ईरान के राष्ट्रपति का चॉपर क्रैश हादसा या साजिश? इसलिए ट्रेंड में है मोसाद!

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Who is Behind Chopper Crash: ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की हेलिकॉप्टर हादसे में मौत की खबर सुर्खियों में आते ही सोशल मीडिया पर इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद अचानक ट्रेंड करने लगी। हर तरफ दबी छुपी जुबान पर लोग यही बात करते दिखाई दे रहे हैं कि ईरान के दो बड़े और कट्टरपंथी नेता इब्राहिम रईसी के साथ विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियन की मौत कहीं किसी मास्टरप्लान का हिस्सा तो नहीं?

अजरबैजान सीमा से लौट रहा था हेलिकॉप्टर

अजरबैजान की सीमा से लौटते समय घने कोहरे वाली पहाड़ी पर हेलीकॉप्टर रविवार 19 मई को शाम 7 बजे के करीब क्रैश हुआ था। ये चॉपर राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और उनके साथ नौ और लोगों को लेकर आ रहा था। हेलिकॉप्टर क्रैश होने के 16 घंटे के बाद सोमवार की सुबह घने कोहरे में छुपा चॉपर का जब मलबा मिला तो इस बात की आशंका सामने आ गई कि उस पर सवार कोई भी जिंदा नहीं बचा।

हेलिकॉप्टर क्रैश में मारे गए नौ लोग

उसके बाद ही ईरान के मीडिया ने इस बात की पुष्टि की कि राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और उनके विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियन समेत सभी 9 लोग इस हादसे का शिकार हो गए। इब्राहिम रईसी अजरबैजान से सटी सीमा पर एक डैम का उद्घाटन करने गए थे और वहां से वह लौट रहे थे। इसी दौरान उनका हेलिकॉप्टर हादसे का शिकार हुआ। 

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Israel ने दी थी चेतावनी

अब हादसे को लेकर कई सवाल भी उठने लगे हैं। सारी दुनिया जानती है कि इजरायल और ईरान एक दूसरे के जानी दुश्मन हैं। दुनिया ने ये भी देखा कि हाल ही में ईरान ने इजरायल पर एक के बाद एक कई मिसाइल हमले किए थे। इजरायल ने सभी ईरानी मिसाइल को मार गिराया था और जवाबी हमला भी किया था। इस दौरान इजरायल ने बदला लेने की चेतावनी भी दी थी। 

मारे गए दोनों नेता कट्टरपंथी

खुलासा यही है कि 63 साल के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और उनके साथ हादसे का शिकार हुए उस चॉपर में सवाल विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियन का नाम ईरान के कट्टरपंथी नेताओं में शुमार किया जाता था। और इन दोनों को ही तेहरान का कसाई यानी बुचर ऑफ तेहरान कहा जाता था। असल में इन दोनों नेताओं को ये खिताब इसलिए दिया गया था क्योंकि 1988 में ईरान के बाहर हजारों लोगों के कत्लेआम के लिए इन्हीं दोनों को जिम्मेदार माना जाता है। 

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परमाणु हथियार बनाने की तैयारी

इसके अलावा ये भी माना जाता है कि ईरान को यूरेनियम वाले न्यूक्लियर बम तैयार करने में सक्षम बनाने वालों में इन्हीं दोनों नेताओं का दिमाग है। इसके अलावा इजरायल के खिलाफ बीते कुछ अरसे के दौरान इजरायल के खिलाफ जितने भी मिसाइल अटैक हुए हैं, उसके पीछे भी इन्हीं दोनों नेताओं का दिमाग माना जाता रहा है। 

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Mosad का हाथ होने की चर्चा

अमीरबदुल्लाहियन ईरान का कट्टरपंथी था। कहा जाता है कि अमीरबदुल्लाहियन अर्धसैनिक रिवोल्यूशनरी गार्ड का सारा बंदोबस्त खुद देखता था। अमीरबदुल्लाहियन ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर अमेरिका के साथ अप्रत्यक्ष बातचीत की देखरेख करते हुए पश्चिम का सामना किया था। इजरायल-गाजा युद्ध के बाद से ही ईरान और इजरायल के बीच तल्खी बढ़ गई है। ऐसे में चर्चा है कि अगर यह हेलीकॉप्टर हादसा साजिश है, तो इसमें इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद का हाथ हो सकता है।

इजरायल और अजरबैजान के बीच खुफिया रिश्ते

असल में इस बात की आशंका इसलिए जाहिर की जा रही है कि इजरायल और अजरबैजान के बीच खुफिया रिश्ते हैं। दोनों ही देश एक दूसरे के साथ खुफिया जानकारी साझा करते हैं। ईरानी राष्ट्रपति रईसी अजरबैजान से सटी सीमा पर ही डैम का उद्घाटन करने गए थे। हालांकि ईरान और अजरबैजान दोनों शिया मुल्क हैं लेकिन दोनों देशों के बीच जबरदस्त कड़वाहट भी है। 

हादसे की एक वजह घना कोहरा भी

एक मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ईरान के राष्ट्रपति डैम का उद्घाटन करने के बाद ईरान के तबरेज सिटी जा रहे थे। इस बीच हेलीकॉप्टर को करीब 50 किलोमीटर की ही दूरी तय करनी थी। जहां पर यह हादसा हुआ, वह पहाड़ी इलाका है जहां काफी अधिक कोहरा भी था। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार विजिबिलिटी भी 5 मीटर से ज्यादा नहीं थी। आमतौर पर एक हेलीकॉप्टर को उड़ने के लिए 800 मीटर की विजिबिलटी होनी चाहिए। 

साजिश की आशंका से अमेरिका का इनकार

इसी बीच अमेरिका के एक सांसद चक शूमर ने बयान जारी करके कहा है कि उनकी खुफिया एजेंसी एफबीआई से बात हुई है और कहीं भी किसी साजिश की आशंका या कोई सबूत नहीं मिला है। मगर ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के साथ विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियन की मौत के लिए पूरी दुनिया में मोसाद की तरफ उंगली उठने लगी है और साजिश की आशंका जाहिर की जाने लगी है। 

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