मां को लिखे सिद्धार्थ शुक्ला के इस आखिरी पोस्ट को पढ़कर इमोशनल हो जाएंगे आप...

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मां को लिखे सिद्धार्थ शुक्ला के इस आखिरी पोस्ट को पढ़कर इमोशनल हो जाएंगे आप...
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हर किसी की जिंदगी में मां की सबसे बड़ी अहमियत होती है. सिद्धार्थ शुक्ला की जिंदगी में भी कुछ ऐसा ही था. उनकी मां रीता शुक्ला ना सिर्फ उनकी रोल मॉडल थीं बल्कि मॉडलिंग की दुनिया में सिद्धार्थ शुक्ला को लाने में उनका ही सबसे बड़ा रोल था. सिद्धार्थ के पिता की मौत के बाद आर्थिक हालात खराब होने के बावजूद मां ने कभी कोई कमी महसूस नहीं होने दी.

और मां ने अखबार में मॉडलिंग के लिए निकले विज्ञापन को देखकर जबरन सिद्धार्थ को कॉम्प्टिशन में भेजा था. जिसमें सिद्धार्थ विनर भी बने थे. इसके बाद ही सिद्धार्थ फिल्मी सितारे बन सके. लेकिन आज ये सितारा अचानक दुनिया को अलविदा कहकर आसमां के सितारों के पास चला गया. लेकिन उसकी यादें हमेशा दिलों में रहेंगी.

पिछले साल 8 मार्च 2020 को महिला दिवस पर सिद्धार्थ शुक्ला ने अपनी मां को लेकर एक इमोशनल पोस्ट फेसबुक पर शेयर किया था. उस पोस्ट से साफ होता है कि वो अपनी मां के कितने करीब थे.

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इस पोस्ट में उन्होंने लिखा है कि जब वो बिग बॉस सीजन-13 में हिस्सा ले रहे थे तब 3 महीने तक मां से दूर रहना पड़ा था. वो समय मेरी जिंदगी का बहुत दुखदायी भी रहा. लेकिन जब मां मिलने आईं तो सबसे पहले यही कहा था कि तुम शॉर्ट्स पहनना बंद करो. जींस पहन लिया करो.

जब 15 साल पहले मेरे पापा का निधन हुआ, तो ऐसा लगा जैसे हमारे सिर से साया ही छीन गया. लेकिन मेरी मां हमेशा चट्टान की तरह खड़ीं रहीं. उन्होंने कभी भी ये महसूस नहीं होने दिया कि वो हार मानेगी. हमारी आर्थिक हालत खराब थी लेकिन मां ने घर चलाया. ना सिर्फ घर चलाया बल्कि उन्होंने हम तीनों बच्चों की वो हर मांग पूरी की जो हमलोग करते थे. मुझे अब पता है कि हमें जो चाहिए था उसे देने के लिए मां को कितना त्याग करना पड़ा होगा.

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क्या लिखा था सिद्धार्थ ने अपनी मां को... पूरा पढ़े

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वैसे तो लोग काफी अड़ियल रवैये की वजह से जानते होंगे. लेकिन आपको बता दूं कि मैं हमेशा अपनी के लिए मोम की तरह पिघल जाता हूं. जन्म से लेकर आज तक मेरी जिंदगी की सबसे खास कोई व्यक्ति है, तो वो है मां. मैं अपने 3 भाई-बहनों में सबसे छोटा था. अपनी बहनों के साथ खेलने के लिए भी सबसे छोटा था.

इसलिए मैं हमेशा अपनी मां के आसपास ही चक्कर काटता रहता था. फिर मैं जब थोड़ा बड़ा हुआ. तब अगर एक सेकेंड के लिए भी मां मेरी नजरों से दूर हो जाती थीं तो मैं रोने लगता था. इसलिए मां जब रोटी भी बनाती थी तो मैं उनकी गोद से चिपक जाता था. इस तरह मां एक हाथ में मुझे गोद में लेती थीं और दूसरे हाथ से रोटी बनातीं थीं.

मेरी मां ने सिर्फ हमारी डिमांड ही नहीं बल्कि मुझे मेरे जुनून को अंजाम तक पहुंचाने में भी बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. मैं शुरू से काफी 'कूल आदमी' की तरह काम करता था. लेकिन मैं कभी मॉडलिंग नहीं करता था. लेकिन वो मां ही थीं जिन्होंने मुझे मॉडलिंग प्रतियोगिता के लिए भेजा. और मजे की बात है कि मैं वास्तव में जीत गया.

जैसे-जैसे मैं बड़ा होता गया. वो मेरी सबसे अच्छी दोस्त बन गईं. जब भी मैं खेलने के बाद घर वापस आता तो मां से वो सबकुछ बताता था जिसे अक्सर बच्चे छुपा लेते थे. मैं हमेशा अपने जीवन के बारे में उन्हें सब कुछ बताना चाहता था.

उन्होंने मुझे भी बहुत कुछ सिखाया है. मैं बचपन से ही बहुत शरारती बच्चा था. जिससे कई बार दिक्कतें भी आतीं थीं. लेकिन मां ने हमेशा ईमानदारी का पाठ सिखाया. वो कहती थीं कि कभी झूठ नहीं बोलो. इसके बाद मैं जल्दी से अपनी गलतियों को दूर करने का प्रयास करता था.

जब 15 साल पहले मेरे पापा का निधन हुआ, तो ऐसे लगा जैसे हमारे सिर से साया ही छिन गया. लेकिन मेरी मां हमेशा चट्टान की तरह खड़ीं रहीं. उन्होंने कभी भी ये महसूस नहीं होने दिया कि वो हार मानेगी.

हमारी आर्थिक हालत खराब थी लेकिन मां ने घर चलाया. ना सिर्फ घर चलाया बल्कि उन्होंने हम तीनों बच्चों की वो हर मांग पूरी की जो हमलोग करते थे. मुझे अब पता है कि हमें जो चाहिए था उसे देने के लिए मां को कितना त्याग करना पड़ा होगा.

मेरी मां ने सिर्फ हमारी डिमांड ही नहीं बल्कि मुझे मेरे जुनून को अंजाम तक पहुंचाने में भी बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. मैं शुरू से काफी 'कूल आदमी' की तरह काम करता था. लेकिन मैं कभी मॉडलिंग नहीं करता था. लेकिन वो मां ही थीं जिन्होंने मुझे मॉडलिंग प्रतियोगिता के लिए भेजा. और मजे की बात है कि मैं वास्तव में जीत गया.

क्योंकि मैं उनके चेहरे पर मुस्कान लाने में सक्षम था. एक औरत जो मेरे लिए सब कुछ है. आज भी, वह मेरी एंकर हैं और रोजाना मुझे सलाह देना नहीं भूलती हैं. जब मैंने आखिरकार उन्हें 3 महीनों के बाद सेट पर देखा तो उन्होंने मुझे सबसे पहली बात बताई थी ... हर समय शॉर्ट्स पहनना बंद कर दो. और जींस भी पहन लिया करो.

इसलिए आज जीवन में जो कुछ भी हूं उसकी असली शक्ति और मार्गदर्शक मेरी मां ही रहीं हैं. हाल ही में मैं बिग बॉस में था और पहली बार मैं मां से महीनों तक बात नहीं की. मुझे पता है कि 39 साल की उम्र में यह कहना बहुत अच्छा नहीं लगता.

लेकिन उनसे दूर रहना शो का सबसे कठिन हिस्सा था. इसलिए जब मुझे सेट पर उनका एक लेटर मिला, तो मैंने बैठकर उनकी आवाज़ में उसे पढ़ा. ऐसा लगा जैसे वह मेरे बगल में थीं. हर बार जब वह मुझसे कहतीं हैं कि उसे मुझ पर गर्व है तो मैं पृथ्वी पर सबसे खुश आदमी की तरह महसूस करता हूं.

क्योंकि मैं उनके चेहरे पर मुस्कान लाने में सक्षम था. एक औरत जो मेरे लिए सब कुछ है. आज भी, वह मेरी एंकर हैं और रोजाना मुझे सलाह देना नहीं भूलती हैं. जब मैंने आखिरकार उन्हें 3 महीनों के बाद सेट पर देखा तो उन्होंने मुझे सबसे पहली बात बताई थी ... हर समय शॉर्ट्स पहनना बंद कर दो. और जींस भी पहन लिया करो.

काम करो तो कुछ ऐसा कि लोग तुम्हें हराने की कोशिश नहीं, बल्कि साजिश करें; सिद्धार्थ शुक्ला के इस Tweet के क्या हैं मायने? सिद्धार्थ शुक्ला के स्ट्रगल की पूरी कहानी!

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