इस 'थेरेपी' की क्लास ले रही थी CEO सूचना सेठ, गोवा पुलिस के सामने आया बड़ा खुलासा

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इस 'थेरेपी' की क्लास ले रही थी CEO सूचना सेठ, गोवा पुलिस के सामने आया बड़ा खुलासा
सूचना सेठ के बारे में गोवा पुलिस को नई बात पता चली
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Goa Murder Update: अपने चार साल के बेटे के मर्डर के इल्जाम में गोवा पुलिस की गिरफ्त में मौजूद स्टार्टअप कंपनी माइंडफुल एआई लैब की फाउंडर और CEO सूचना सेठ अपने बच्चे की देखभाल के लिए 'पैरेंटल थेरेपी' ले रही थी। बेंगलुरु के एक थेरेपी सेंटर में वो हर रोज क्लास के लिए जाया करती थी, ताकि अपने चार साल के बेटे को अच्छे से पाल सके। इतना ही नहीं पुलिस सूत्रों ने ये भी खुलासा किया है कि 6 जनवरी को गोवा पहुंचने से पहले वो वहां से नए साल का जश्न मनाकर जा चुकी थी| उस वक्त उसका बेटा भी साथ में मौजूद था।

अपने बेटे को पालने के लिए पेरेंटल थेरेपी ले रही थी सूचना सेठ

ओपन एंड शट केस

वैसे तो गोवा पुलिस सूचना सेठ के हाथों उसके चार साल के बेटे के क़त्ल का मामले को एक ओपन एंड शट केस मान कर चल रही थी। जिसमें पुलिस ने वारदात के सामने आने के चंद घंटे बाद ही ना सिर्फ बच्चे की लाश बरामद कर ली, बल्कि क़त्ल के इल्जाम में बच्चे की मां सूचना सेठ को भी गिरफ्तार कर लिया, मगर हक़ीक़त यही है कि इस वारदात का खुलासा हुए 10 दिनों का वक़्त गुजर जाने के बावजूद फिलहाल गुत्थी उलझती नज़र आ रही  है क्योंकि इस क़त्ल को लेकर बेशुमार सवाल हैं, यहां तक कि क़त्ल का मोटिव भी अभी तक पूरी तरह साफ नहीं है।

सूचना सेठ ने मुंह नहीं खोला

इसकी सबसे बड़ी वजह यही है कि पूरे वारदात को लेकर सूचना सेठ ने अपना मुंह नहीं खोला है। वो कुछ भी बोलने को राज़ी नहीं और यही वजह है कि अब गोवा पुलिस ने सूचना से सीधी पूछताछ करने की जगह उसकी साइकोलॉजिकल काउंसिंग करने की शुरुआत की है, ताकि वो उसे सीने में दफ़्न राज़ को बाहर निकाल सके। हालांकि एक सच ये भी है कि पुलिस के पास सूचना सेठ की वो कमजोर नस हाथ लग गई है, जिसको दबाने के बाद वो एक ही झटके में सारा सच उगल सकती है, लेकिन फिलहाल पुलिस इस ट्रम्प कार्ड को छोड़कर बाकी पत्तों से सच्चाई को बाहर लाने की कोशिश कर रही है। 

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अभी तक सूचना सेठ ने पुलिस के सामने हत्या के बारे में कुछ भी नहीं बताया

पति ने किया खुलासा 

सूचना का वो सच जिसके सामने आने के बाद पुलिस के लिए ज़्यादा मुश्किल नहीं होगी, उसका खुलासा खुद सूचना के पति ने किया है। और अब पुलिस उस जानकारी के बाद सूचना को उसी आधार पर सवालों के जवाब देने को मजबूर कर सकती है। पुलिस के इस काम के लिए मददगार के तौर पर एक साइक्रेटिक्स की पूरी टीम मौजूद है। 

मनोवैज्ञानिक कर रहे सवाल

गोवा पुलिस ने मंगलवार, 16 जनवरी को एक साइकोलॉजिस्ट यानी मनोवैज्ञानिक की मदद से सूचना सेठ से नए सिरे से बातचीत करने की कोशिश की। लेकिन कहानी में मनोवैज्ञानिक की एंट्री के बावजूद सूचना ने खुल कर किसी भी बात का जवाब नहीं दिया और तब मनोवैज्ञानिक ने अपना सेशन पूरा होने के बाद गोवा पुलिस को ये सुझाव दिया कि वो सूचना से क़त्ल के राज़ उगलवाने में कोई जल्दी ना करे, बल्कि सूचना के थोड़ा और नॉर्मल होने और खुलने का इंतज़ार करें, ताकि वो खुल कर अपने दिल की बात कह सके। मनोवैज्ञानिक ने गोवा पुलिस से ये भी कहा कि अगर सूचना के साथ पूछताछ के मामले में जल्दबाज़ी दिखाई गई तो बहुत मुमकिन है कि सूचना अपने-आप किसी 'अदृश्य खोल' में बंद कर ले और तब उससे क़त्ल से जुड़ा कोई भी नया राज़ जानना और भी मुश्किल हो जाए। यही वजह है कि अब पुलिस उसकी साइकोलॉजिकल काउंसिलिंग भी किसी पुलिस स्टेशन में करने की बजाय गोवा के ही बंबोलिम इलाके में मौजूद इंस्टीट्यूट ऑफ सायकोलॉजिकल हेल्थ एंड हम्यूमन बिहेवियर में कर रही है, ताकि उसे एक नया और अलग सा माहौल दिया जा सके।

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