आजम खान की कहानी : 73 की उम्र में 89 FIR; बकरी, भैंस और पैरों की पायल चुराने के भी मामले

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आजम खान की कहानी : 73 की उम्र में 89 FIR; बकरी, भैंस और पैरों की पायल चुराने के भी मामले
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Azam Khan ki Kahani : उत्तर प्रदेश की सियासत में जुर्म की बिसात बहुत बड़ी है. इसकी मिसालें अक्सर मिलती रहतीं हैं. पर आजम खान से जुड़ी सियासत और जुर्म की कहानी बेहद उलझी हुई है. ये उलझन ऐसी है कि अब कोर्ट भी इसमें उलझ गया है.

अब मामला हाई कोर्ट से देश की सबसे बड़ी अदालत में पहुंच चुका है. जिसमें हाल में ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, "आजम खान पिछले दो साल से जेल में बंद हैं. एक या दो मामले तक तो ठीक है. लेकिन एक ही आदमी पर 89 मुकदमे कैसे दर्ज हो सकते हैं? ये एक ट्रेंड बन चुका है. जब एक केस में जमानत मिलती है तो दूसरा मुकदमा दर्ज हो जाता है.”

अब सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद यूपी सरकार को इस मामले में नया हलफनामा दाखिल करना है. जिस पर 17 मई को सुनवाई होगी. आखिर आजम खान और उन पर दर्ज 89 मुकदमें क्या हैं. कैसे 88 मामलों में आजम को जमानत मिल गई तो फिर से एक नए केस में जमानत का विरोध हो गया. सिलसिलेवार तरीके से समझते हैं...

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Azam Khan News : आजम खान पिछले 2 साल से सीतापुर जेल में बंद है. इन पर कुल 89 मुकदमों में से 88 में जमानत मिल गई. अब आखिरी केस में जमानत पर सुनवाई चल रही थी. इसी बीच, यूपी की रामपुर पुलिस ने एक और केस में आजम खान को आरोपी बनाने का दावा किया. ये बताया गया कि साल 2020 में कोतवाली रामपुर में दर्ज हुए केस की दोबारा जांच हुई. इस केस में बाकायदा आजम खान पर इल्जाम है कि उन्होंने रामपुर पब्लिक स्कूल की बिल्डिंग का फर्जी सर्टिफिकेट बनवाकर मान्यता प्राप्त की थी.

अब इस केस के वारंट को भी सीतापुर जेल में तामील करा दिया गया. इस पर 19 मई को सुनवाई होनी है. लेकिन इस नए वॉरंट से आजम खान को जेल से बाहर आने में एक और बड़ी दीवार खड़ी कर दी गई. इस तरह पूर्व मंत्री आजम खान अब सिर्फ शत्रु संपत्ति मामले में ही जेल की सलाखों में बंद हैं. बाकी 88 केस में उन्हें जमानत मिल चुकी है.

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Azam Khan News : साल 2017 तक आजम खान पर एक केस दर्ज था. हाल में हुए यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान आजम खान, उनके बेटे अब्दुल्ला आजम और पत्नी तजीन फातिमा यानी तीनों के खिलाफ कुल 165 केस दर्ज थे. इनमें आजम खान पर कुल 87 मामले, अब्दुल्ला आजम पर 43 और तजीन फातिमा पर 35 मामले दर्ज थे.

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आजम खान ऐसे नेता हैं जिन पर उनकी उम्र से कहीं ज्यादा क्रिमिनल केस हैं. उम्र 73 साल और 88 मामले दर्ज. आजम के खिलाफ एक एफआईआर (FIR) तो ऐसी है जिसे शिकायत मिलने के 16 साल बाद दर्ज किया गया. इसके अलावा कुल 88 में से 22 केस ऐसे हैं जो वारदात होने के 13 साल बाद दर्ज किए गए.

13 साल बाद दर्ज होने वाले मामलों में ही मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी के लिए जबरन जमीन पर कब्जा करने का है. जिसमें दावा किया जाता है कि इस यूनिवर्सिटी को बनाने के लिए किसानों की जमीन पर या तो जबरन कब्जा किया गया या फिर गलत तरीके से अधिग्रहण कर लिया गया. अब इसे ऐसे भी समझा जा सकता है कि मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी की स्थापना साल 2006 में हुई थी लेकिन इसके 13 साल बाद यानी जुलाई 2019 तक इससे जुड़ा कोई मामला दर्ज नहीं हुआ था.

आजम खान पर एक बार ऐसा भी हुआ कि महज 9 दिनों में 22 एफआईआर हुई थी. ये वाकया है साल 2019 का. इस दौरान 12 जुलाई से 20 जुलाई के बीच रामपुर के अजीम नगर पुलिस स्टेशन में 22 FIR दर्ज की गई. सभी एफआईआर को लिखने का समय रात का रखा गया. कभी साढ़े 11 बजे, कभी रात में 2 बजकर 19 मिनट तो कभी सुबह 6 बजे के समय FIR दर्ज की गई.

पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, आजम खान के खिलाफ मानहानि का भी एक केस है. ये केस आपत्तिजनक बयान देने से जुड़ा है. जिसे आजम खान ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, भारतीय जनता पार्टी और सैयद कल्बे जव्वाद नकवी के खिलाफ दिया था. इस बयान के 5 साल बीत जाने के बाद आजम खान के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज हुआ था. जमीन कब्जाने और फर्जीवाड़े के एक और मामले में अपराध के 16 साल बाद थाने में FIR दर्ज की गई थी.

बकरी, भैंस से लेकर पैसे चुराने का आरोप : आजम खान पर बकरी और भैंस चुराने के मामले भी दर्ज हैं. ये एफआईआर 2019 में हुई थी. दरअसल, FIR कराने वाली महिला नसीमा खातून ने दावा किया था कि वो परिवार के साथ वक़्फ़ के यतीमखाने में रहती थीं. मेरा छोटा कारोबार था. उसमें भैस और बकरी पालती थी. इन्हें बेचते भी थे.

पर 15 अक्टूबर 2016 की तड़के करीब साढ़े 4 बजे आज़म खान ने साज़िश के जरिए कुछ लोगों को मेरे घर पर भेजा. उन लोगों में शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिज़वी और सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड के अध्यक्ष ज़ुफर फारूकी भी शामिल थे.

इन लोगो ने मेरे पति को बुरी तरह से पीटा. इसके बाद घर के सामान में भी तोड़फोड़ की. इसके साथ ही घर से बकरी, भैंस और बछड़ा उठाकर ले गए. इसके अलावा आजम खान के लोगों ने घर से दो नेकलेस, दो बालियां, सोने की एक अंगूठी और पायल भी लूटकर ले गए थे. फिर घर पर ही बुलडोजर चलाकर सबकुछ खत्म कर डाला. वे लोग कह रहे थे कि इसी जगह पर आजम खान का स्कूल बनेगा. उस समय एफआईआर लिखवाने थाने आई तो उल्टे डांटकर भगा दिया गया था.


किताबों और शेरों की मूर्तियों की चोरी का भी आरोप : आजम खान पर रामपुर रियासतकालीन क्लब से कीमती मूर्तियों और किताबें चुराने का भी मामला है. कहा जाता है कि सपा सरकार के कार्यकाल में क्लब से शेरों की मूर्तियां और दूसरी महंगी वस्तुएं गायब हुईं थीं.

इसके बाद जब पुलिस ने आजम खान की बनवाई हुई जौहर यूनिवर्सिटी की मुमताज सेंट्रल लाइब्रेरी में छापेमारी की थी तब चोरी की पुरानी और महंगी किताबें मिली थईं. इसके अलावा यूनिवर्सिटी में ही चुराई गई शेरों की मूर्तियां भी मिली थीं. इस मामले में रामपुर के थाना गंज में एक एफआईआर दर्ज कराई गई थी.

Azam Khan Crime History : पुलिस रिपोर्ट में ये आया है कि फर्जी पैन कार्ड और पासपोर्ट बनवाने के मामले में 26 फरवरी 2020 को आजम खान और उनकी पत्नी तजीन फातिमा के साथ बेटे अब्दुल्ला आजम तीनों ने रामपुर कोर्ट में आत्मसमर्पण किया था. तीनों को एक रात तक पुलिस कस्टडी में रहना पड़ा था फिर अगले दिन तीनों को सीतापुर जेल भेजा गया था.

इस मामले में सबसे पहले आजम खान की पत्नी तजीन फातिमा जेल से बाहर आईं. वो करीब 10 महीने तक जेल में रहीं. इसके बाद 20 दिसंबर 2020 को जमानत पर बाहर आईं. इनके बाद बेटा अब्दुल्ला आजम करीब 23 महीने जेल में रहने के बाद 16 जनवरी 2022 को बाहर आए. जबकि आजम खान अभी भी सीतापुर जेल में बंद हैं.

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