LUCKNOW GIRL: मुझे थप्पड़ मारने वाली महिला पुलिस मुखबिर है, पूरी रात हवालात में रखा फिर 10 हजार देकर छूटा : कैब ड्राइवर

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LUCKNOW GIRL: मुझे थप्पड़ मारने वाली महिला पुलिस मुखबिर है, पूरी रात हवालात में रखा फिर 10 हजार देक...
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LUCKNOW GIRL CASE : लखनऊ में कैब ड्राइवर (Cab Driver) को थप्पड़ मारने वाली महिला की ये ख़बर आपने अभी तक नहीं पढ़ी होगी. यक़ीन मानिए इस घटना ने सिर्फ एक महिला की असलियत ही उजागर नहीं की बल्कि लखनऊ पुलिस की भी पोल खोल दी है. क्योंकि इस पूरी घटना की जो सच्चाई है वो सबूत के साथ पहली बार आपके सामने आ रहा है. ये सबूत कैब ड्राइवर द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर है.

दरअसल, कैब ड्राइवर को थप्पड़ मारने वाली इस महिला को पुलिस की मुखबिर होने का दावा किया गया है. ये दावा थाने में दर्ज FIR में है. और घटना के बाद पुलिस ने कैब ड्राइवर को पूरी रात हवालात में बंद रखा. ड्राइवर के दो भाई जब देर रात उसकी तलाश में थाने पहुंचे तो पुलिस ने इन दोनों को भी हवालात में बंद कर दिया.

ड्राइवर का दावा है कि उसके दोनों भाई घटनास्थल पर भी नहीं थे. इसके बाद भी तीनों के खिलाफ पुलिस ने शांति भंग करने की धाराओं में कार्रवाई की. इसके बाद अगली सुबह 10 हजार रुपये लेकर पुलिस ने कैब ड्राइवर को छोड़ा था.

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ये है घटना की पूरी सच्चाई. शायद ये पढ़कर आपको यकीन नहीं आया होगा. लेकिन पीड़ित कैब ड्राइवर की एफआईआर की पूरी कॉपी पढ़ेंगे तो आपको पूरा माजरा समझ में आ जाएगा. अभी आगे की पूरी घटना आपको सिलसिलेवार बताएंगे.

तो क्या है पूरी घटना, जानिए पीड़ित कैब ड्राइवर के FIR की जुबानी

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ये घटना 30 जुलाई की रात करीब 9:30 बजे की है. घटना उत्तर प्रदेश के राजधानी लखनऊ की है. पीड़ित कैब ड्राइवर का नाम सादत अली सिद्दीकी है. ये सिटी स्टेशन रोड का रहने वाला है. सादत उबर से अटैच कैब चलाते हैं. 30 जुलाई की रात आखिरी ट्रिप पूरी करने के बाद ये घर लौट रहे थे. सादत की दर्ज एफआईआर रिपोर्ट के मुताबिक, जब ये नहरिया अवध चौराहे पर पहुंचे थे तभी रेड लाइट हो गई. लिहाजा, चौराहे पर रुक गए.

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उसी दौरान अचानक एक युवती आई और खिड़की में हाथ डाल मेरा गला पकड़ लिया. मुझे खींचकर कार से बाहर निकाल लिया. गाड़ी के अंदर रखा मेरा मोबाइल फोन लिया और डैशबोर्ड में रखे लगभग 600 रुपये भी लूट लिए. मेरा मोबाइल फोन उसने सड़क पर पटक तोड़ दिया. उस महिला से मैं पूछता रहा कि मेरा अपराध क्या है. लेकिन वो महिला 10 मिनट तक लगातार मुझे मारती रही. और मुझे जान से मारने की धमकी देती रही.

पुलिस ने मुझे ही लॉकअप में बंद कर दिया

इस घटना के बाद पुलिस ने पिटाई करने वाली महिला का ही पक्ष लिया. इसके बाद कैब ड्राइवर सादत अली को पकड़कर पुलिस थाने ले आई. यहां उसे लॉकअप में बंद कर दिया. पूरी रात बंद रखा गया. खाना भी नहीं दिया गया. इधर, देर रात तक घर नहीं पहुंचने पर लोगों ने फोन किया तो वो बंद मिला. इसलिए तलाश करते हुए कृष्णा नगर थाने पहुंचे.

30 जुलाई की देर रात करीब 1 बजे मेरे कैब ड्राइवर के भाई इनायत अली और दाऊद अली थाने पहुंचे. इन्होंने पकड़ने की वजह के बारे में पूछा तो पुलिस ने उन दोनों को भी हवालात में बंद कर दिया. जबकि वीडियो देखकर स्पष्ट है कि ये दोनों मौके पर नहीं थे. इसके बाद भी पुलिस ने दोनों के साथ जबर्दस्ती की.पीड़ित कैब ड्राइवर का दावा है कि तीनों के खिलाफ पुलिस ने शांति भंग करने का मामला दर्ज कर कार्रवाई की.

वो महिला पुलिस मुखबिर है, ख़ुद पुलिसवाले ने कहा : कैब ड्राइवर

कैब ड्राइवर सादत अली सिद्दीकी ने दर्ज कराई एफआईआर में ये भी लिखा है कि उसकी पिटाई करने वाली महिला प्रियदर्शिनी नारायण उर्फ लक्ष्मी पुलिस की मुखबिर है. एफआईआर में ये दावा किया गया है कि कृष्णा नगर थाने की पुलिस ने ये बात खुद ड्राइवर के सामने कही. ये भी लिखा है कि पुलिस मुखबिर होने की वजह से ही उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी.

पुलिस ने 10 हजार रुपये लेकर वाहन छोड़ा : ड्राइवर

कैब ड्राइवर ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं. ये दावा किया है कि पुलिस ने गिरफ्तार करने के अगले दिन मुझसे 10 हजार रुपये लिए और उसके बाद मुझे और मेरी गाड़ी को छोड़ा था. इसलिए ड्राइवर ने सीनियर पुलिस अधिकारियों को दी लिखित शिकायत में ये कहा है कि कृष्णा नगर थाने के पुलिसकर्मियों और मुखबिर महिला की जांच किसी दूसरे थाने की पुलिस या सीनियर अधिकारी से कराई जाए. ऐसा करने पर ही उसे इंसाफ मिल सकेगा.

सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हुआ तब खुली पोल

इस पूरे मामले में 30 जुलाई की रात तक कैब ड्राइवर को ही दोषी माना जा रहा था. लेकिन 2 अगस्त को जब सोशल मीडिया पर महिला की पिटाई का वीडियो वायरल होने लगा तब सच सामने आया. इसके बाद आनन-फानन में लखनऊ पुलिस ने पीड़ित कैब ड्राइवर से लिखित शिकायत ली. और उसकी शिकायत पर महिला प्रियदर्शिनी के खिलाफ लूट और मारपीट करने की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की.

इस पूरे मामले को लेकर सेंट्रल लखनऊ के एडीसीपी चिरंजीव नाथ सिंह ने मीडिया को जानकारी दी. इनके मुताबिक, वायरल वीडियो से संबंधित युवक की ओर से एक तहरीर 2 अगस्त को दी गई. उसके आधार पर थाना कृष्णा नगर में युवती के विरुद्ध संबंधित धाराओं के तहत मामला रजिस्टर किया गया है. साथ ही मामले से जुड़े अधिकारियों को निष्पक्ष कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है.

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