हैं. इस समुदाय के लोग शिया और सुन्नी दोनों इस्लाम मानते हैं. इस समुदाय के लोगों की भारत में शुरुआत कई सदी पहले गुजरात से हुई थी. यहां के व्यापारी समुदाय के लोगों ने इस धर्म को अपनाया था. वही अब महाराष्ट्र में भी रहने लगे हैं. अफ्रीकी देश के पूर्वी इलाके में भी काफी संख्या में रहते हैं.

हिंदू धर्म से कन्वर्ट होकर खोजा मुस्लिम बने

ब्रिटैनिका वेबसाइट के अनुसार, खोजा पहले हिंदू जाति थी. 14वीं सदी में कई भारतीयों को इस्लाम धर्म में शामिल कराया गया था. इसे फारसी पीर सदर अल दीन ने पूरा कराया था. कहा जाता है कि कुछ लोग अपनी मर्जी से कन्वर्ट हुए थे तो कुछ लोग पर दबाव बनाया गया था. धमकाकर लोगों को जबर्दस्ती ये धर्म अपनाने के लिए मजबूर किया गया था. ये सभी लोग उस समय शिया इस्माइली संप्रदाय से जुड़े थे. इनमें से कुछ सुन्नी समुदाय से भी ताल्लुक रखने लगे थे.

19वीं सदी में भारत में जब इस्माइली इमामत की स्थापनी हुई तब इसका मकसद समुदाय को एकजुट करना था. इसकी वजह से कुछ खोजा मुस्लिम इस्ना अशअरी बन गए तो कुछ ने सुन्नी धर्म को अपना लिया. खोजा समुदाय के कुछ रीति-रिवाज हिंदुओं से मिलते-जुलते हैं. इस समुदाय से जुड़ी कुछ महिलाएं तो आज भी स्वामी नारायण की पूजा करती हैं. बच्चे पैदा होने पर छठी भी मनाती हैं.

पूरी दुनिया में 6.5 लाख से ज्यादा खोजा मुस्लिम

पूरी दुनिया में इस समय साढ़े 6 लाख से ज्यादा खोजा मुस्लिम समुदाय से जुड़े लोगों की आबादी है. इस समुदाय से जुड़े लोग ज्यादातर बिजनेस से जुड़े हैं. इन्हें एक प्रगतिशील समुदाय माना जाता है. इस समय भारत में करीब 5 लाख खोजा समुदाय से ताल्लुक रखने वाले लोग रहते हैं. यानी पूरी दुनिया में 80 प्रतिशत ज्यादा खोजा समुदाय के लोग इंडिया में ही रहते हैं. बिजनेस के अलावा इंजीनियरिंग और वकालत में हैं.

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