उन्हें भरोसा था भगवान उनकी मां को ज़िंदा कर देंगे,मरी हुई मां की सड़ती लाश के पास 5 दिन तक करती रहीं प्रार्थना
Women Keep Dead Mother's Body Inside House Claiming She Was Alive
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75 साल की मैरी बतौर टीचर रिटायर हुई थीं । मैरी की दो बेटियां है जिनकी शादी नहीं हुई है और मैरी के साथ ही रहती थी। मैरी की बड़ी बेटी का नाम जेकिंथा जिसकी उम्र 43 साल है जबकि छोटी बेटी का नाम जयंती है और उसकी उम्र 40 साल है। मैरी ट्रिची जिले के सोक्कमपट्टी इलाके में रहती थी। वो गांव के दूसरे लोगों से अलग-थलग रहा करती थीं।
गांववालों के मुताबिक परिवार की ईसाइ धर्म में बेहद आस्था थी और वो यीशू की अराधना में लगा रहता था यही वजह थी कि वो गांववालों के साथ संबंध नहीं रखा करते थे। हाल में ही मैरी के एक रिश्तेदार मैरी से मिलने सोक्कमपट्टी आए थे। पिछली बार जब उनकी मैरी से मुलाकात हुई थी तब उनकी तबीयत ठीक नहीं थी। मैरी की तबीयत का हालचाल लेने के लिए वो मैरी के घर पहुंचे ।
जब वो घर के अंदर दाखिल हुए तो वहां का मंजर देखकर उनके मुंह से चीख निकल गई। उन्होंने देखा कि मैरी की मौत हो चुकी है लेकिन उनकी बेटियां ये मानने के लिए तैयार ही नहीं है कि मैरी मर चुकी हैं। वो उनकी लाश के आसपास बैठकर प्रार्थना करने में लगी हुई थीं। उन्हें उम्मीद थी कि जल्द ही उनकी प्रार्थना भगवान सुन लेगा और उनकी मां एक बार फिर जिंदा हो जाएगी।
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जब रिश्तेदार ने बेटियों को कहा कि मैरी की मौत हो चुकी है और अब उन्हें दफना देना चाहिए । इस बात को लेकर मैरी की बेटियों ने रिश्तेदार से झगड़ना शुरु कर दिया और उसे घर से भगा दिया। रिश्तेदार ने ये बात गांववालों को बताई और अपने घर पुडुचेरी वापस लौट गया। गांववालों ने इस बात की सूचना मन्नापराई पुलिस को दी।
इत्तिला पाकर पुलिस भी मौके पर पहुंची लेकिन दोनों बेटियों ने दरवाजा खोलने से इंकार कर दिया। करीबन एक घंटे की कोशिश के बाद दोनों ने दरवाजा खोला, पुलिस अंदर दाखिल हुई तो उसके होश उड़ गए। मैरी की लाश फर्श पर पड़ी हुई थी और बुरी तरह से सड़ रही थी। उसके सीने पर बाइबल रखी हुई थी। दोनों बेटियां मैरी के जिंदा होने की आस में प्रार्थना में जुटी थीं।
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जब मैरी की लाश को पुलिस ने ले जाने की कोशिश की तो दोनों बहनों ने पुलिस और उसके साथ आए गांववालों से झगड़ा शुरु कर दिया। वो लाश ले जाने देने के लिए तैयार नहीं थी क्योंकि वो बार-बार कह रही थीं कि कुछ देर में उनकी मां दोबारा जिंदा हो जाएगी।
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पुलिस ने मदद के लिए गांव के पंचायत लोगों की सहायता ली, उन्होंने मैरी की दोनों बेटियों को समझाया जिसके बाद लाश को घर से बाहर निकाला गया। मैरी की बेटियों को समझाने में पुलिस और पंचायत के सदस्यों को लगभग 4 घंटे का वक्त लग गया।
पुलिस ने लाश को पहले जांच के लिए मन्नापराई के सरकारी अस्पताल में भेजा। शव की जांच करने के बाद डॉक्टरों ने बताया कि मैरी की मौत लगभग पांच दिन पहले हो चुकी है। इसके बाद मैरी की लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।
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