इस परिंदे को मारकर अपनी सेक्स पॉवर बढ़ाते हैं अरब के शेख़!

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इस परिंदे को मारकर अपनी सेक्स पॉवर बढ़ाते हैं अरब के शेख़!
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किसी ने कहा था कि लाइफ में आराम हो, तो आइडियाज़ खुद ब खुद आते हैं। अरब के रईस शेखों पर ये कहावत बहुत फिट बैठती है। ज़मीन से निकलने वाले तेल ने इनके खज़ाने इतने भर दिए हैं कि खर्च नहीं हो पा रहे हैं। तो इन लोगों पैसों को खर्च करने के लिए महंगे शौक़ पाल लिए हैं।

इनके दूसरे तमाम महंगे शौक, जिनमें सोने की कार, पर्सनल प्लेन, पर्सनल यॉट और सोने के हथियार जैसी तमाम चीज़ें आप सुन चुके हैं। मगर अब सुनिए इन अरब के शेखों का अजीबोगरीब शौक़। भाई लोग चिड़िया मारने के लिए हज़ारों लाखों डॉलर खर्च कर रहे हैं। और पाकिस्तान की लॉटरी इसलिए लग गई है क्योंकि इन्होंने अपने इस शौक को पूरा करने के लिए जो जगह चुनी है वो पाकिस्तान है।

दरअसल अरब देशों के रईस शेखों को धुन सवार है प्रतिबंधित हुबॉरा पक्षियों (Houbara Bustard Hunting) का शिकार करने की। दुनिया के जिन देशों में हुबॉरा पक्षी पाए जाते हैं वहां उनका शिकार प्रतिबंधित है। मगर पाकिस्‍तान ने पैसों की लालच में अपने नियम कानूनों को ताक़ पर रख दिया है। अब पाकिस्तान के खास मेहमानों यानी अरब के शेखों को इन परिंदों का शिकार करने की इजाज़त दे दी है।

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ये मेहरबानी पाकिस्तान इसलिए करता है क्योंकि अरब शेखों के अपनी जेबें झाड़ देने से ही पाकिस्तान का खजाना भर जाता है। तो सवाल ये कि आखिर अरब देशों के रईस शेखों को हुबॉरा पक्षियों का शिकार ही क्यों करना है, वो अपने अपने देशों में पक्षियों का शिकार क्यों नहीं कर लेते। तो जनाब, इस खास शिकार की कहानी यहीं से शुरु होती है।

हुबॉरा जिसे हम हिंदुस्तानी सोन चिरैया के नाम से भी जानते हैं। उसके बारे में कहा जाता है कि उसका गोश्त खाने से मर्दो में सेक्स पॉवर में गज़ब का इज़ाफा हो जाता है। मगर हम इन दावों की पुष्टि नहीं कर रहे हैं। सोन चिरैया का शिकार भारत में प्रतिबंधित भी है।

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सोन चिरैया की बस इसी खासियत की वजह से इन बेजुबानों के शिकार के लिए अरब के शेख हर साल पाकिस्‍तान पहुंचते हैं। और अपने इस शौक को पूरा करने के लिए वो पाकिस्‍तान को बहुत पैसे देते हैं। इसलिए पाकिस्तान सरकार खुद अरब के शेखों को हुबॉरा पक्ष‍ियों के शिकार का न्‍यौता देती है।

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हुबॉरा पक्षी अंत‍रराष्‍ट्रीय स्‍तर पर संरक्षित प्रजातियों की श्रेणी में आते हैं और इनका शिकार प्रतिबंधित है। हालांकि शिकार पर ये प्रतिबंध खाड़ी देशों के शेखों पर लागू नहीं होते हैं। ये अपनी सेक्‍स पावर को बढ़ाने के लिए इन बेजुबानों की हत्‍या करके उनका मांस खाते हैं। वहीं कर्ज के तले डूबा कंगाल पाकिस्‍तान को ये शेख शिकार के नाम पर मोटी-मोटी फीस वसूलकर अपना खजाना भर रहा है।

यूएई और सऊदी अरब के अरबों डॉलर के कर्ज के पहाड़ तले दबे पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शाही परिवार को अपने देश में बेजुबानों की हत्‍या करने की अनुमति दे रखी है। पाकिस्‍तान में सोन चिरैया के शिकार के लिए खाड़ी देशों के शाही घराने को शिकार का न्‍यौता पहले भी दिया जाता रहा है। पिछले 4 दशक से ये गुप्‍त और निजी शिकार अभियान पाकिस्‍तान में बदस्‍तूर जारी है। शिकार के लिए ये शेख बाज का इस्‍तेमाल करते हैं।

अरब देशों के लोग पिछले कई हजार साल से हुबॉरा पक्षियों का शिकार करते आ रहे हैं और अब भी ये सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। सेक्‍स पावर बढ़ाने के चक्कर में ये शेख पाकिस्‍तान खिंचे चले आते हैं। हुबॉरा पक्षियों के शिकार के बाद उसके मांस को स्‍पेनिश मक्खियों और वियाग्रा के बीच रखा जाता है।

स्‍पेनिश मक्खियों को भी सेक्‍स पावर बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। हुबारा पक्षियों को लंबे समय से यौन शक्तिवर्द्धक एक दवा के रूप में प्रचारित किया जाता रहा है। ऐसी मान्यता है कि अपनी सेक्स क्षमता बढ़ाने के लिए लोग बरसों से होबारा का शिकार करते रहे है। इस वजह से इसकी तादाद तेजी से कम हुई। कुछ विशेषज्ञों के मुताबिक इसके मांस में इतनी क्षमता होती है कि इसका सेवन करने से लम्बे समय तक सेक्स क्षमता बरकरार रहती है। वहीं कई विशेषज्ञ सिर्फ इस मिथक के कारण एक बेहद खूबसूरत पक्षी का मारने को बेतुका ठहराते है। थार के रेगिस्तान में हुबॉरा के मांस को लेकर कई मिथक प्रचलित है। इसे बहुत गरम और शक्तिवर्धक माना जाता रहा है। यही वजह है कि खाड़ी देशों के धनी लोग बेतहाशा पैसा खर्च करके पाकिस्‍तान में शिकार करते हैं और अपने काम वासना को बढ़ाने की कोशिश करते हैं।

अब सवाल ये है कि अरब के शेख हुबॉरा पक्षी का शिकार करते कैसे हैं? पाकिस्तान में शिकार को पहुंचने वाले अरब शेख अपने साथ ट्रैंड किए हुए बाज लेकर आते है। ये बाज़ हुबॉरा को देखते ही उस पर टूट पड़ते है। ज़्यादा ऊंचाई पर उड़ने वाले बाज़ एक दम झपटा मारकर हुबॉरा को घायल कर देते हैं। बाज के पीछे गाड़ी लेकर चल रहे अरब शेख हुबॉरा के नीचे गिरते ही उठा लेते है। वहीं बाज के साथ ही अरब शेख खुद भी बन्दूक से निशाना साधकर हुबॉरा का शिकार करते है। हुबॉरा पर निशाना साधने के लिए शिकारी को बहुत कुशल होना पड़ता है। हुबॉरा बहुत चतुर पक्षी माना जाता है। थोड़े बहुत खतरे का अहसास होते ही ये लम्बी उड़ान भर लेता है। ऐसे में आसमान में उड़ते समय इस पर निशाना साधा जाता है।

हुबॉरा पक्षी दक्षिण एशिया, मध्‍य पूर्व और अफ्रीका में पाए जाते हैं। ये पक्षी ठंड से बचने के लिए पाकिस्‍तान आते हैं। कुछ पक्षी ईरान भी जाते हैं। एक अनुमान के मुताबिक 42 हजार एशियाई हुबॉरा और 22 हजार ऊत्‍तरी अफ्रीकी हुबॉरा पक्षी बचे हुए हैं। हुबॉरा या तिलोर पक्षी शर्मीला लेकिन बेहद खूबसूरत होता है और आकार में टर्की चिड़िया जैसा दिखाई देता है।

अरब देशों के शेखों के साथ पाकिस्तान के अच्छे संबंध हैं। अरब के शाही परिवार के लोग हर साल सर्दी में हुबॉरा प्रजाति की सोहन चिड़िया का शिकार करने के लिए बलूचिस्तान आते हैं। मगर कुछ ज़्यादा ही खातिरदारी के चक्कर में पाकिस्तान को कई बार नुकसान भी हो जाता है। अरब के शेख प्रिंस फहद ने एक साल हुबॉरा पक्षियों के शिकार के लिए जरूरी एक लाख डॉलर की फीस को भी पाकिस्‍तान सरकार को नहीं दिया था। यही नहीं प्रिंस फहद ने 60 बाज के इस्‍तेमाल के लिए जरूरी 60 हजार डॉलर की फीस को भी नहीं दिया था। हुबॉरा के शिकार के बाद प्रिंस फहद फीस दिए बिना ही वापस सऊदी अरब चले गए थे। प्रिंस फहद की दादागिरी का आलम ये था कि उन्‍होंने 2000 हुबॉरा पक्षियों का शिकार किया जबकि उन्हें महज़ 100 पक्षियों के शिकार की अनुमति दी गई थी।

पाकिस्‍तान के बलूचिस्तान प्रांत को शिकार के हर सीज़न में कम से कम 2 अरब रुपये की कमाई होती है। खाड़ी के शेख अपना पूरा काफिला लेकर आते हैं जिससे स्‍थानीय लोगों की बहुत कमाई होती है।

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