Suchana Seth : मैंने बच्चे की लाश वाला बैग उठाया, कार में रखा, पूरे रास्ते मां चुप थी, कातिल मां संग 12 घंटे सफर पर कैब ड्राइवर का खुलासा
suchana Seth : गोवा के होटल में अपने ही बेटे की कातिल मां सूचना सेठ ने रास्ते में क्या क्या किया. कैब ड्राइवर ने बताया कि कैसे वो मां गुमसुम थी.
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suchana Seth : गोवा के होटल में अपने ही बेटे की कातिल मां सूचना सेठ ने रास्ते में क्या क्या किया. कैब ड्राइवर ने बताया कि कैसे वो मां गुमसुम थी.
Goa Suchana Seth Case : गोवा में हाईप्रोफाइल सूचना सेठ क्या अपने ही मासूम बेटे के कत्ल के बाद सदमे में थी या फिर उसके दिमाग में कोई नई साजिश चल रही थी. क्या उसे बेटे की मौत का पछतावा था या फिर उसे कोई दर्द नहीं था. ये सबकुछ समझने के लिए उस कातिल मां के साथ घंटों देर तक कैब में सफर करने वाले ड्राइवर ने सनसनीखेज खुलासा किया है. आधी रात में अर्जेंट कॉल पर सूचना सेठ को कैब से कर्नाटक तक ले जाने वाले ड्राइवर राजोन डिसूजा ने कई अहम खुलासे किए हैं.
संवाददाता अरविंद ओझा से बातचीत के दौरान ड्राइवर राजोन डिसूजा ने बताया कि जब पहली बार सुना की गोवा से बेंगलुरु कैब से जाना है तो थोड़ा अटपटा लगा क्योंकि लोग फ्लाइट से जाना ज्यादा पसंद करते हैं. इसके बाद जब होटल से बैग उठाया तो काफी भारी था तो भी थोड़ा अटपटा लगा लेेकिन उस समय ये नहीं लगा था कि जिसे मैं उठाकर कैब में रख रहा हूं उसमें एक बच्चे की लाश है. लेकिन जब पुलिस के फोन आने लगे तब मेरा शक थोड़ा बढ़ने लगा. लेकिन इस बात पर यकीन नहीं हो रहा था कि महिला इतनी आसानी से बिना किसी परेशानी के कैसे सफर कर रही है. इतना जरूर था कि वो पूरे रास्ते बिल्कुल चुपचाप थी. फोन पर कभी भी किसी से बात नहीं की. आखिर ड्राइवर ने क्या-क्या बताया. आइए जानते हैं..
बैग भारी था, पूछा क्या है, तो बोली..
ड्राइवर डिसूजा ने बताया कि 8 और 9 जनवरी के बीच की रात में होटल से मेरे पास फोन आया था. मुझे बताया गया कि एक पैसेंजर को अर्जेंट बेसिस पर बेंगलुरु पहुंचाना है. जल्द से जल्द कैब लेकर आना है. उस समय रात के करीब 12:30 बज रहे थे. हमे करीब 550 किलोमीटर दूर जाना था. जिसमें उम्मीद थी की कम से कम 12 घंटे लगेंगे. इसलिए हम दो ड्राइवर एक साथ कैब से गए. क्योंकि लंबे सफर अक्सर दो ड्राइवर होते हैं ताकी कोई दिक्कत ना हो. रात के करीब 1 बजे सूचना सेठ कैब में बैठी. मैंने होटल से काला बैग उठाकर कैब में रखा. जब मैं बैग लेकर आया तो वह मुझे बहुत भारी लग रहा था. मैंने पूछा बैग इतना भारी क्यों है? क्या इसमें शराब की बोतलें हैं? तब मैडम ने कहा कि नहीं शराब नहीं है. बस सामान है. उस समय ये नहीं लगा कि इस बैग में बच्चे की लाश होगी. फिर हम रास्ते पर चल पड़े.
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पूरे रास्ते सूचना सेठ चुप रही, शिकन भी नहीं थी
ड्राइवर ने बताया कि वो मैडम पूरे रास्ते बिल्कुल चुपचाप रही. कार स्टार्ट करने के बाद जब हम गार्ड सेक्शन-गोवा और कर्नाटक की सीमा पर पहुंचे तो वहां भयंकर जाम था. वहां पर तैनात पुलिसवालों से पूछे तो पता चला कि 4 घंटे से ज्यादा देर में जाम खुल पाएगा. इस पर मैडम के पास आए और बोले की 5 से 6 घंटे भी जाम खुलने में लग सकता है. हमने ये भी कहा कि आप चाहें तो फ्लाइट से जा सकती हैं. अगर जल्दी है तो. फिर भी मैडम ने कहा कि कोई बात नहीं. हम जाम खुलने का इंतजार करेंगे. इस पर काफी अटपटा लगा. क्योंकि होटल से बेंगलुरू जाने के लिए अचानक कैब बुक कराई गई. आधी रात में. अब जाम है तो वो जाना भी नहीं चाहती थी फ्लाइट से. लेकिन क्या करते. जाम में जब धीरे धीरे चल रहे थे तभी गोवा पुलिस का फोन आया था. पुलिस ने पूछा कि कैब में मैडम के साथ कोई बच्चा भी है. तब हमने कहा कि नहीं कोई बच्चा नहीं है. पुलिस की मैडम से बात भी कराई. तभी भी मैडम ने आराम से बात की. कोई घबराहट नहीं थी. बल्कि बच्चा किसी रिश्तेदार के पास है. उसका पता भी दे दिया. लेकिन आधे घंटे के भीतर ही पुलिस का फिर से फोन आया. पुलिस ने बताया कि मैडम ने जो पता बताया था वो गलत निकला है. इसलिए मामला गड़बड़ है. जो भी रास्ते में नजदीकी थाना मिले वहीं जाकर गाड़ी खड़ी कर देना और किसी पुलिस वाले से बात कराना. जब हमने एक पुलिस थाने में जाकर गाड़ी रोकी तो भी वो शांत थी. लेकिन पुलिस ने जब बैग की तलाशी ली तो ऊपर से कपड़े मिले लेकिन बीच में बच्चे की लाश मिली. जिसे देखकर हमलोगों सन्न रह गए.
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