RAJASTHAN CRIME NEWS
एक लोकतांत्रिक देश में लोगों का अटूट विश्वास उसके संविधान पर होता है. जहां कोर्ट द्वारा आरोपी को सुनाए गया फ़ैसला सभी स्वीकार कर लेते हैं. यही विश्वास है जो भारत को दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र (DEMOCRACY) बनता है. मगर.. इन सभी मूल्यों को तार-तार करती एक वारदात राजस्थान से सामने आई.
दरअसल क़िस्सा तब शुरू हुआ जब करीब 2 साल पहले राजस्थान के प्रतापगढ़ (PRATAPGARH) जिले में रहने वाले फैजल खान का मुंबई की एक लड़की से निकाह हुआ. मगर शादी के कुछ ही दिनों बाद दोनों में झगड़े होने लगे और फिर उसके बाद दोनों अलग हो गए. दोनों के रिश्तों का असर उनके परिवार पर भी हुआ और दोनों परिवारों में बातचीत तक बंद हो गई.
इसके बाद फैज़ल की पत्नी मुंबई के एक थाने में फैजल के खिलाफ दहेज प्रताड़ना (DOWRY) का मामला दर्ज करवाती है. शिकायत के ठीक बाद उसके मामा के लड़के और उसके दोस्त का प्रतापगढ़ के अरनोद थाना क्षेत्र में मर्डर हो जाता है. मामले में हत्या का आरोप फैज़ल पर लगता है और पुलिस फैजल को गिरफ्तार कर देती है. जिसके बाद कोर्ट फैजल को, हादसे का रूप देकर लड़की के ममेरे भाई का मर्डर करने का दोषी पाती है और जेल में बंद कर देती है.
मगर इन सब के बाद कहानी में नया मोड़ तब आया जब दुबई में बैठे फैज़ल के ससूर को कोर्ट का फ़ैसला पसंद नहीं आता. जिसके बाद दुबई में बैठे पिता के कहने पर साला प्रतापगढ़ जेल में बंद जीजा के हत्या की प्लानिंग कर देता है. फैज़ल का साला मुंबई से इसके लिए शॉर्प शूटर्स को तैयार करता है. और हाथों हाथ सुपारी के एक लाख भी दे देता है. इतना ही नहीं शूटर्स को नई पिस्टल खरीदने के लिए 80 हजार रूपये भी देता है. दामाद की जान लेने को बेताब ससुर, शूटर्स को कहता है दामाद को पिस्टल की गोली नहीं भी लग पाए तो उसे सल्फास की गोलियां खिलाकर मार देना पर जिंदा मत छोड़ना…
बहरहाल शूटर्स वारदात को अंजाम दे पाते उससे पहले ही एसओजी टीम को इसकी जानकारी मिल जाती है. और जैसे ही वारदात को अंजाम देने के लिए शूटर्स उदयपुर आते हैं SOG उदयपुर पुलिस को इसके इनपुट दे देती है. जिसके बाद उदयपुर पुलिस (Udaipur police) फोरन हरकत में आकर हस्नेन और परवेज़ नाम के दोनों शूटर्स को गिरफ्तार कर लेती है.