फर्जी जीएसटी फर्म बनाकर सरकार को लगाया हजारों करोड़ का चूना, थाईलैंड, सिंगापुर, ताईवान, फिलिपिन्स, वियतनाम तक फैला जाल, नोएडा में चार गिरफ्तार

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Noida Crime: फर्जी जीएसटी फर्म तैयार कर हजारों करोड़ के राजस्व की क्षति पंहुचाने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने इस गैंग के चार शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया है।

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UP Noida Crime News: नोएडा की आईटी सेल, साइबर सेल और थाना सेक्टर 20 पुलिस के ज्वाइंट ऑपरेशन में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। टीमों ने मिलकर जांच के दौरान फर्जी जीएसटी फर्म तैयार कर हजारों करोड़ के राजस्व का नुकसान पंहुचाने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने इस गैंग के चार शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के कब्जे से पुलिस को भारी मात्रा में स्टैंप, फर्जी सिम कार्ड, फर्जी आधार कार्ड और फर्जी पैन कार्ड बरामद हुए हैं।

हजारों करोड़ के राजस्व का नुकसान

नोएडा पुलिस ने राहुल निगम, पीयूष गुप्ता, दिलीप शर्मा और राकेश कुमार को गिरफ्तार किया है। सभी आरोपी दिल्ली के रहने वाले हैं। आरोपियों के कब्जे से फर्जी स्टाम्प 41, फर्जी सिम कार्ड 54, फर्जी आधार कार्ड 18, फर्जी पैन कार्ड 16, बैंक पास बुक 02, बैंक चेक बुक 20, लैपटॉप 03, पासपोर्ट 01, कार्ड स्वाईंप मशीन 01, पैनड्राईव 18, डीएल 01, इन्टरनेट राउटर 01 बरामद हुई हैं। 

200 से अधिक नई फर्जी फर्मों की जानकारी

पुलिस के मुताबिक यह एक संगठित गिरोह है। ये गैंग फर्जी फर्म जीएसटी नम्बर सहित तैयार कराकर फर्जी बिल का उपयोग करते हैं। जीएसटी रिफन्ड कर (ITC input टैक्स क्रेडिट) प्राप्त कर सरकार को हजारों करोड़ के राजस्व का नुकसान पहुंचाते हैं। जानकारी मिली है कि ये गैंग पूर्व में गिरफ्तार जीएसटी धोखाधडी करने वाले गैंग डेटा का भी इस्तेमाल कर रहा था। नए फर्जी फर्मों का डेटा का भी इस्तेमाल किया जा रहा था। अभी तक की पूछताछ में लगभग 200 से अधिक नए फर्जी फर्मों के बारे में जानकारी मिली है।

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जीएसटी का बड़ा घोटाला

पकडे गए गिरोह का मुख्य लीडर निशान्त है जोकि दिल्ली पीतमपुरा का रहने वाला है यह राकेश व अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर फर्जी जीएसटी फर्म अपने आर्थिक लाभ के लिए तैयार कर उनकी फर्जी ओनरशीप अन्य लोगों के नाम रजिस्टर्ड करते है। यह लोग जिन स्थानों पर फर्जी फर्म रजिस्टरड कराते है। यह लोग गिरफ्तारी से बचने के लिए उससे अलग लोकेशन पर एक रेजिडेन्शियल एरिया में घर के अन्दर कम्पनी चलाते है।  

एमबीए का छात्र भी निकला जालसाज़

गिरोह के लीडर निशान्त पकडे जाने के डर से बॉम्बे शिफ्ट हो गया है। वहीं से वह इन आरोपियों को फर्जी फर्म का डेटा उपलब्ध कराता है। साथ साथ फर्म से जुडे सभी अकाउन्ट का एक्सेस अपने पास रखकर काम करता है। गैंग का आरोपी राहुल का काम फर्जी बिल बनाना था। पियूष गुप्ता बैंकिंग का सभी काम देखता था। पियूष द्वारा दिल्ली विश्वविद्यालय से MBA की शिक्षा प्राप्त की गई है। आरोपी दिलीप पैसों का लेनदेन व पैसों को आवश्यकतानुसार निशान्त द्वारा बताए गए स्थानों पर पहुंचाने का काम करता था।  

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विदेशो में फैला फर्जीवाड़े का जाल

ये गैंग फर्जी कम्पनियों का IEC import export code तैयार कर अन्तर्राष्ट्रीय जगहों जैसे थाईलैंड, सिंगापुर, ताईवान, फिलिपिन्स, वियतनाम में मौजूद कम्पनियों में फर्जी तरीके से आयात निर्यात का काम करता है। अभी तक की जांच में यह सामने आया है कि आरोपी निशान्त अग्रवाल अपनी फर्जी कम्पनियां चलाने के लिए विदेशों में यात्राएं करता रहता है। अभी तक की जानकारी से यह भी पता चला है कि यह गिरोह प्रतिदिन करीब 70 से 80 लाख रूपये के फर्जी बिल तैयार करता है। अभी तक की जांच में लगभग 8 बैंक खातों में लगभग 3 करोड से अधिक की धनराशी को फ्रीज किया गया है। 

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