चढ़ावे के नाम पर भगवान को भी देते थे लूट का हिस्सा, इंदौर पुलिस ने पकड़े अजीबोगरीब चोर!
Thief offer theft booty to god
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29 सितंबर को इंदौर के साड़ी कारोबारी पलाश जैन के घर में चोरी हो गई। चोरी की शिकायत इंदौर पुलिस के तुकोगंज थाने में लिखाई गई। पलाश जैन के परिवार ने पुलिस को बताया कि चोरी के बाद से ही घर के दो नौकर गायब हैं और वहीं जिन्होंने इस वारदात को अंजाम दिया है। बंगले में काम करने वाले नौकर सुनील और दिलीप फरार थे। दोनों बांसवाड़ा राजस्थान के निवासी हैं।
घटना के बाद व्यापारी की पत्नी से यह जानकारी भी निकाली गई कि दोनों को किस आधार पर बंगले में नौकरी दी गई थी। इसमें यह बात सामने आई कि विष्णु नाम का एक नौकर पहले यहां काम करता था। जाने से पहले उसने सुनील और दिलीप को परिचित बताकर बंगले में नौकरी दिलाई थी। इस जानकारी पर पुलिस ने विष्णु की तलाश शुरु की लेकिन विष्णु भी फरार था। अब पुलिस को यकीन हो गया कि विष्णु ने चोरी की नियत से ही सुनील और दिलीप को बंगले में नौकरी दिलाई थी।
05 अक्टूबर को पुलिस को सुनील और दिलीप के बारे में सूचना मिली। पुलिस ने ट्रैप लगाया और दोनों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने इनके कब्जे से एक बाइक और चोरी के 50 हजार नकद और साढ़े तीन लाख रुपए का सोने चांदी के आभूषण बरामद किए हैं। दोनों ने पूछताछ में बताया कि विष्णु इस गैंग का मास्टरमाइंड है, वही पहले लोगों के घरों में नौकर बनकर जाता। वहां पर कुछ दिन काम करने के बाद वो नौकरी छोड़ देता और अपनी जगह अपने ही गैंग के बदमाशों को नौकर के तौर पर घरों में लगा देता।
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बाद में वो बदमाश मौका मिलते ही घर का कीमती सामान लेकर रफूचक्कर हो जाते। किसी को विष्णु पर शक भी नहीं होता क्योंकि वो तो पहले ही नौकरी छोड़कर जा चुका होता था। विष्णु अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। पुलिस को लगता है कि सुनील और दिलीप के अलावा विष्णु ने अपने गैंग में और लोगों को भी शामिल कर रखा होगा जो बंगलों में चोरी की वारदात को अंजाम देते होंगे।
चोरी का 25 फीसदी माल भगवान को चढ़ाते थे
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पुलिस ने जब इन दोनों से चोरी के माल को बेचने के बारे में पूछा तो इन दोनों चोरों की बात सुनकर पुलिस भी हैरान रह गई। दिलीप और सुनील ने बताया कि चोरी करने के बाद चोरी के माल का 25 फीसदी हिस्सा राजस्थान के सांवलिया सेठ मंदिर में चढ़ाते थे।
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मंदिर में भगवान से प्रार्थना करते थे- हे प्रभु! अगली घटना के लिए सफलता मिले और कभी पकड़े न जाएं, जिससे कि वह लगातार भगवान के दरबार में आ सकें और उन्हें चढ़ावा चढ़ा सके। बताया जाता है कि बड़े अपराधी अपराध करने के बाद सांवरिया सेठ मंदिर दर्शन करने जाते है।
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