मर्डर का पासवर्ड: आफताब के वो तीन झूठ जिसने खोल दिया श्रद्धा मर्डर केस का पूरा राज़!

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मर्डर का पासवर्ड: आफताब के वो तीन झूठ जिसने खोल दिया श्रद्धा मर्डर केस का पूरा राज़!
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Shraddha Murder : श्रद्धा मर्डर केस में हालांकि अब दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने आरोपी को हथकड़ियों में जकड़ रखा है...और रह रहकर एक के बाद एक कई खुलासे भी सामने आ रहे हैं। लेकिन एक सनसनीखेज़ खुलासा उस वक्त सामने आया जब पुलिस को मर्डर (Murder) का पासवर्ड (Password) पता चला।

सुनकर जितना अजीब लगा, ये खुलासा उससे भी कहीं ज़्यादा हैरतअंगेज है। साथ ही इस खुलासे से आरोपी आफताब अमीन पूनावाला के शातिर होने का भी सबूत सामने आ जाता है।

लेकिन कहावत है कि सयाने से सयाना कौव्वा भी एक दिन गंदगी में गिर जाता है। ठीक उसी तर्ज पर आरोपी आफताब ने खुद को पुलिस से बचाने और क़ानून के सिपाहियों को गुमराह करने के लिए कोई कसर भी बाकी नहीं छोड़ी थी।

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मगर वो एक के बाद एक ऐसे सुराग और सबूत छोड़ता जा रहा था जो आखिर में उसके लिए क़ानून के फंदे बनकर उसके सामने आ कर खड़े हो गए और ये शातिर आरोपी आखिरकार पुलिस के चंगुल में फंस ही गया।

श्रद्धा के कत्ल का आरोपी आफताब कैसे पकड़ा गया, ये अपने आप में कम दिलचस्प नहीं है। वैसे आफताब ने शुरुआत से ही मुम्बई और दिल्ली पुलिस दोनों को चकमा देने की कोशिश की। पुलिस के सामने आफताब ने एक ही झटके में कई गलतियां भी की

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आफताब का पहला झूठ -  श्रद्धा का मोबाइल

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Shraddha Murder: आफताब ने पुलिस से कहा था कि श्रद्धा 22 मई को ही उससे झगड़ा करके घर छोड़कर चली गई थी। उसने पुलिस को ये भी कहकर गुमराह करने की कोशिश की कि श्रद्धा अपना मोबाइल भी साथ लेकर गई है। लेकिन अपना काफी सामान यहीं छोड़ गई।

उसकी इस बात से पुलिस ज़रूर शुरू शुरू में भटकी कि उसके जाने के बाद से आफताब ने उससे कभी संपर्क नहीं किया यानी उससे कोई बातचीत नहीं हुई। असल में पुलिस पहले से ही होमवर्क करके बैठी थी। पुलिस ने आफताब के साथ साथ श्रद्धा की कॉल डिटेल निकाल रखी थी। साथ ही कॉल और फोन की लोकेशन का पूरा खाका पुलिस के पास मौजूद था।

ऐसे में आफताब ने जब पुलिस से कहा कि वो झगड़ा करके चली गई और वो उसके संपर्क में नहीं है...साथ ही श्रद्धा अपना मोबाइल भी अपने साथ ले गई तो पुलिस ने आफताब के सामने कॉल डिटेल के साथ साथ उसका सारी लोकेशन का कच्चा चिट्ठा भी निकालकर रख दिया। क्योंकि उन दोनों के मोबाइल की लोकेशन दिल्ली का महरौली इलाका ही था।

आफताब का दूसरा झूठ- श्रद्धा का बैंकिंग एकाउंट

आफताब ने पुलिस के सामने श्रद्धा के बारे में कई बातें बताईं, लेकिन वो श्रद्धा के बैंक खाते और उस खाते से पैसे निकालने की बात को पुलिस से छुपाता रहा। जबकि आफताब ने 26 मई को श्रद्धा के खाते से 54 हजार रुपये की रकम निकाली थी और वो भी श्रद्धा के नेट बैंकिंग ऐप से। यानी उस दिन तक श्रद्धा मारी जा चुकी थी लेकिन उसका खाता चालू था...

जिससे आफताब ने रकम निकालकर अपने खाते में ट्रांसफर की थी। मतलब साफ है कि श्रद्धा के नेट बैंकिंग का पासवर्ड आफताब को अच्छी तरह से पता था। और वो श्रद्धा का खाता खाली करके सारी रकम को अपने खाते में डालने की फिराक में था।

पुलिस ने जब आफताब से पूछा तो वो पहले टालता रहा...लेकिन जब पुलिस ने रकम को ट्रांसफर करने वाले ऐप की लोकेशन का पता आफताब के सामने रखा तो फिर उसकी बोलती बंद हो गई क्योंकि ये लोकेशन भी महरौली ही थी।

आफताब का तीसरा झूठ – श्रद्धा के सोशल मीडिया एकाउंट से चैट

Shraddha Murder: आफताब ने श्रद्धा का खाता ही खाली नहीं किया बल्कि उसके सोशल एकाउंट का भी इस्तेमाल किया और वो भी धड़ल्ले से...हालांकि श्रद्धा का सोशल एकाउंट का इस्तेमाल करते हुए वो इस बात का ही गुमान देता रहा कि श्रद्धा जिंदा है। और श्रद्धा बनकर ही वो सोशल एकाउंट पर उसके दोस्तों से चैट करता रहा।

पुलिस ने जब इस बारे में आफताब से पूछा तो फिर वो टाल गया, मगर पुलिस जान चुकी थी कि आफताब के पास श्रद्धा के सारे पासवर्ड मौजूद हैं...। क्योंकि चैट के टाइम और लोकेशन के मुताबिक आफताब दिल्ली में ही था।

वसई पुलिस का बड़ा खुलासा, तीन बार पैसे ट्रांसफर किए

आफताब के सच और झूठ को लेकर केवल दिल्ली पुलिस ही नहीं बल्कि मुंबई पुलिस भी तहकीकात में जुटी हुई थी। और वो एक ही वक़्त में महाराष्ट्र पुलिस की भी आंखों में धूल झोंकने की फिराक में लगा हुआथा। वसई में माणिकपुर पुलिस स्टेशन के सीनियर इंस्पेक्टर संपतराव पाटिल के मुताबिक आफताब ने 18 मई के बाद कम से कम तीन बार श्रद्धा के खाते से पैसे ट्रांसफर किए।

पुलिस इंस्पेक्टर संपतराव के मुताबिक तफ्तीश में ये बात सामने आई है कि आफताब ने 18 मई को ही 50 हज़ार रुपये श्रद्धा के खाते से निकालकर अपने खाते में ट्रांसफर किए थे। और उसके बाद उसी तर्ज पर दो बार और उसने श्रद्धा के खाते से पैसे निकाले और अपने खाते में ट्रांसफर कर दिए।

इस बारे में जब उससे महाराष्ट्र पुलिस के अधिकारियों ने पूछताछ की तो उसने हर बार अपने अलग अलग बयान दिए, जिसने पुलिस वालों के सामने शक पैदा कर दिया और उसका सारा राज़ फाश हो गया।

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