चीन पर नकेल कसने का ब्लूप्रिंट तैयार, अब चारों खाने चित होगा चीन

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चीन पर नकेल कसने का ब्लूप्रिंट तैयार, अब चारों खाने चित होगा चीन
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साउथ चाइना सी में चीन को सबक सिखाने के लिए भारत चार घातक युद्धपोत भेज रहा है और अमेरिका समेत सात देशों के साथ समंदर मे युद्धाभ्यास करेगा। भारत की इस तैयारी से चीन तिलमिला उठा है लेकिन गलवान की हिंसक झड़प के बाद से ही भारत चीन को घेरने की तैयारी कर रहा है और अब वो वक्ता आ चुका है जब चीन को उसके ही घर में घुसकर घेरने की तैयारी हो रही है।

लद्दाख में आंखे लाल करने वाले चीन की चालाकियों का भारत साउथ चाइना सी में इलाज करने जा रहा है, साउथ चाइना सी में अब चीन की दादागीरी नहीं चलेगी। क्योंकि यहां भारत अपने 4 घातक युद्धपोत भेजेगा, जो 2 महीने तक ड्रैगन के दुश्मन देशों जिनमें वियतनाम, ऑस्‍ट्रेलिया, मलेशिया, इंडोनेशिया और फिलीपीन्स शामिल है उनके साथ युद्धाभ्यास करेंगे। लद्दाख में मुंह की खा चुके चीन को भारत ने उसके घर में घुसकर घेरने की तैयारी शुरू कर दी है। भारत के सख्त तेवर से चीन डरा हुआ है, और उसे साउथ चाइना सी में अपनी बादशाहत खोने का डर सता रहा है।

चीन पर नकेल कसने के लिए भारत जिन युद्धपोतों को भेज रहा है। उनमें,

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  • भारत के गाइडेड मिसाइल डेस्ट्रायर

  • गाइडेड मिसाइल फ्रीगेट

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  • एंटी सबमरीन पोत

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  • और गाइडेड मिसाइल पोत शामिल हैं।

  • भारतीय युद्धपोत अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया, वियतनाम, मलेशिया, इंडोनेशिया और फिलीपींस के साथ युद्धाभ्यास करेंगे, इंडियन नेवी के ये युद्धपोत ऐसे वक्त पर भेजे जा रहे हैं, जब ताइवान पर चीन के हमले का खतरा मंडरा रहा है। यही नहीं चीन की दादागीरी से पूरे साउथ चाइना सी में उसके पड़ोसी देश परेशान हैं, चाहे वियतनाम हो या फिर इंडोनेशिया।

    भारतीय नौसेना के अधिकारियों के मुताबिक दक्षिण चीन सागर मे भारत मित्र देशों के शांति बनाए रखना चाहता है, लेकिन चीन की चौधराहट से उसके पड़ोसी देश मुश्किल में हैं। भारत ने साफ कर दिया है कि उसके वॉरशिप का डिप्लायमेंट साउथ चाइना सी में शांति कायम करने की कड़ी का हिस्सा है। भारतीय जहाज गुआम के तट पर अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ संयुक्त युद्ध अभ्यास में हिस्सा लेंगे।

    हालांकि भारतीय सेना पारंपरिक रूप से चीन का विरोध करने से बचती रही है, लेकिन पिछले साल गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद भारत का मूड सख्त हो चुका है। क्या ऐसे में चीन के दुश्मन देशों के साथ मिलकर उसकी घेरेबंदी करनी चाहिए। इसके बाद से भारत, चीन की चौकड़ी ढीला करने के लिए रणनीतिक तौर पर अमेरिका से हाथ मिला लिया है। पिछले हफ्ते ही ब्रिटेन का एयरक्राफ्ट कैरियर इस इलाके से गुजरा है। यही नहीं अमेरिका के महाविनाशक युद्धपोत इस इलाके से अक्सर गुजरते रहते हैं।

    साउथ चाइना सी के समर में ऑस्ट्रेलिया ने कई बार चीन को चुनौती दी है, हालांकि चीन साउथ चाइना सी को अपना क्षेत्र मानता है, जबकि इस पर दावा करने वाले देश चीन के दावे को मान्यता नहीं देते हैं।

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