सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्याकांड में बड़ा खुलासा : शूटरों ने 5 दिसंबर की तारीख ही क्यों चुनी थी, पूरा राज चौंका देगा
Sukhdev Singh Gogamedi murder : क्या सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या की तारीख पहले से तय थी. क्या शूटरों ने दोपहर का समय जानबूझ कर चुना. पूरा खुलासा हैरान कर देगा.
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Sukhdev Singh Murder Inside : सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या के लिए मंगलवार का दिन ही क्यों चुना गया. चुनावी परिणाम के बाद वाला दिन ही क्यों चुना गया. क्या ये महज इत्तेफाक था या फिर साजिश का हिस्सा. असल में हमलावर जानबूझकर चुनाव परिणाम के बाद का दिन चुना था. क्योंकि उस समय तक जितने लोगों के प्राइवेट गनर थे उनके लाइसेंसी हथियार चुनाव आचार संहिता की वजह से जमा थे. इसके अलावा चुनाव परिणाम के बाद सीएम की कुर्सी की गहमागहमी चल रही थी. जिस वजह से पुलिस भी ज्यादातर उसी में व्यस्त थी. तीसरी वजह ये भी बताई जा रही है कि सरकार को लेकर असमजंस थी.
कांग्रेस चुनाव हार चुकी थी. और बीजेपी को बहुमत मिला था. ऐसे में पुलिस ज्यादा अलर्ट नहीं थी तो बदमाशों शुरुआती समय में आसानी से भागने का मौका मिल गया. सबसे अहम कि हत्या अगर चुनाव से पहले या परिणाम से पहले करते तो ज्यादा तनाव बढ़ता और उन्हें खुद के एनकाउंटर का खतरा मंडराने लगता. इसलिए पुलिस के कम अलर्ट होने, सुखदेव सिंह गोगामेड़ी के गनर के पास हथियार नहीं होने और उनके दो गनर के छुट्टी पर होने का फायदा उठाकर उस दिन को चुना गया.
गोगामेड़ी के घर से निकलने से ठीक पहले बैठकी वाले कमरे में मुलाकात और मर्डर
Sukhdev Singh Murder Story : बताया जा रहा है कि गोगामेड़ी अक्सर किसी से मुलाकात के लिए एक हाई सिक्योरिटी कमरे में करते थे. जहां हथियार लेकर नहीं जा सकते थे. इसलिए शूटर की साजिश थी कि सुखदेव से मुलाकात उस समय की जाए जब ठीक वो जाने वाला हों. इसलिए शूटर ने नवीन शेखावत के साथ तय समय से देर उनके घर पहुंचे थे. उस समय सुखदेव गोगामेड़ी घर से निकलने वाले थे. चूंकि नवीन शेखावत अच्छी पहचान वाले थे इसलिए सुखदेव उनसे मिलने के लिए हाई सिक्योरिटी वाले कमरे की जगह बाहर वाले कमरे की बैठकी में आ गए थे. शूटर इसी जगह मिलना चाहते थे और ये उनकी साजिश का हिस्सा था. बस इसी का फायदा उठाकर दोनों शूटर रोहित राठौड़ और नितिन फौजी ने गोली मार दी थी. इस हमले में नवीन शेखावत की भी हत्या की गई थी.
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रोहित गोदारा ने अपने राइट हैंड वीरेंदर चरण को दी थी शूट @सुखदेव सिंह का टारगेट
Sukhdev Singh Murder Story : इस पूरी घटना के मास्टरमाइंड विदेश में बैठे रोहित गोदारा ने इसे अंजाम देने की जिम्मेदारी राइटहैंड वीरेंद्र चरण को दी थी. वीरेंद्र चरण ने ही शूटर्स को आधुनिक हथियार दिए. पूरी साजिश को अंजाम दिलाने में मदद की. पुलिस का दावा है कि घटना को अंजाम देने के बाद दोनों शूटर सबसे पहले ट्रेन से हिसार गए. हिसार पहुंचकर बस से मनाली के लिए उधम के साथ निकल गए. जिसके बाद मनाली से मंडी और फिर चंडीगढ़ आ गए. चंडीगढ़ के एक होटल में रुके थे. चंडीगढ़ में होटल से ही दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. शूटर्स ने हत्या करने के बाद हथियारों को छुपा दिया था ताकि भागते समय ट्रेन या बस में चेकिंग के समय न पकड़े जा सके. आरोपी शूटर्स फरारी के दौरान मोबाइल का इस्तेमाल कर रहे थे. पुलिस आरोपियों तक टेक्निकल सर्विलांस के जरिए पहुंची. जब पुलिस आरोपियों के पास पहुंची तो तीनों साथ थे जिसके बाद इनको गिरफ्तार किया.
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चोरी में फंसा तो नितिन फौजी बचने के लिए रोहित गोदारा से संपर्क किया
Sukhdev Singh Murder Story : नितिन फौजी ने बताया है कि कैसै वो गैंगस्टर के संपर्क में आया. दरअसल, 9 नवंबर को उसे फर्जी चोरी के मामले में उसका नाम आया था. इस वजह से वो काफी परेशान था. जैसे ही हरियाणा पुलिस उसे पकड़ने आई तो वो उन पर फायरिंग कर फरार हो गया था. फरारी के दौरान उसे पता चल गया था कि अब उसकी नौकरी चली जाएगी. परिवार भी उसे छोड़ देगा. इसलिए नवंबर के आखिरी सप्ताह में उसने रोहित गोदारा से संपर्क किया. अब रोहित के जरिए चरण और उसके सहयोगी रोनी राजपूत से संपर्क हुआ. इन गैंगस्टर ने नितिन फौजी से कहा कि अगर वो सुखदेव गोगामेड़ी की हत्या में मदद करेगा तो उसे कनाडा पहुंचाया जाएगा. इसके लिए उसे फर्जी पासपोर्ट से लेकर वीजा की व्यवस्था की जाएगी.
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कैसे रची गई सुखदेव की हत्या की साजिश
सुखदेव गोगामेड़ी हत्याकांड का मेन मास्टरमाइंड विदेश में बैठा राजस्थान का कुख्यात गैंगस्टर रोहित गोदारा ही है. रोहित गोदारा ने सुखदेव की हत्या का टास्क और शूटर अरेंज करने की जिम्मेदारी अपने राइट हैंड मैन वीरेंद्र चारन को दी थी. इसके बाद वीरेंद्र चारन के साथ राजस्थान की जेल में रोहित राठौड़ बंद था. रोहित रेप के केस में राजस्थान की अजमेर जेल में वीरेंद्र चारन के साथ बंद था. इसलिए दोनों में दोस्ती हो गई थी. रोहित ने पूछताछ में बताया कि उसके ऊपर रेप का केस दर्ज था. जिसमें सुखदेव उसके खिलाफ पैरवी कर रहा था. जिससे वो सुखदेव से गुस्से में था. रोहित के गुस्से का फायदा विरेंद्र चारन ने उठाया और सुखदेव की हत्या के लिए रोहित को तैयार किया. वहीं, नितिन फौजी पर हरियाणा के महेंद्र गढ़ में किडनैपिंग का केस दर्ज है. नितिन फौजी भी जेल में रहने के दौरान वीरेंद्र चारन के संपर्क में आया था. नितिन को विदेश जाना था और वहीं पर सेटल होना था. वीरेंद्र चारन ने नितिन को विदेश सेटल होने का भरोसा दिया. इसके बदले में ही उसे सुखदेव की सुपारी दी गई थी.
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