हमारे बच्चों पर है पहचानवालों की बुरी नज़र, हर ढाई घंटे में 1 बच्चे का हो रहा है यौन शोषण
हर ढाई घंटे में एक बच्चे का हो रहा यौन शोषण, ऐसे बचाएं Good touch bad Touch के बारे में ऐसे समझाएं How To safe child from crime Read more crime news on crime tak website
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Child Abuse : ये ख़बर आपको थोड़ी अजीब लग सकती है. और अटपटी भी. हो सकता है आप ये सोचने लगे कि ऐसा तो होता ही नहीं है. लेकिन आंकड़े कभी झूठ नहीं बोलते. हमारा मकसद यहां पर आपको डराना नहीं हैं. बल्कि हमारा मकसद आपको सिर्फ अलर्ट करना है.
आपको जागरूक करना है. ताकि जिन बच्चों की खुशी के लिए हम मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे, चर्च या फिर अपनी पसंद की जगह पर जाकर मन्नत मांगते हैं. सलामती की दुआ करते हैं.
अगर उन्हीं बच्चों के साथ कोई गलत हरकत हो जाए तो क्या होगा? जाहिर है उस दर्द को हम हों या आप..कोई भी बयां नहीं कर सकता है. सिवाय अफसोस जताने के. घुट-घुट के रोने के. इसलिए ये जरूरी है कि हम अपने बच्चों को ऐसी गंदी नज़रों से बचाएं. ना सिर्फ बचाएं बल्कि उनकी पहचान भी करें. ताकि ऐसी किसी घटना को होने से पहले ही रोका जा सके.
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ज़रूरी ये भी है कि हम बच्चों को पहले से ही इसके बारे में अलर्ट करें. उन्हें ये समझाएं कि कोई गलत हरकत करे तो क्या करें? उसे कैसे ना बोलें. ये ना बोलने की आदत हमें ही सिखाना है. और ये सिखाना आज की दुनिया में बेहद ही ज़रूरी है. ये ज़रूरी इसलिए भी है क्योंकि आज हमारा ज्यादातर वक़्त इंटरनेट की दुनिया में गुजरता है.
ना सिर्फ हमारा बल्कि अब तो हमारे बच्चे भी उसी वर्चुअल दुनिया में समय बिताने लगे हैं. ऐसा सिर्फ एक या दो परिवार में नहीं बल्कि हर घर में ऐसे ही हालात हैं. इसलिए पढ़ें और देखें पूरी रिपोर्ट
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बच्चों को ऐसे बताएं Safe Touch और Unsafe Touch
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Child Abuse News : बच्चों पर गंदी नजर रखने वालों के बारे में जानने से पहले इस रिपोर्ट को समझें. दुनिया की जानी-मानी एजेंसी इंटरपोल ने हाल में ही एक रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट से पता चलता है कि भारत में हर 155 मिनट यानी क़रीब ढाई घंटे में एक बच्चे का यौन शोषण होता है.
रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि हर 13 घंटे में 10 साल या इससे कम उम्र के बच्चों का यौन उत्पीड़न हो रहा है. इनमें वो बच्चे भी शामिल हैं जिनके पैदा हुए 3 महीने ही बीते थे. ऐसे दुधमुंहे बच्चे से लेकर 10 साल तक के बच्चों के साथ ऐसी दरिंदगी हुई है. जिसे जानकर मन सिहर उठता है.
इंटरपोल की ये रिपोर्ट साल 2017 से साल 2020 के आधार पर बनाई गई है. इसमें ये बताया गया है कि इन 3 सालों में भारत के 240 लाख बच्चे ऑनलाइन सेक्सुअल अब्यूज के शिकार हुए. इसमें इजाफा तब और ज्यादा हुआ जब से कोरोना लॉकडाउन के बाद बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई करने लगे. अमेरिका की जानी मानी एक संस्था NCMEC ने भी भारत में बच्चों को लेकर चौंकाने वाली रिपोर्ट दी है.
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि जिन बच्चों के माता-पिता वर्किंग यानी कामकाजी हैं, उनके बच्चे सेक्सुअल अब्यूज के शिकार ज्यादा बन रहे हैं. रिपोर्ट में बताया गया है कि बच्चे वर्चुअल दुनिया में ऑनलाइन गेम्स के जरिए या फिर सोशल मीडिया के जरिए संपर्क में आ रहे हैं.
इसके बाद वर्चुअल दोस्ती करने वाले ही उन्हें बातों में फंसाकर सेक्सुअली असॉल्ट कर रहे हैं या फिर उनसे क्राइम भी करा रहे हैं. बच्चों को इतना सॉफ्ट टारगेट किया जा रहा है कि वो इसके खतरे से भी अंजान रह जाते हैं.
ये तो रही ऑनलाइन दुनिया की बात. अब ज़रा थानों में दर्ज होने वाले आंकड़ों पर नजर डालते हैं. NCRB यानी नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ें बताते हैं कि साल 2020 में पूरे देश में पॉक्सो केस में 47 हजार से ज्यादा मामले दर्ज हुए. यानी हर दिन 130 केस हुए. मतलब हर घंटे 6 बच्चों के साथ दरिंदगी हुई.
आप खुद सोचिए ये आंकड़े कितने डराने वाले हैं. आपको बता दें कि पॉक्सो यानी द प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंसेज एक्ट... वे मामले होते हैं जिनमें जन्म लेने वाले बच्चों से लेकर 18 साल से कम उम्र के लड़के या लड़की... दोनों के साथ होने वाले सेक्सुअल असॉल्ट को शामिल किया गया है.
देश के किन राज्यों में और किस उम्र के बच्चों पर है गंदी नज़र
साल 2020 में देशभर में पॉक्सो एक्ट में कुल 47 हजार 221 केस दर्ज हुए. बच्चों के साथ क्राइम होने के मामलों में देश में उत्तर प्रदेश पहले नंबर पर है. यूपी में कुल 6898 केस सामने आए. दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा बच्चों के साथ महाराष्ट्र में अपराध हुए. इस राज्य में 5687 केस हुए. तीसरे नंबर मध्य प्रदेश में 5648, चौथे नंबर पर तमिलनाडु में 3090 और पांचवें नंबर पर वेस्ट बंगाल रहा. पश्चिम बंगाल में 2657 बच्चों के साथ क्राइम हुए.
पॉक्सो में बच्चों को गंदे तरीके से टच करने से लेकर रेप की घटनाएं शामिल हैं. लेकिन बच्चों के साथ सिर्फ रेप की घटनाओं को पूरा समझेंगे तो उसके आंकड़ों को जानकर आप सहम उठेंगे. क्योंकि रिपोर्ट बताती है कि इन घटनाओं को अंजाम देने वाले 96 प्रतिशत लोग हमारे पहचान वाले ही थे. सिर्फ 4 प्रतिशत ही अंजान लोगों ने बच्चों के साथ गंदी हरकत की है. इसलिए जब तक हम इन खतरों से डरेंगे नहीं तब तक हम अलर्ट भी नहीं होंगे.
क्या हमारे बच्चे सेक्सुअल अब्यूज के शिकार हैं, ऐसे जानें
ऐसे में ये जरूरी हो जाता है कि आखिर हम अपने बच्चों को कैसे बचाएं. इस बारे में अमेरिका में इंजीनियरिंग की जॉब छोड़ इंडिया में चाइल्ड अब्यूज को लेकर जागरूक करने वाली सोशल एक्टिविस्ट अर्चना अग्निहोत्री ने कई अहम जानकारी दीं. वो बताती हैं कि सबसे पहले तो बच्चों को गले जरूर लगाएं. गले लगाना और स्पर्श करने में बहुत इमोशनल ताकत होती है. ऐसा करने से बच्चे खुलकर बात करते हैं.
इसके अलावा अगर किसी बच्चे को सेक्सुअली अब्यूज किया जाता है तो उसके व्यवहार में काफी बदलवा आता है. उसे आप ऐसे भी समझ सकते हैं. जैसे बच्चा अचानक रूटीन से कुछ अलग करने लगेगा. जैसे बच्चा गर्मी में सर्दियों के कपड़े पहनने लगेगा. अगर खूब हंसता-खेलता रहेगा तो उस दौरान गुमसुम रहने लगेगा.
इसके अलावा रूटीन से ज्यादा खाना खाने लगेगा या फिर बहुत ही कम खाएगा. ज्यादा चिड़चिड़ा रहने लगेगा या फिर अचानक सोना बंद कर देगा. इस तरह अचानक आए परिवर्तन को देखते हुए बच्चे को गले लगाकर प्यार से उससे बात करें. इसकेअलावा घर में सेफ टच और अनसेफ टच के बारे में जरूर बताएं.
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