DSP Surender Singh Murder: तो क्या DSP की मौत साजिश है या फिर DSP का स्टाफ फर्ज निभाने में चूक गया ? किसकी गलती ? सवाल कई
DSP Surender Singh: कैसे पहुंचे थे मौके पर DSP ?, किसने दी थी सूचना ? , क्या था पूरा माजरा ? , कैसे डंपर की चपेट में आ गए DSP ? पढ़िए INSIDE STORY, तो क्या DSP का स्टाफ फर्ज निभाने में चूक गया ?
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Haryana Crime News: 'साइड से हट जाओ, वरना गोली मार देंगे...' ये कहना था डंपर चालक का, जिसने DSP सुरेंद्र सिंह पर डंपर चढ़ा दिया था। बाद में DSP की मौत हो गई थी। इस सिलसिले में पुलिस ने आरोपी को एक एनकाउंटर के बाद गिरफ्तार कर लिया। अब इस पर कई सवाल खड़े हो गए है।
हरियाणा के नूंह जिले में अवैध खनन की जांच करने गए (DSP) सुरेंद्र सिंह बिश्नोई की मंगलवार को हत्या कर दी गई। तावडू के डीएसपी ने दस्तावेज की जांच के लिए एक डंपर को रुकने का इशारा किया था, लेकिन बाद में चालक ने रफ्तार बढ़ाते हुए उन्हें कुचल डाला। DSP के ड्राइवर और सुरक्षाकर्मियों ने सड़क के किनारे कूदकर अपनी जान बचाई, लेकिन सुरेंद्र सिंह नहीं बच पाए।
ऐसे आए DSP डंपर की चपेट में ?
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डीएसपी सुरेंद्र सिंह के अगुवाई में SHO थाना सदर तावडू, ASI संजय कुमार, अंगरक्षक उमेश कुमार और गाड़ी ड्राइवर सरकारी गाड़ी से अवैध खनन को रोकने पहुंचे थे। पंचगांव की पहाड़ी पर एक डंपर अवैध रूप से खनन किए गए पत्थर लेकर जा रहा था।
जानकारी मिलते ही DSP की गाड़ी ने डंपर का पीछा किया। उस दौरान डंपर चालक और उसमें बैठे तीन-चार युवक पहाड़ी पर चढ़ गए। इसके बाद डंपर को ओवरटेक किया गया। DSP अन्यों के साथ अपनी गाड़ी से उतरे और डंपर ड्राइवर और अन्य लड़कों को गाड़ी से नीचे उतरने को कहा। उस दौरान डंपर ड्राइवर देसी कट्टा दिखाकर बोला - 'साइड से हट जाओ, वरना गोली मार देंगे।'
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चश्मदीदों ने बताया कि डंपर में मौजूद लोग बोले कि इन पुलिसवालों को गाड़ी रोकने का सबक सिखा देते है। इतने में ही ड्राइवर मित्तर ने जान से मारने की नीयत से डंपर पुलिसकर्मियों के ऊपर चढ़ा दिया।
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इतने में दूसरे पुलिसकर्मी छलांग लगाकर दूर हो गए लेकिन DSP सुरेंद्र सिंह बिश्नोई डंपर की चपेट में आ गए। हालांकि, इसके बाद पुलिस ने एनकाउंटर कर डंपर चालक को घायल कर गिरफ्तार कर लिया।
लेकिन यहां कई सवाल खड़े होते हैं, मसलन
1. इससे पहले भी इलाके में अवैध खन्न होता रहा है, आज किस सूत्र ने DSP को क्या जानकारी दी थी ?
2.DSP अन्य स्टाफ के साथ कितने बजे मौके पर पहुंचे थे ?
3. क्या अवैध खन्न के बारे में किसी ने सूचना दी थी या फिर RANDOM RAID के जरिए पता चला था कि अवैध खन्न हो रहा है ?
4. जब ये घटना हुई, उस वक्त DSP के साथ मौजूद लोगों ने उन्हें बचाने की कोशिश क्यों नहीं की और अगर की तो क्या कोशिशें की ?
5. क्या इस घटना के बाद DSP के साथ आए लोग मौके से भाग गए थे ? या वो मौके पर ही थे ?
6. कैसे डंपर चालक मौके से फरार हो गया ?
7. जब डंपर चालक फरार हो रहा था तो DSP के साथ आया अन्य स्टाफ क्या कर रहा था ?
8. क्या अपने DSP की ये हालत देख, DSP का पूरा स्टाफ उन्हें बचाने लग गया था या फिर वो डंपर चालक से डर गया था कि कहीं उन पर भी डंपर न चढ़ा दिया जाए ?
9.बाद में कैसे डंपर चालक पकड़ा गया ?
10. क्या DSP की मौत के पीछे कोई साजिश है ?
11. डंपर में कितने लोग सवार थे ?
12. क्या अति आत्मविश्वास की वजह से DSP ने गुंडों को ललकारा था और इसी वजह से उनकी जान गई ?
13. इस घटना का सही SEQUENCE OF EVENTS क्या है ?
14. कैसे डंपर सिर्फ DSP पर ही चढ़ा, बाकियों पर नहीं, क्या DSP का अन्य स्टाफ उनसे कुछ दूरी पर था, लेकिन क्यों ?
15. जब डंपर चालक फरार हो रहा था, उस वक्त DSP के साथ मौजूद स्टाफ ने गोलियां क्यों नहीं चलाई, अगर चलाई तो क्या ये MISS FIRE थे ?
16. ये बात कही जा रही है कि डंपर चालक ने डंपर से पत्थरों को अनलोड किया , फिर फरार हुआ। क्या ये संभव है ?
ये ऐसे कई सवाल है , जिनका जवाब पुलिस खोजने में लगी है। उसी के बाद स्थिति साफ हो पाएगी।
इस बीच DSP का अंतिम संस्कार हिसार जिले में आदमपुर के पास उनके पैतृक गांव सारंगपुर में होगा। उनके परिवार में पत्नी, एक विवाहित बेटी और एक बेटा है। उनकी बेटी बेंगलुरु के एक बैंक में अधिकारी है और बेटा कनाडा में पढ़ाई कर रहा है। हरियाणा के नूंह जिले में तावडू के पुलिस उपाधीक्षक (DSP) सुरेंद्र सिंह तीन महीने बाद सेवानिवृत्त होने वाले थे।
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