जेल में उसने लगा ली थी पैसे छापने की मशीन, देखते ही देखते बना लिए 400 करोड़ रुपये
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कैडिलैक एसकैलाडे -- क़ीमत 1.07 करोड़
लैंबोर्गिनी -- क़ीमत 3.43 करोड़
लैंड क्रूज़र -- 1.47 करोड़
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रेंज रोवर -- 2.11 करोड़
रॉल्स रॉयस -- 9.50 करोड़
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पोर्श -- 3.07 करोड़
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इसुज़ू बस -- 55.60 लाख
बेंटले -- 4.10 करोड़
इसुज़ू मिनी ट्रक -- 12.65 लाख
मर्सिडीज़ -- 2.63 करोड़
एक और बेंटले -- 4.10 करोड़
लैंड रोवर -- 2.11 करोड़
एक और रेंज रोवर -- 2.11 करोड़
ये इस दौर के सबसे बड़े ठग की कहानी है, इसके पास वो अकूत दौलत है जिसका अंदाज़ा भी आप नहीं लगा सकते। सिर्फ इसकी महंगी कारों की बात करें, तो सच्चाई ये है कि आप गिनते-गिनते और हिसाब लगाते-लगाते थक जाएंगे, लेकिन उसकी कारों की क़तार ख़त्म नहीं होगी।
अब इसके घर के अंदर की चीजों के बारे में भी जान लेते हैं,
ग्राउंड फ्लोर
घर के ग्राउंड फ्लोर की दहलीज़ पर पहुंचते ही यहां आपको जो कुछ दिखता है, वो आंखें चौंधिया देने के लिए काफ़ी हैं... डोरमैट से लेकर कालीन तक सबकुछ ब्रान्डेड है... सोफे, गलीचे, कुशन, मसनद क्या कुछ नहीं है यहां? और इन सबके बीच छत से लटकता हुआ एक विशालकाय झूमर मानों की इस कमरे की भव्यता में चार चांद लगा रहा हो...
फर्स्ट फ्लोर
ग्राउंड फ्लोर के बारे में जानकर और नज़ारे को देखकर आपने बिना देखे ही फ़र्स्ट फ्लोर का अंदाज़ा तो जरूर लगा लिया होगा...इस फ्लोर के कमरों में से पहले आप बीच व्यू वाली बालकोनी के बारे में जान लीजिए... चारों ओर बिखरी हरियाली के बीच समंदर की लहरों का मंज़र किसी को भी सुकून से भर देने के लिए काफ़ी है... ऊपर से टैरेस पर लगे फैंसी फर्निचर भी मानों ग़ज़ब ढा रहे हैं...
ड्राइंग रूम
करीने से लगे पर्दे, तरह-तरह की सजावटी चीज़ें और वुडेन फ्लोरिंग के बीच रखे काउच और सोफ़े यहां पहुंचनेवाले किसी भी मेहमान को मेज़बान के रुतबे का अहसास दिलाने के लिए काफ़ी हैं... और जब आप इतनी खास जगह पर होते हैं तो दिल अक्सर रुमानी हो ही जाता है... तो जनाब... आपको बता दें कि यहां दिल बहलाने का भी खास इंतज़ाम है.
मिनी थिएटर
मिनी थिएटर के बारे में भी जान लीजिए.. थिएटर की गद्देदार कुर्सी पर पसर कर 33 एमएम के पर्दे से मिलनेवाले एंटरटेनमेंट का आप आसानी से अंदाज़ा लगा सकते हैं... और अगर किसी मुश्किल सीन पर गला सूखने लगे, तो हलक तर करने के लिए थिएटर के अंदर ही मिनी बार भी मौजूद है....सोने पे सुहागा टाइप
बेड रूम...
बेड रूम ज़रा कोज़ी ज़रूर है... लेकिन बेडरूम में रखे ट्रेड मील से लेकर क्रॉस ट्रेनर मशीन के बारे में पढ़कर आप यहां रहनेवाले लोगों की फिटनेस को लेकर पागलपन का अंदाजा लगा सकते हैं... ठीक इसी तरह सेकेंड फ्लोर से लेकर टैरस तक... और लिविंग रूम से लेकर हर कॉरिडोर तक मानों रईसी ही रईसी टपक रही है...
ब्रांडेड जूते और कपड़े...
और जब नज़र पर्सनालाइज्ड(personalized) चीज़ों पर जाती है, तो दिमाग़ एक बार फिर घूम जाता है... दुनिया के अमीर से अमीर आदमी भला क्या पहनता और क्या ओढ़ता होगा, जो यहां इस मकान में रहनेवाले लोग यूज़ नहीं करते!
लेकिन अब आइए इस फैंटेसी टूर से बाहर आपको फिर से हक़ीक़त की ज़मीन पर लिए आते हैं... और वही सवाल याद दिलाए देते हैं जो हमने आपसे सबसे पहले पूछे थे... सवाल ये कि इन तमाम शानों-शौकत का मालिक कौन है? वो काम क्या करता है...? तो सुनिए... इस तमाम दौलत और अमीरी के मालिक हैं सुकेश चंद्रशेखर और उसकी फिल्म स्टार बीवी लीना मारिया पॉल...
सुकेश फिलहाल सलाखों के पीछे है... जबकि उसकी बीवी एजेंसियों की रडार पर... क्योंकि बाकी दुनिया की नज़र में ये दोनों बड़े बिज़नेसमैन और सिने स्टार हों, लेकिन ईडी(ED) समेत तमाम एजेंसियों की नज़र में ये एक ऐसी महाठग जोड़ी है, जो ना सिर्फ़ अमीर लोगों को टार्गेट करती है, बल्कि कुछ ऐसे करती है कि लुटनेवाले को पता ही नहीं चलता कि वो कब बर्बाद हो चुका होता है... पुलिस की मानें तो सुकेश तो ख़ैर ठगी करता ही है, उसकी बीवी मारिया ठगी के साथ-साथ फिल्में भी करती हैं... वो साउथ की कई फिल्मों के साथ-साथ बॉलीवुड हिट मद्रास कैफ़े में भी काम कर चुकी है...
हवाला कारोबार समेत अरबों की हेराफेरी के मामलों की जांच करनेवाली एंजेसी एनफोर्समैंट डायरेक्टरेट यानी प्रवर्तन निदेशालय की मानें तो चेन्नई का रहनेवाला सुकेश चंद्रशेखर ना सिर्फ़ एक पुराना ठग है, बल्कि उसका जेल में आना-जाना भी लगा ही रहता है... महज़ 17 साल की उम्र से ठगी के धंधे में उतरे सुकेश चंद्रशेखर की दिमाग घुमा देनेवाली मॉडस ऑपरेंडी के बारे में हम आपको आगे बताएंगे, लेकिन पहले ये जान लीजिए कि अचानक ये महाठग सुर्खियों में कैसे आ गया? असल में ठगी दर ठगी अपनी नाजायज़ दौलत में इज़ाफ़ा करनेवाले सुकेश चंद्रशेखर ने इस बार इसने जो ठगी है, वैसा कोई सोच ही नहीं सकता... जी हां, सुकेश पर इल्ज़ाम है कि उसने एक बड़ी कंपनी के प्रोमोटर की बीवी से उसके पति के खिलाफ़ दर्ज मामलों में कोर्ट और सरकार से राहत दिलाने के नाम पर महज़ एक साल के अंदर दो सौ करोड़ रुपये ठग लिए... जी हां, दो सौ करोड़ रुपये... और सुकेश ने ठगी अपने किसी अड्डे या किसी तहखाने से नहीं, बल्कि क़ानून के मुहाफ़िज़ों की नाक के नीचे दिल्ली की जेल से बैठे-बैठे कर डाली... वो तो जब एक साल से भी ज़्यादा वक़्त से सुकेश का पीछा कर रहे ईडी के अफ़सरों को जब उसकी लोकेशन का पता चला, तब जाकर ये राज़ खुला कि वो कैसे जेल में बैठे-बैठे बाहर लोगों को चूना लगा रहा था...
ईडी के मुताबिक...सुकेश ने एक बड़ी कंपनी के मालिक की बीवी से खुद को किसी मंत्रालय से जुड़ा अफ़सर बताकर कॉन्टैक्ट किया. उसने इस महिला से कहा कि भारत सरकार अब उनकी कंपनी के साथ मिलकर काम करना चाहती है लेकिन इससे पहले उनकी कंपनी और कंपनी के मालिक यानी उसके पति के खिलाफ़ दर्ज मुकदमों का ख़ात्मा ज़रूरी है. इसके बाद उसने खुद ही अपनी तरफ़ से एक-एक कर सारे मुकदमों का ख़ात्मा कराने का प्रोपोज़ल उस महिला को दिया लेकिन बदले में करोड़ों रुपयों की ज़रूरत बताई... सुकेश ने कहा कि ये रुपये उसे हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जजेज़ के अलावा बाकी अफ़सरों को देने होंगे...
महिला उसकी बातों में आ गई और रुपये ठगने या यूं कहें कि रुपये लूटने का सिलसिला शुरू हो गया...ये सिलसिला जून 2020 से शुरू हुआ और जुलाई 2021 तक चलता रहा... महिला कूरियर के ज़रिए करोड़ों रुपये भिजवाती रही और सुकेश के लोग उसे कलेक्ट कर मंडोली जेल में सुकेश के पास पहुंचाते रहे...और तो और इस काम में रोहिणी जेल के कुछ अफ़सर और आरबीएल बैंक (RBL Bank)के वीपी कोमल पोद्दार की भी ख़ास भूमिका रही और इस तरह जेल में बैठे-बैठे सिर्फ़ फ़र्ज़ी पहचान और स्पूफिंग वाले टेलीफोन कॉल्स के ज़रिए सुकेश चंद्रशेखर ने उस महिला से पूरे 200 करोड़ रुपये ठग लिए...
लेकिन ये तो सुकेश की ठगी का सबसे लेटेस्ट और सबसे बड़ा मामला है, जिसके इल्जाम ईडी ने उसे नए सिरे से गिरफ्तार किया है... इसके अलावा भी गुनाहों की फेहरिस्त काफी लंबी है... उस पर ठगी के 20 से ज़्यादा मामले दर्ज हैं... सूत्रों की मानें तो एक बार उसने 2017 में एआईडीएमके (AIDMK)के नेता टीटीवी दिनाकरन को उनकी पुरानी पार्टी का चुनाव चिह्न दिलाने के नाम पर उनसे 50 करोड़ रुपये की ठगी का प्लान तैयार कर लिया और एडवांस के तौर पर कुछ करोड़ रुपये झटक भी लिए थे... लेकिन बाद में उसका भांडा फूट गया... सुकेश की ठगी और जालसाज़ी का साम्राज्य कितना बड़ा है, इसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अफ़सरों को शक है कि उसने अब तक अलग-अलग लोगों से 400 करोड़ रुपये की ठगी कर ली होगी... ठीक इसी तरह सुकेश की बीवी लीना भी पहले ठगी के कई मामलों में गिरफ्तार हो चुकी है और इस बार के मामले में भी उससे लंबी पूछताछ हुई है...
अब बात इस महाठग की मोडस ऑपरेंडी यानी ठगी के तौर तरीक़े की... पुलिस की मानें तो महाठग सुकेश चंद्रशेखर को सरकारी तंत्र की बारीक से बारीक जानकारी है..और इसी का फायदा उठा कर वो लोगों को फंसाता है... वो अक्सर उन अमीर लोगों को फंसाता है, जिनका कोर्ट या किसी सरकारी महकमे में कोई बड़ा काम अटका हो...वो खुद तो कभी सामने नहीं आता है, लेकिन फर्ज़ी सरकारी अफ़सर बन कर ऐसे लोगों से उनका काम करवा देने का झांसा देता है. उन्हें किसी परजीवी की तरह आहिस्ता-आहिस्ता खोखला करता रहता है...
अब बात ठगी की मोडस ऑपरेंडी के टेक्निकल एंगल की. ईडी की मानें तो सुकेश ने इस बार दो सौ करोड़ की ठगी के लिए स्पूफिंग की मदद ली थी. उसने पहले तो जेल में ही अपने लिए कुछ मोबाइल फ़ोन का इंतज़ाम किया और फिर स्पूफिंग की मदद से अपने शिकार महिला से बातचीत शुरू कर दी. असल में स्पूफिंग वो तकनीक है जिसमें कॉल करनेवाला असली नंबर की जगह, वो नंबर डिस्प्ले हो जाता है, जो कॉलर करना चाहता है. खास बात ये है कि ऐसे कॉल विदेशों से रूट होकर किसी भी फ़ोन पर लैंड करते हैं. ऐसे में असली कॉलर के बारे में कभी पता ही नहीं चलता. यही वजह है कि सुकेश का करीब साल भर से पीछा करने के बावजूद ईडी उसकी करतूतों का पता नहीं लगा पा रही थी. वो तो जब उसने ग़लती से एक बार स्पूफिंग की जगह व्हाट्स एप कॉल का इस्तेमाल कर अपनी गोटी लाल करने की कोशिश की, तो 200 करोड़ की ठगी के मामले में पहली बार डिटेक्ट कर लिया गया. और फिर वही हुआ, जो होना था. ईडी ने उसके खिलाफ़ दिल्ली पुलिस से एफआईआर दर्ज करवाई और उसे नए सिरे से गिरफ्तार कर लिया गया. यानी करोड़ों की दौलत का ये मालिक पहले भी जेल में था और अब भी जेल में ही है.
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