इकलौता आदमखोर जो सेलिब्रिटी बन गया!

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अश्वनी सिंह की रिपोर्ट

JAPANI CANNIBALISM

बचपन

इस कहानी की शुरु होती है जापान से , यहां पर इसेई सगावा नाम के एक लड़के का जन्म 26 अप्रैल ,1949 को जापान के कोबे शहर में हुआ। रईस खानदान से ताल्लुक रखने वाले इसेई के पिता बिजनेसमैन थे जबकि उनकी मां एडिटर थीं।

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इसेई का जन्म तय वक्त से पहले हुआ था और वो प्री-मैच्योर बेबी था। जैसे-जैसे वो बड़ा होता है उसका शारीरिक विकास नहीं होता है।

उसकी लंबाई महज 5 फीट रह जाती है और हाथ-पांव बेहद छोटे-छोटे और पतले होते हैं। अपनी इसी कमजोर काठी की वजह से उसने बच्चों के साथ घुलना-मिलना छोड़ दिया था और वो अकेला ही रहने लगा।

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इसेई के मां-बाप ने उसका दाखिला जापान के कमाकुरा शहर के एक स्कूल में करा दिया। बड़े होते इसेई को अजीब आकर्षण होने लगा, वो लोगों की टांगे देखता और उसे इंसानी टांगों का मांस खाने का मन करता।

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इसेई का मन अब इंसानी मांस खाने के लिए बहुत ज्यादा करने लगा था। हालांकि उसने अपने मन की बात का जिक्र किसी से नहीं किया था। साथ ही उसकी सेक्स करने की इच्छा भी बहुत ज्यादा बढ़ गई थी। वो इतना उत्तेजित हो जाता था कि कई बार उसने अपने कुत्ते के साथ ही सेक्स कर डाला था।

यूनीवर्सिटी में एडमिशन

इसेई जापान की वाको यूनीवर्सिटी में दाखिला लेता है। एक दिन अचानक उसकी नजर एक जर्मन लड़की पर पड़ती है। बेहद खूबसूरत उस लड़की की टांगे देखकर इसेई पागल हो गया। उसने तय कर लिया कि वो इसी लड़की की टांगों का मांस चखेगा। वो उसका पीछा करते हुए उसके अपार्टमेंट तक पहुंच जाता है। जब वो लड़की सो जाती है तो इसेई उसके अपार्टमेंट में दाखिल हो जाता है।

इससे पहले वो लड़की को अपना निशाना बना पाता लड़की की नींद खुल जाती है और वो शोर मचा देती है। शोर सुनकर लोग जाग जाते हैं और इसेई मौके पर ही पकड़ा जाता है। पुलिस मौके पर आती है और लड़की इसेई पर हत्या का प्रयास का मामला दर्ज कराती है। खबर इसेई के मां-बाप तक भी पहुंचती है।

रईस खानदान से ताल्लुक रखने वाले इसेई के मां-बाप पैसे के बल पर मामले को रफा-दफा करा देते हैं। हालांकि ना तो मां-बाप और ना ही पुलिस इसेई के मन की वो बात नहीं जान पाती कि आखिर वो क्यों लड़की के अपार्टमेंट में घुसा था। मामला आया गया हो जाता है और इसेई बैचलर ड्रिग्री कर के जापान की ही कानसाई यूनीवर्सिटी में मास्टर की पढ़ाई के लिए दाखिल ले लेता है।

फ्रांस में क़त्ल

रईस परिवार से ताल्लुक रखने वाला इसेई पीएचडी करने के लिए फ्रांस आ जाता है। साल 1977 में वो पढ़ाई करने के लिए फ्रांस आ चुका था। यहां पहुंचने के बाद भी इसेई के जहन से इंसानी मांस खाने की इच्छा नहीं जाती । उसके दिमाग में इंसानी मांस खाने की बात घूमती रहती थी। हालांकि उसको मौका नहीं मिला वो सेक्स फिल्मों से काम चला लेता। ऐसे सब करते करते 4 साल का वक्त बीत गया।


पढ़ाई के दौरान ही उसकी मुलाकात एक लड़की से हो जाती है ,जिसका नाम था रिनी हॉर्टीवेल्ट, वह नीदरलैंड की रहनेवाली थी। तकरीबन 25 साल की उम्र ,लंबी कद-काठी की रिनी की दोस्ती इसेई से हो जाती है। रिनी भी उसको अपना अच्छा दोस्त समझने लगती है।

11 जून 1981 के दिन इसेई रिनी को पोएट्री ट्रांसलेशन के बहाने अपने घर पर बुलाता है। रिनी इसेई पर भरोसा कर उसके फ्लैट पर पहुंच जाती है। इसेई का फ्लैट फ्रांस के 10 रुई इरलेंजर के नाम की जगह पर था।

रिनी को नहीं मालूम था कि इसेई के इरादे क्या हैं। इसेई को लगता था कि मांस खाने के बाद उसके जिस्म में बहुत सी शक्तियां पैदा हो जाएंगी। उसे लगता था इसी की कमी की वजह से वो शुरूआत से कमजोर और छोटा रह गया।

जब पहली बार चखा इंसानी मीट का स्वाद


रिनी अपार्टमेंट में आने के बाद टेबल पर बैठकर कविता पढ़ने लगती है। इसेई अपनी राइफल से रिनी को गोली मार देता है उसकी मौके पर ही मौत हो जाती है। रिनी की जान निकलते ही इसेई भी बेहोश हो जाता है।

कुछ देर बाद इसेई को होश आता है और वो रिनी की डेडबॉडी के साथ रेप करता है। रेप करने के बाद अब वो अपनी उस ख्वाहिश को पूरा करना चाह रहा था जिसका सपना वो बचपन से देख रहा था। वो रिनी के पैर को चबाने की कोशिश करता है लेकिन कामयाब नहीं हो पाता।

इंसानी मांस खाने के लिए बेचैन इसेई रिनी की लाश को अपार्टमेंट ही छोड़कर सीधे सुपर मार्केट पहुंचता है। वहां से वो बड़े चाकू खरीदता है जिसका इस्तेमाल कसाई जानवरों के टुकड़े करने में करते हैं। सुपरमार्केट से आने के बाद वो लड़की के जिस्म के मांस को उस चाकू की मदद से काटने लगता है। सबसे पहले वो ब्रेस्ट काट कर खाता है। फिर चेहरे के मांस को काटकर उसे भी खा लेता है।

अब वो लड़की के टांगो के मांस को काटकर उसे भी खा लेता है। ये आदमखोर इतने पर ही नहीं रुका कुछ हिस्से को काटकर उसे बाद में खाने के लिए फ्रिज में भी रख देता है। इस प्रकार से वो अपने बचपन की ख्वाहिश पूरी कर लेता है। ये आदमखोर इतना अजीब था की इसने शरीर के कुछ हिस्सों को काटकर कच्चा ही खाया तो वहीं कुछ को उबाल कर भी खाया।


उसको ये सब करने में इतनी खुशी मिल रही थी कि वो शरीर के जिस भी हिस्से को काटकर खाता है ठीक उसी वक्त उस लड़की के जिस्म की तस्वीरे भी निकाल लेता था। इस तरह से वो हर एक लम्हे का लुत्फ उठा रहा था। दो दिन तक जितना काटना था , काटकर खा लिया और बाद में खाने के लिए फ्रिज में रखने के बाद जो भी लड़की के शरीर का हिस्सा बचा रह गया अब उसको इसने ठिकाने लगाने की सोची।

उसने लड़की के बचे हुए अवशेष को एक सूटकेस में डाला और उसको ठिकाने लगाने के लिए एक तालाब के किनारे फेंक दिया। ये तालाब उसके अपार्टमेंट से थोड़े ही दूरी पर था, जिसका नाम बाइस डे बौलोगने था। इत्तेफाक से जब यह सूटकेस ठिकाने लगाने जा रहा होता है उसी वक्त इसका सामना पुलिस से हो जाता है।

रंगे हाथों पकड़े जाने के बाद पुलिस इसेई के अपार्टमेंट पर रेड मारती है । घर का मंजर देखकर पुलिस सन्न रह जाता है। इसेई के फ्रिज से इंसानी मांस के टुकड़े मिलते हैं । पुलिस को लाश की तस्वीरे भी मिलती है जिसे वो सबूत के तौर पर जब्त कर लेती है। अगले ही दिन जापान से लेकर फ्रांस तक के सारे अखबारों में ये केस सुर्खियां बटोरने लगा।

ऐसा पीएचडी स्टूडेंट जो अपनी दोस्त को मारकरउसे खा गया। वहीं जापान में ये खबर सुनकर इसेई के मां-बाप बेहद परेशान हो गए। वो भी फ्रांस पहुंचते हैं, उन्हें यकीन नहीं हो रहा था कि उनका बेटा कुछ ऐसा भी कर सकता है।

बदनाम होकर हुआ नाम

मुकदमा फ्रांस में चलता है । संपन्न परिवार से होने की वजह से इसेई का केस एक जाने माने वकील को दिया जाता है। हालांकि दो साल तक कोई ट्रायल ही नहीं होता । इस मर्डर के ठीक दो साल के बाद वहां के जज मिस्टर जीन लुइस ब्रग यूरीज ने इसेई को मेंटली अनफिट करार दे दिया।

साथ ही कोर्ट पुलिस को आश्वस्त करता है कि सगावा को मेंटल इंस्टीट्यूशन में भर्ती करा दिया जाए। कुछ वक्त बीतने के बाद फ्रांस के लोग अपनी सरकार से दर्खास्त करते हैं कि हमारे टैक्स के पैसों से ऐसे मेंटली अनस्टेबल क्रिमिनल के लिए यह पर कोई जगह नहीं है। उसको दोनों सरकारों की सहमति से जापान के हवाले कर दिया जाता है।

जापान जाने के बाद उसको मात्सुजावा अस्पताल में दाखिल किया जाता है,वहां के मनोवैज्ञानिक चिकित्सक सगावा की दिमागी हालत की जांच करते हैं। जिससे वो इस नतीजे पर पहुंचते है कि इसेई दिमागी तौर से बीमार है । जापान की सरकार इसेई को ज्यादा दिन तक मेंटल इंस्टीट्यूशन में नहीं रख पाते।

उसकी वजह ये थी कि जब उसको वापस लाया गया था तब ठीक तरह से दस्तावेज़ या डॉक्यूमेंटेशन नही किया गया था। उनके पास सही कागजात नहीं थे जिससे उसे ज्यादा दिन तक अस्पताल में रख पाएं । इसलिए उसे मजबूरन कानूनी प्रक्रिया के बाद अस्पताल से छोड़ दिया गया।

12 अगस्त 1986 को वो पागलखाने से बाहर आ जाता है । अब वह आजाद था और आम जिंदगी जीने लगता है। इसेई अभी भी जापान में जिंदा है उसे जापानी कैनिबल किलर के नाम से जाना जाता है। इस पर बहुत सारी डॉक्यूमेंट्री और टीवी शो बने हैं ।

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