Crime Story : 4 डिजाइनर बटन, मुंबई-6 में छुपा था कातिल का राज, 3 लव अफेयर और गुमनाम दोस्त के मर्डर मिस्ट्री की अजीब कहानी
Crime Kahani : 3 प्रेमी. एक प्रेमिका. अचानक एक प्रेमी का मर्डर हुआ. लावारिस लाश मिली. फिर शर्ट के 4 बटन से मिला सुराग. आखिर में खुला मर्डर मिस्ट्री से राज.
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Crime Story : रिश्तों में उलझी. प्यार में धोखा. फिर अजीब कत्ल. आखिर में शर्ट के 4 डिजाइनर बटन और मुंबई-6 ने उस उलझी हुई मर्डर मिस्ट्री का राज खोला. क्राइम की कहानी में आज मुंबई के नालासोपारा की एक बेहद उलझा देने वाली मिस्ट्री. जिसमें पुलिस को जांच के हर कदम पर एक नई कहानी मिलती है. जब सारी कड़ियों को पुलिस ने जोड़ा तब कत्ल की वजह और कातिल का पता चला.
21 जून 2019 को मुंबई के नालासोपार में बैग में मिली लाश
Mumbai Murder Mystery : साल 2019. तारीख 21 जून. शाम का वक्त. कुछ लोग टहलते हुए मुंबई के नालासोपारा में श्रीराम नगर में एक ओवरब्रिज के पास बैग में लाश देखते हैं. तुरंत पुलिस को सूचना देते हैं. मुंबई पुलिस के वायरलेस सेट से तुलिंज पुलिस स्टेशन को जांच के लिए भेजा जाता है. पुलिस टीम मौके पर पहुंचती है. फिर नायलोन के बैग में एक युवक की लाश मिलती है. सिर और चेहरे पर गंभीर चोट के निशान. पूरे बदन पर खून ही खून. चेहरा पहचानना मुश्किल था. लाश पहचानने के लिए पुलिस के पास कोई क्लू नहीं था. सिवाय उसके जिस्म को ढकने वाले कपड़ों के. लिहाजा, पुलिस ने उस लाश की शर्ट को खूब अच्छी तरह जांचा. उसमें पुलिस को कुछ अजीब नजर आया. असल में युवक ने जो शर्ट पहनी थी उसके चार बटन थोड़े अलग थे. उन चार बटन में भी एक थोड़ा टूटा हुआ था.
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असल में जो ये बटन थे शर्ट के बाकी बटन से अलग थे. कलर ज्यादा चमकदार डिजाइनर थे. ऐसा देखने से लग रहा था इन बटन को खास वजह से अलग से लगवाए गए थे. इसलिए पुलिस ने शर्ट के कॉलर पर टेलर का नाम चेक किया. उस शर्ट के कॉलर में S.V.MEN'S WEAR, MUMBAI-6 लिखा था. इस तरह पुलिस को एक बड़ा क्लू मिल गया. क्योंकि मुंबई के पिनकोड 6 में अब उस कपड़े सिलने वाली दुकान को तलाशना था. जिसे पुलिस ने आसानी से ढूंढ लिया. ये दुकान कमाठीपुरा में थी. फिर पुलिस उस टेलर के पास पहुंची और उससे पूछताछ शुरू की. उस शर्ट को दिखाया और बटन को भी. साथ में मरने वाली की फोटो दिखाई. जिसे देखकर टेलर ने पहचान लिया.
मरने वाले की पहचान हुई, लेकिन कत्ल क्यों, रहस्य बरकरार
Crime Kahani : उसने बताया कि ऐसे डिजाइनर बटन वाली शर्ट वो कृष्णा सिलवाता था. अब पुलिस को थोड़ी तसल्ली हुई. कम से कम मरने वाले का नाम तो पता चला. अब पुलिस ने उसका पता पूछा. तब टेलर ने बताया कि उसका पूरा एड्रेस तो नहीं पता. लेकिन इतना जरूर पता है कि ये शख्स जब भी अपने कपड़े सिलवाता था तो शर्ट में तीन से चार बटन अलग कलर और डिजाइन वाले लगवाता था. उसने एक बार मुंबई सेंट्रल में किसी मुस्लिम होटल में काम करने की जानकारी दी थी. इसलिए पुलिस की टीम सेंट्रल मुंबई के उन होटल में कृष्णा की पड़ताल शुरू की जिसके मालिक मुस्लिम समुदाय से थे. पुलिस की कई टीमों की जांच में वो होटल भी मिल गया जिसमें कृष्णा काम करता था. अब पुलिस ने वहां पर फोटो दिखाई तो तुरंत पहचान लिया गया. होटल मालिक ने बताया कि ये कृष्णा ही है. लेकिन वो चार दिनों से होटल ही नहीं आया. उसके बारे में कोई जानकारी नहीं है. इसके बाद पुलिस ने पूछा कि होटल में और कोई ऐसा है जो उसका दोस्त है. तब पता चला कि उसका एक दोस्त है जो भाईंदर में रहता है. लेकिन चौंकाने वाली बात है कि वो भी चार दिन से ही होटल नहीं आ रहा है.
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कृष्णा के साथ ही 4 दिन से एक और शख्स था लापता
Murder Mystery : ये सुनते ही पुलिस को लगा कि शायद अब कातिल का कनेक्शन मिल गया. क्योंकि 4 दिन से कृष्णा भी लापता था. और होटल में काम करने वाला उसका एक साथी भी. इसलिए पुलिस ने भाईंदर में रहने वाले का पता लगा लिया और तुरंत उसके पास पहुंच गई. पुलिस की किस्मत अच्छी थी कि वो शख्स कमरे पर ही मिल गया. पुलिस ने उससे कृष्णा के बारे में पूछताछ की. ये भी पूछा कि वो 4 दिन से होटल क्यों नहीं गया. इस पर उसने बताया कि वो काफी बीमार है. इसलिए होटल नहीं जा पा रहा हूं. उसकी हालत देखकर पुलिस को उसकी बात सच लगी. क्योंकि वो बीमार था. काफी कमजोर भी था. अब पुलिस जो सोचकर वहां तक पहुंची थी वो पूरा नहीं होता दिख रहा था.
अब कृष्णा से ज्योति का कनेक्शन मिला, लेकिन कातिल पर सस्पेंस
Crime Story in Hindi : लिहाजा, अब पुलिस ने उससे पूछा कि कृष्णा के बारे में कोई ऐसी बात बताओ जिसके बारे में कम लोगों को जानकारी हो. तब उसने बताया कि कृष्णा नालासोपारा में एक लड़की के साथ रहता था. उस लड़की का नाम ज्योति है. लेकिन वो ज्योति और कृष्णा कहां रहते थे, इस बार में ज्यादा जानकारी नहीं है. अब पुलिस को कृष्णा मर्डर में एक ज्योति नाम की लड़की के बारे में नई जानकारी मिली. साथ में पुलिस ने कृष्णा का फोन नंबर भी ले लिया. ताकी उसकी कॉल डिटेल से कुछ सुराग का पता लगा सके. अब पुलिस ने जब कृष्णा के फोन की कॉल डिटेल की गंभीरता से पड़ताल की तो कुछ अजीब नंबरों पर नजर गई. क्योंकि उन नंबरों पर कृष्णा की आखिरी बार बात हुई थी. इसलिए पुलिस ने उनमें से एक नंबर पर कॉल किया तो वो एक लड़की का मिला. अब पुलिस ने सोचा कि हो सकता है कि वो उसी ज्योति नाम की लड़की का नंबर हो. लिहाजा, पुलिस उसके एड्रेस पर पहुंची. वो लड़की नालासोपारा के तुलिंज इलाके की प्रगति नगर बिल्डिंग में रहती थी.
पुलिस ने इस लड़की से पूछताछ की. नाम पूछा. तब पता चला कि उसका नाम ज्योति तो नहीं है. फिर कृष्णा के बारे में पूछा गया. तब उसने बताया कि वो किसी कृष्णा को नहीं जानती है. कृष्णा की फोटो दिखाई गई. ये सोचकर की कहीं दूसरे नाम से तो कृष्णा से नहीं मिली. लेकिन फोटो देखकर भी लड़की ने इस बात से इनकार कर दिया कि वो किसी कृष्णा को जानती है. इसके बाद पुलिस को उस लड़की पर शक और गहरा गया. क्योंकि उसी के नंबर से कृष्णा के फोन पर कॉल आई थी.
ऐसे में कैसे हो सकता है कि वो कृष्णा को नहीं जानती होगी. इसलिए पुलिस ने उसके सामने कॉल डिटेल रिकॉर्ड लिस्ट रख दी. उसमें अपने नंबर की आउटगोइंग में कृष्णा के नंबर को देखकर वो लड़की खुद चौंक गई. फिर वो सोचने लगी. उसने बताया कि हां उसे याद आया. उसका फोन मेरी दोस्त ज्योति ने एक बार मांगा था. ये कहकर कि उसे अर्जेंट कॉल करनी है और उसका फोन बंद है. अब ये सुनकर पुलिस को थोड़ी राहत भी मिली और उस लड़की पर जो शक की सुई थी वो भी दूर हो गई. अब उस लड़की ज्योति का पता पूछा गया तब उसने बताया कि हां वो इसी बिल्डिंग में रहती है. इस कमरे के दूसरी मंजिल पर.
कमरे में तलाशी ली गई तो मिला खून वाला सुराग
अब पुलिस तुरंत ज्योति के कमरे में पहुंची. दरवाजा बाहर से बंद था. अब पुलिस को लग गया कि वो कहीं ना कहीं सही दिशा में जा रहे हैं. कमरे का दरवाजा तोड़ा गया. पुलिस ने अंदर जांच की. पूरा कमरा क्लीन था. कमरा इतना साफ देखकर पुलिस को शक हुआ. क्योंकि जल्दबाजी में अगर कोई भागेगा या सामान्य तौर पर भी जाएगा तो इतनी सफाई नहीं मिलती है. इसलिए पुलिस ने ध्यान से कमरे की तलाशी शुरू की. उस दौरान कमरे की दीवार पर नया पेंट किया हुआ मिला. जिसे देखकर ये लग रहा था कि हाल में उसे पेंट किया गया है. इसके बाद पुलिस ने फॉरेंसिक टीम की मदद से वहां की दीवार को चेक किया तो खून के छींटे मिले. बाथरूम में भी पुलिस को कुछ जगह खून के धब्बे मिल गए. इससे पुलिस को साफ हो गया कि हो सकता है कि इसी कमरे में कृष्णा की हत्या की गई. लेकिन हत्या क्यों की गई. यानी मोटिव का पता करना अभी भी बाकी था. लेकिन अब तक पुलिस को काफी हद तक कातिल के करीब पहुंच चुकी थी.
सीसीटीवी में दो युवक और एक महिला दिखे
अब पुलिस ने उस इलाके के आसपास के सीसीटीवी फुटेज को खंगाला. इस दौरान तीन लोग संदिग्ध देखे गए. इनमें दो युवक और एक लड़की दिखी थी. इनके पास एक बैग भी दिखा था. इससे शक और गहरा गया. इस बैग को दोनों युवकों ने एक बाइक पर रखा और आगे की तरफ निकल गए. अब इस सीसीटीवी फुटेज को ज्यादा साफ कराकर पुलिस ने ज्योति की दोस्त को दिखाया. जिसके फोन से उसने आखिरी बार कृष्णा को कॉल किया था. उस लड़की ने तुरंत उसे पहचान लिया. वो ज्योति ही थी. अब पुलिस को पूरा यकीन हो गया कि इस वारदात में ज्योति शामिल है. लेकिन वो दो कौन लोग हैं जो इस हत्या में शामिल हैं. अब पुलिस ज्योति के साथ उन दो लोगों की तलाश में जुट गई.
ज्योति के नंबर से मिला ये सुराग
अब पुलिस ने उस लड़की से ज्योति का मोबाइल नंबर लिया. उस नंबर की कॉल डिटेल निकाली गई. उससे पुलिस को एक खास नंबर मिला. वो नंबर था किसी मुख्तार का. अब मुख्तार के नंबर की लोकेशन निकाली गई. तब उसकी सबसे ज्यादा देर तक नालासोपारा के गोराईपाडा इलाके में लोकेशन मिली. पुलिस की टीम वहां पहुंचकर कई घरों में तलाशी ली. तब जाकर मुख्तार के कमरे का पता चला. वहां पुलिस ने रेड डाली तो मुख्तार नहीं मिला. लेकिन एक लड़का मिला. वो पुलिस को देखते ही डर गया. पुलिस ने उसे ध्यान से देखा तो उन्हें भी लगा कि इसे कहीं पर तो देखा है. फिर पुलिस समझ गई कि ये वही शख्स है जो सीसीटीवी में दिखा था.
पुलिस ने उसका नाम पूछा. पता चला वो सूरज कुमार झा है. फिर मुख्तार कौन है. तो उसने बताया कि वो मेरा दोस्त है. पुलिस ने जब उसे सीसीटीवी फुटेज दिखाया तो वो समझ गया कि पुलिस यहां पर क्यों और किस वजह से आई है. फिर उसने पूरी बात बता दी. उसने बताया कि उसका दोस्त मुख्तार है. लेकिन मैंने मर्डर नहीं किया. मैं तो बस लाश को ठिकाने लगाने में शामिल था. उसने बताया कि मुख्तार और ज्योति ने मिलकर उसकी हत्या की. उसने बताया कि मुख्तार और ज्योति दोनों प्यार करते हैं. अब पुलिस ने मुख्तार और ज्योति की तलाश की लेकिन कुछ नहीं मिला. तो पुलिस ने मुख्तार के सभी दोस्तों को सचेत किया कि कैसे भी वो संपर्क करे तो तुरंत पुलिस को बताना होगा. सभी के फोन की जांच हमलोग कर रहे हैं.
करीब एक महीने बीतने के बाद मुख्तार ने अपने एक दोस्त से संपर्क किया. उसे बताया कि वो अपने फोन की ईएमआई नहीं भर पा रहा है. इसलिए वो कुछ पैसे दे दे. उस दोस्त ने पैसे तो दिए साथ में ही पुलिस को भी उसके लोकेशन की सूचना दे दी. इसके बाद पुलिस ने मुख्तार की जांच की तो पता चला कि वो मुंबई छोड़कर दिल्ली से सटे यूपी के गाजियाबाद में रह रहा है. पुलिस ने गाजियाबाद में जाकर मुख्तार को अरेस्ट कर लिया. मुंबई पुलिस जब गाजियाबाद पहुंची तो वहां मुख्तार के साथ ज्योति भी मिल गई. इसके बाद दोनों से जब पूछताछ हुई तो पूरी कहानी और हैरान कर देने वाली सामने आई.
पुलिसवाले की बहन थी ज्योति, मुख्तार तीसरा प्रेमी था, दूसरे प्रेमी कृष्णा का कत्ल
अब पुलिस की पूछताछ में ज्योति ने पूरी कहानी सिलसिलेवार ढंग से बताई. कहानी कुछ इस तरह से थी. ज्योति यूपी के महाराजगंज की रहने वाली थी. उसका भाई यूपी पुलिस में है. लेकिन उसका अफेयर पास में रहने वाले एक लड़के से था. लेकिन भाई नहीं चाहता था कि उसकी बहन लव मैरिज करे. बात जनवरी 2018 की है. ज्योति ने तय किया कि वो अपने प्रेमी के साथ घर छोड़कर भाग जाएगी. उसने किया भी ऐसा. प्रेमी के साथ महाराजगंज से भागकर लखनऊ पहुंच गई. लखनऊ रेलवे स्टेशन पर दोनों रुके थे. उसी दौरान उसके प्रेमी के मन में डर बैठ चुका था. ये डर ज्योति के भाई का था. क्योंकि वो पुलिस में था. इसलिए प्रेमी ने कहा कि वो ज्योति के साथ जहां कहीं भागकर जाएगा उसका भाई तलाश लेगा. इसलिए वो रिस्क नहीं लेगा और यहां से लौट रहा है. लेकिन ज्योति ने उसके साथ फिर घर लौटने से मना कर दिया. इस तरह उसके प्रेमी ने साथ छोड़ दिया और स्टेशन से चला गया.
अब ज्योति अकेले तन्हा रो रही थी. उसे रोता हुए देख लखनऊ में ही कृष्णा मिला था. उसका पूरा नाम कृष्णा साहनी था. उसी ने ज्योति को प्यार से समझाया और फिर अपने साथ मुंबई चलने को कहा. कृष्णा की दरियादिली देखकर ज्योति खुश हो गई. वो उसके साथ मुंबई आ गई. दोनों नालासोपारा की ओसवाल नगरी में रहने लगे. कृष्णा होटल में काम करता था. ज्योति भी कुछ काम की तलाश में थी. इस तरह कई महीने गुजर जाते हैं. इसी बीच, कृष्णा को एक दिन पता चलता है कि महाराजगंज में लापता ज्योति को तलाशने वाले के लिए 30 हजार रुपये का इनाम रखा गया है. उस दिन कृष्णा ने काफी शराब पी थी. इसलिए नशे में उस इनाम के चक्कर में लालच में आ गया. उसने यूपी में फोन पर बता भी दिया कि ज्योति इस समय मुंबई में है. वो उसके बारे में सुराग दे सकता है. लेकिन अगले दिन जब नशा टूटा तो उसने बातों ही बातों में ज्योति के ये इनाम वाली जानकारी दे दी. बस इसी बात से ज्योति काफी नाराज हो गई. उसने कहा कि 30 हजार रुपये के लिए वो उसे ही बेच डालेगा. तब से ज्योति उससे दूरी बनाने लगी थी. लेकिन चूंकि कृष्णा ने फोन कर दिया था इसलिए दोनों को यूपी पुलिस ट्रेस कर सकती थी. इसलिए दोनों ने पुराने फोन को बंद करके अपना कमरा भी बदल लिया.
अब दोनों नालासोपारा की ओसवला नगरी में आकर किराए पर रहने लगे. यहां जिस कमरे में रहते थे उसका मकान मालिक का भांजा मुख्तार था. मुख्तार अपने मामा से मिलने वहां आता था. तभी मुख्तार की मुलाकात ज्योति से हुई. फिर दोनों में दोस्ती और प्यार हो गया. अब मई 2019 आ चुका था. उसी समय अचानक कृष्णा को कैटरिंग के काम के लिए एक महीने के लिए पुणे जाना पड़ा. इस बीच मुख्तार और ज्योति में प्यार परवान पकड़ चुका था. ज्योति बिना बताए मुख्तार के साथ प्रगति नगर में शिफ्ट हो गई थी. जब कृष्णा लौटा तो उसे पता चल गया कि ज्योति किसी और के साथ दूसरी जगह शिफ्ट हो गई है. तब उसने ये पता लगा लिया कि ज्योति प्रगति नगर में कहां रह रही है.
वो उसके पास जाकर लड़ाई करने लगा था. इस बारे में ज्योति ने मुख्तार को भी जानकारी दी. जिसके बाद से वो भी कृष्णा से नाराज था. इसी बीच, ज्योति ने एक दिन कृष्णा को समझाने के लिए अपने पास में रहने वाली लड़की से फोन मांगकर उसे कॉल किया था. बात करने के बाद कॉल हिस्ट्री से कृष्णा का नंबर हटा दिया था. फिर रात में कृष्णा नशे में धुत होकर गुस्से में ज्योति के कमरे पर पहुंचा था और उसके साथ खूब मारपीट की थी. गाली गलौज भी की थी. इसके बाद नशे में धुत होने के कारण कृष्णा ज्योति के कमरे में ही बेहोश हो गया था. काफी देर बाद जब मुख्तार कमरे पर आया तो कृष्णा को देखकर तिलमिला गया. उसने गुस्से में हथौड़ी से उसके सिर और चेहरे पर दर्जनों बार हमला किया. जिससे उसकी मौत हो गई. इसके बाद मुख्तार ने अपने दोस्त सूरज कुमार झा को बुलाया और फिर आधी रात के बाद तीनों मिलकर कृष्णा की लाश को बैग में डालकर ठिकाने लगा दिए थे. लेकिन आखिरकार पुलिस ने तीनों को दबोच ही लिया. इस तरह पुलिस ने उस शर्ट के 4 डिजाइनर बटन से पहले उस लाश की पहचान की और फिर आखिर में डेढ़ महीने की पड़ताल में कातिलों के गिरेबां तक पहुंच गई.
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