क्या दूसरे विश्व युद्ध में रावण की तरह मायावी रूप अपनाकर इस देश ने लड़ा था युद्ध? पढ़ें अनोखी कहानी
क्या दूसरे विश्व युद्ध में रावण की तरह मायावी रूप अपनाकर इस देश ने लड़ा था युद्ध, जानिए दिलचस्प कहानी World War Story Japan made an elusive ghost army like Ravana
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World War Special Story : रामायण में रावण ने जैसी मायावी दुनिया रची थी कुछ वैसा ही इंद्रजाल द्वितीय विश्व युद्ध में भी अपनाया गया था. अब भले ही रामायण में रावण की कहानी को लेकर कोई खास प्रमाण नहीं है. लेकिन सेकेंड वर्ल्ड वॉर की मायावी दुनिया के कई सबूत हैं.
इंद्रजाल जैसी मायावी दुनिया बनाने की शुरुआत सबसे पहले जापान ने शुरू किया था. दरअसल, वो अमेरिकी सेना को भ्रम में डालने के लिए ये कदम उठाया था.
जैसा कि हमने रामायण में देखा है कि रावण किस तरह से राम को चकमा देने के लिए मायावी रूप लेता था. वो आसमां में जिधर दिखाई देता था असल में वहां होता नहीं था. उस जगह पर रावण की इमेज होती थी.
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इस तरह जब राम उसी बहरुपिये नकली रावण पर अपनी ताकत आजमाते थक जाते थे तब रावण अचानक हमला करता था. हालांकि, बाद में राम को उसकी मायावी दुनिया के चक्रव्यूह का पता चल गया था.
ठीक इसी तर्ज पर जब 1939 से 1945 तक हुए द्वितीय विश्व युद्ध में भी जापान ने मायावी इंद्रजाल अपनाया था. दरअसल, अमेरिका लगातार जापान पर हवाई हमले कर रहा था.
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इससे बचने के लिए जापान ने ये तरीका अपनाया. बताया जाता है कि जापानी सेना ने अमेरिकी सेना को चकमा देने के लिए खुला और खाली मैदानों में नकली सैन्य ठिकाने तैयार किए. यहां पर बांस और दूसरी लकड़ियों से तोप और हथियार बनाकर बिल्कुल उसे सेना का ठिकाना बना दिया था.
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ये दूर हवा में से देखने पर बिल्कुल सैन्य अड्डा जैसा दिखता था. ऐसे में अमेरिकी सेना हवाई हमले के दौरान पर इसी नकली जापानी सैन्य अड्डे पर ताबड़तोड़ बम गिरा देते थे. इस तरह अमेरिकी सेना के हथियार भी खत्म हो जाते थे और जापान को कुछ नुकसान भी नहीं होता था.
अमेरिकी सेना अपने ही विमान के इंजन में लगी आग से खाते थे धोखा
Crime Story in hindi : जापानी सेना ने अमेरिका को चकमा देने के लिए एक और बड़ा इंद्रजाल तैयार किया था. दरअसल, किसी एयरफील्ड में सेकेंड वर्ल्ड वॉर के समय अमेरिका जिस B-19 लड़ाकू विमान का इस्तेमाल करता था उसी तरह का जापान ने नकली विमान तैयार किए थे.
अब उसी विमान को खाली स्थान पर ले जाकर उसमें आग लगा देते थे. ये आगजनी तब की जाती थी जब भारी संख्या में अमेरिकी लड़ाकू विमान उस तरफ अटैक के लिए आते थे.
अब जैसे ही अमेरिकी सेना B-19 विमान के इंजन को जलते हुए देखती थी तो वहीं रुक जाती थी. इसके बाद राहत बचाव कार्य के लिए विमान जब उस जगह पर नीचे आते थे तब जापानी अटैक कर देते थे. इस तरह बिल्कुल रामायण में जिस तरह से रावण और मेघनाद मायावी रूप धारण कर चकमा दिया करते थे.
जापान से सीखकर अमेरिकी सैनिकों ने ऐसे दिया जापान को चकमा
जब अमेरिकी सेना को ये बात समझ में आ गई तब उन्होंने भी जापानी सेना का ये मायावी तरीका अपनाना शुरू कर दिया. एक बार जब जापानी सेना अमेरिका में अटैक करने पहुंची तो वहां पर अमेरिकी सेना ने पहले से तोप और दूसरे बड़े हथियार को गुब्बारे से तैयार कराया था.
वहां पर सैनिकों की आवाज करते हुए टेपरिकॉर्डर भी चला देते थे. जिसके शोर को चुनकर और सैन्य अड्डे को देखकर जापानी सेना भी चकमा खा जाती थी. इसके लिए तोप और हवाई दस्ते के जैसे गुब्बारे तैयार करवाए गए. रेडियो ट्रांसमिशन बनाया गया. सैनिकों का शोर रिकॉर्ड किया गया और फिर इस पूरी तैयारी को एक मैदान में स्थापित कर दिया गया. इसे ही घोस्ट आर्मी का नाम दिया गया था.
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