उदयपुर में दरोगा निकला हाथी दांत का तस्कर, घर से 8 किलो का हाथी दांत मिला
Udaipur ivory found : उदयपुर में सब इंस्पेक्टर के पास एक और हाथी दांत ( ivory) मिला.
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उदयपुर से सतीश शर्मा की रिपोर्ट
Udaipur News : राजस्थान की जयपुर क्राइम ब्रांच ने उदयपुर के सवीना से 4 दिन पहले वन्य जीवों के अंगों की तस्करी मामले में गिरफ्तार सब इंस्पेक्टर के घर एक और हाथी दांत (ivory) बरामद किया है। टीम ने 30 सितंबर को गिरफ्तार सीआरपीएफ के सब इंस्पेक्टर राहुल मीणा के अलवर स्थित घर से 8 किलो का 3 फीट लंबा एक और हाथी दांत बरामद किया है। बता देें कि एक दांत गिरोह उदयपुर में बेचने की फिराक में घूमते हुए जब्त किया गया था। दोनों दाँत की मार्केट कीमत 3 करोड़ रुपए है। इस गिरोह का मास्टरमाइंड राहुल ही है। एडीजी (क्राइम) दिनेश एमएन ने बताया कि क्राइम ब्रांच ने 30 सितंबर को सवीना में दबिश देक राहुल सहित 5 आरोपियों को पकड़ा गया था।
तमिलनाडु से लाया था हाथी दांत
Crime News : उस वक्त आरोपियों के कब्जे से एक हाथी दांत बरामद हुआ था। पुलिस अभी भी अन्य आरोपियों को सर्च कर रही है। यह दांत भी राहुल कोयंबटूर (तमिलनाडू) से ही लाया था। यह दांत भी उसी हाथी का है, जिसका दांत मीणा बेचने के लिए उदयपुर लाया था और बरामद किया गया था। सीआरपीएफ एसआई राहुल मीणा अपने साथी अर्जुन मीणा, संजय, अमृत गुर्जर और रीटा शाह के साथ उदयपुर आया था। यहां सवीना थाना क्षेत्र के नेला तालाब के यहां सभी हाथी दांत लेकर घूम रहे थे और बेचने के लिए ग्राहक ढूंढ रहे थे। इसी दौरान पुलिस ने पांचों आरोपियों को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में सामने आया है कि आरोपी सब इंस्पेक्टर राहुल की जुलाई- 2022 में कोयंबटूर, तमिलनाडु में ट्रेनिंग के दौरान तस्करों से मुलाकात हुई।
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जबकि उसकी पोस्टिंग कश्मीर के सोपार में थी। अगस्त में छुट्टी लेकर कोयंबटूर गया था। इसी दौरान उसने 3 फीट लंबा और 8 किलो वजनी यह हाथी दांत खरीदा था।अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत करीब डेढ़ करोड़ रुपए है। सभी 5 दिन पहले अलवर से उदयपुर आए। यहां ग्राहक की तलाश कर रहे थे, तभी उदयपुर की सवीना पुलिस के शिकंजे में फंस गए। दक्षिणी राजस्थान में वन्य जीवों के अंगों की तस्करी का यह पहला मामला नहीं है। नाखून, खालों सहित अन्य सामान की तस्करी के पहले भी कई खुलासे हुए हैं। अब भी पुलिस और वन विभाग के लिए वन्य जीव तस्कर बड़ी चुनौती हैं। रंग-बिरंगे सांप व अजगर की चमड़ी, स्टार कछुए, पैंथर और टाइगर की खाल, दांत नाखून, लोमड़ी की खाल, दांत नाखून बाल, हाथी दांत, हिरण के सींग, सियार के सिर की हड्डी, उल्लू के नाखून, घाघरोली तोते की मनुष्य की आवाज की नकल के चलते और तीतर खरगोश होटलों में मांसाहारी भोजन के लिए शिकार किए जाते हैं।
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