हाईटेक नकल : लड़कियों ने सैनिटरी पैड में तो लड़कों ने चप्पल में छुपाई थी डिवाइस, शिक्षा अधिकारी समेत 14 सस्पेंड

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नकल का हाईटेक तरीका : राजस्थान में REET (Rajasthan Eligibility Examination for Teachers) की हुई परीक्षा में नकल करने का जो हाईटेक तरीका अपनाया गया उसे जानकर तो बड़े से बड़े जासूस भी पानी मांगने लगेंगे. वो सोचने को मजबूर हो जाएंगे कि आख़िर ये तरकीब आई तो आई कहां से. कभी मुन्ना भाई की फिल्म में कान में ईयर फोन लगाकर नकल करते हुए देखा था. तो कभी ऑनलाइन इंटरनेट के जरिए भी एग्जाम पास कराने की ख़बरें देखीं होंगी.

लेकिन इन शातिरों ने तो नकल के सारे नियम-कानून को ना सिर्फ ताक पर रखा बल्कि सातवें आसमां से भी ऊपर पहुंचा दिया. नकल रोकने के लिए तो राजस्थान सरकार ने कुछ घंटे के लिए इंटरनेट ही बंद करा दिया था लेकिन इन शातिरों ने बिना इंटरनेट के ही नकल को पूरा कर दिया और सरकार देखती की देखती रह गई.

लेकिन कहते हैं ना कि चालाकी कितनी भी बड़ी क्यों ना हो, एक दिन पोल खुल ही जाती है. ऐसा ही कुछ हुआ इस केस में भी. राजस्थान के बीकानेर में एक नकल गैंग के कुछ लोग पकड़े गए. इनसे पूछताछ में जो कुछ सामने आया है वो चौंकाने वाला है.

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अभी तक तो चप्पल में ही डिवाइस छुपाकर नकल करने का खुलासा हुआ था, लेकिन इसमें तो काले रंग की रिमोट जैसी डिवाइस को चप्पल के साथ लड़कियों के सैनिटरी पैड्स में छुपाकर नकल कराई गई. इसके अलावा, डिवाइस को लड़कों के अंडर गारमेंट भी छुपाकर नकल कराने का इंतजाम किया गया था.

जिन डिवाइस की मदद से नकल कराए गया उनकी कीमत 6 लाख रुपये रखी गई थी. जिसकी कीमत मौजूदा बाजार में मिल रहे किसी भी महंगे मोबाइल फोन से भी कई गुना ज्यादा है. पुलिस की जांच में ये भी सामने आया है कि नकल कराने वाले गैंग अब 25 लोगों को ये डिवाइस बेच चुका है. जिसकी कीमत डेढ़ करोड़ रुपये से ज्यादा है.

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अंडरगारमेंट में छुपाने को दी गई डिवाइस

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पुलिस के कब्जे में ये डिवाइस पूरी तरह से रिमोटनुमा है. इसे लड़कियों और लड़कों दोनों को नकल कराने के लिए ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है. नकल कराने वाले गैंग ने बकायदा डिवाइस को छुपाने के लिए भी खास प्लानिंग की हुई थी. जिससे कोई भी निरीक्षक उनकी इस डिवाइस का पता लगाना तो दूर उसके बारे में सोच भी ना सके.

दरअसल, इस गैंग ने डिवाइस को छुपाने के लिए लड़कों और लड़कियों के अंडरगारमेंट से लेकर चप्पलों में छुपाने का तरीका निकाला था. पुरुषों को अंडरगारमेंट में इसे छुपाना का तरीका कुछ ऐसा था. इसके लिए एक धागे के सहारे उसे लड़कों के अंडरगारमेंट में छुपाने के लिए बनाया गया था.

वहीं, महिलाओं को इसे छिपाने के लिए सैनिटरी पैड्स में जगह बनाई गई थी. ऐसे मामले में राजस्थान के चूरू के रतनगढ़ में रहने वाली एक महिला को गिरफ्तार किया गया है. जिसके पास से मिले सैनिटरी पैड में नकल वाली डिवाइस मिली थी.

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जिला शिक्षा अधिकारी समेत 14 निलंबित

इस पूरे मामले में 28 सितंबर को राजस्थान सरकार ने सवाई माधोपुर के जिला शिक्षा अधिकारी राधेश्याम मीणा सहित 14 सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों को निलंबित कर दिया. इनके खिलाफ FIR भी दर्ज कराई गई है. कहा जा रहा है कि REET में इनकी भूमिका शक के घेरे में आई थी. शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने मंगलवार को बताया कि कुछ स्थानों पर परीक्षा में धांधली की शिकायतें मिलीं थीं. उसी की जांच में ये कार्रवाई की गई है.

नकल करने वाली डिवाइस की ये है खासियत

रिमोट जैसे दिखने वाले इस डिवाइस की लंबाई सिर्फ 8 सेंटीमीटर है और चौड़ाई 4 सेमी है. इस डिवाइस में वो सभी उपकरण फिट किए गए हैं जो एक सामान्य बेसिक मोबाइल फोन में होते हैं. यानी बैटरी, सिम और मोबाइल चिप.

जांच में ये भी सामने आया है कि इस डिवाइस में किसी तरह का बटन नहीं है. यानी ये सीधे कॉल से जुड़ा होता है. इस रिमोट से जुड़ा एक ब्लूटूथ मिनी ईयरफोन परीक्षा देने वाले को अपने कान में लगाना होता है. ये ब्लूटूथ डिवाइस भी इतना छोटा होता है जिसे आसानी से छुपाया जा सकता है.

ऐसे डिवाइस को करते थे फिट

जांच में ये सामने आया है कि गैंग चप्पल और सैनिटरी पैड में मेन डिवाइस को छुपाकर पैक कर देते थे. अगर चप्पल में छुपाना होता था तो मार्केट से खास तरह की स्पंज वाली चप्पल लेकर पहले उसे दो पार्ट में कर देते थे. फिर उसमें डिवाइस सेट कर उसे चिपका देते थे. इस तरह उसमें मोबाइल बैटरी, मदर बोर्ड और अन्य मशीनरी के साथ सिम को फिट कर देते थे.

इसके बाद इसे ब्लूटूथ के जरिए माइक्रो ईयरफोन से जोड़ देते थे. इसी रिमोट और चप्पल के जरिए परीक्षा देने वाले से गैंग के सॉल्वर जुड़ते थे. बताया जाता है कि परीक्षा में पेपर मिलने के बाद सॉल्वर गैंग इनसे फोन से संपर्क में रहता था और सभी को एक साथ कनेक्ट करके आंसर बताते थे.

मास्टरमाइंड गिरफ्तार, अन्य कई की तलाश जारी

राजस्थान पुलिस ने पिछले दिनों ही गैंग के मास्टरमाइंड तुलसीराम और मदन को गिरफ्तार करने का दावा किया था. ये ही गैंग चलाते हुए अलग-अलग तरीके से ग्राहकों की तलाश करते थे.

जो शख्स इनके कीमत पर डिवाइस खरीदने के लिए तैयार हो जाता था उसे ये नकल कराते थे. बताया जा रहा है कि इनसे डिवाइस खरीदकर राजस्थान के बीकानेर, अजमेर, नागौर, सीकर और जोधपुर में परीक्षार्थी शामिल हुए थे.

अभी तक की पड़ताल में ये सामने आया है कि इनसे डिवाइस खरीदकर कई लोग नकल करने में शामिल रहे. नकल डिवाइस खरीदने वालों में हनुमान बिश्नोई, मालाराम बिश्नोई, आदूराम, सुरजाराम, जयनारायण, गणेशाराम शामिल हैं.

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