Crime : मरकर भी उस लाश ने खुद 200km का सफर किया, बहन से फोन पर बात की, मर्डर की अजीब कहानी

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Crime Kahani : वाकई इश्क में सब जायज है. दुश्मन दोस्त बन जाते हैं. और सगों से भी दुश्मनी हो जाती है. कुछ ऐसी ही है कत्ल की ये अजीब प्रेम कहानी. इस कहानी में एक बहन खुद अपने भाई का कत्ल कराती है. वो भी अपने आशिक से. पहले आशिक कत्ल करने से मना कर देता है. लेकिन प्रेमिका की जिद के सामने वो बदल जाता है. आखिर वो कत्ल करने के लिए तैयार हो जाता है. फिर इनकी साजिश होती है कि कत्ल भी हो जाए और सबूत भी ना मिले. बिल्कुल दृश्यम वाले तरीके से.

इसलिए कत्ल के बाद फिर से कातिल फिल्म दृश्यम देखता है. उन्हें ये लगता है कि दृश्यम फिल्म में जैसे एक्टर अजय देवगन और उसकी फैमिली को कत्ल करने के बाद भी पुलिस को सबूत नहीं मिलता है. फिर ये भी केस उलझा. जिसका कत्ल हुआ वो 200 किमी तक मरने के बाद भी सफर किया. उसने फोन भी किया. लेकिन बेशक फिल्म में कातिल बेनकाब नहीं हुआ लेकिन इस केस में एक गलती से अपराधी का सच सामने आ गया. आज क्राइम की कहानी (Crime Stories in Hindi) में दृश्यम (Drishyam) जैसी मर्डर मिस्ट्री (Murder Mystery) की कहानी.

5 दिसंबर को चित्तौड़गढ़ में कुएं से मिली सिर कटी लाश

क्राइम की ये घटना है राजस्थान के चित्तौड़गढ़ की है. यहां 5 दिसंबर को चित्तौड़गढ़ के गंगरार कस्बे के हनुमान मंदिर के पीछे कुएं में एक शख्स की लाश मिली. उस लाश का सिर नहीं था. सिर्फ धड़ मिला था. पहचान करना मुश्किल था. आसपास के लोग एकत्र हुए. पहचान शुरू की गई. मरे हुए शख्स के हाथ पर कुछ लिखा हुआ था. लेकिन कोई पढ़ नहीं पा रहा था. जब ये लाश मिली तब अंधेरा हो चुका था.

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पुलिस ने टॉर्च जलाकर उसे पढ़ने की कोशिश की. पुलिस को लगा कि हाथ पर कमलेश राइका लिखा हुआ है. लेकिन वहां मौजूद शख्स ने पुलिस की बात काट दी. उसने कहा कि कमलेश नहीं बल्कि ये महेंद्र राइका लिखा हुआ. पुलिस को ये अजीब लगा. क्योंकि उसे पढ़ना बेहद मुश्किल था. लेकिन वो शख्स काफी कॉन्फिडेंट था. लेकिन कुल मिलाकर उस शख्स की पहचान नहीं हो पाई. लेकिन ये पता चल गया कि कुछ दिन पहले से वाकई महेंद्र राइका नाम का व्यक्ति लापता है.

जांच में पता चला कि महेंद्र राइका ने आखिरी बार बहन से की थी बात

पुलिस की जांच में पता चला कि महेंद्र की आखिरी बार फोन पर अपनी सगी बहन तनु से बात हुई थी. वो तारीख थी 21 नवंबर. उस दिन के बारे में पूछताछ में तनु ने बताया कि हां बात हुई थी. उस समय तक महेंद्र एकदम ठीक था. लेकिन उस समय महेंद्र चित्तौड़ के बजाय रतलाम में कहीं था. लेकिन 16 नवंबर से ही महेंद्र लापता हो गया था. इसके 5 दिन बाद फोन पर बात भी हुई और फिर उसका फोन बंद हो गया था. लेकिन क्या वाकई कुएं से जो लाश मिली है वो महेंद्र की ही है. ये अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका था.

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6 दिसंबर को मिला कुएं से कटा हुआ सिर

ऐसा इस वजह से भी था क्योंकि परिवार के लोग सोच रहे थे कि अक्सर उसका फोन बंद हो जाता था. इसके अलावा तनु ने भी बताया था कि भाई से आखिरी बार बात हुई थी तो वो ठीक था. इसलिए परिवार को उम्मीद थी कि कुछ दिनों बाद लौट आएगा. लेकिन लाश मिलने के अगले ही दिन यानी 6 दिसंबर को उसी कुएं से छानबीन के दौरान सिर वाला हिस्सा भी मिल गया. अब सिर देखकर ये पहचान हो गई कि वाकई मरने वाला शख्स महेंद्र राइका ही था. अब पुलिस इस मामले की जांच करने लगी. आखिर क्यों महेंद्र राइका की हत्या हुई.

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अंधेरे में पढ़ लिया था मरने वाला का नाम

उसकी उम्र करीब 23 साल थी. लेकिन उसका कत्ल क्यों किया गया. इसे लेकर परिवार में पूछताछ की गई. लेकिन कोई सुराग नहीं मिला. परिवार ने ये जरूर बताया कि वो तो अपनी बहन तनु की शादी करने की तैयारी कर रहा था. किसी से कोई विवाद नहीं था. इसके बाद पुलिस ने उस शख्स की जांच शुरू की जिसने रात के अंधेरे में भी लाश के हाथ पर लिखे उस नाम को पढ़ लिया था. जिसे कोई आसानी से पढ़ नहीं पा रहा था. क्योंकि वो काफी धुंधला था. पुलिस को हर बार अलग-अलग नाम होने की आशंका जता रही थी.

उसमें उस शख्स ने एक बार में महेंद्र राइका नाम पढ़ लिया था. इसलिए पुलिस ने उस पर शक करते हुए जांच की. पुलिस की जांच में पता चला कि उसका नाम महावीर है. वो मरने वाले महेंद्र राइका के घर आता जाता था. महावीर की दो में से एक बहन का वो मुंहबोला भाई था. जब से वो लापता होने की आशंका हुई थी तब से वो खोजबीन में भी गंभीरता से जुटा हुआ था. 5 दिसंबर को जब कुएं से बिना सिर वाली लाश मिली थी तब भी वो काफी सक्रिय था. पुलिस और लोगों के साथ वो भी जांच में मदद करने में सबसे आगे था.

इसी आधार पर पुलिस ने उसकी पड़ताल की तब पूरी कहानी सामने आ गई. असल में महावीर ही महेंद्र का कातिल था. और इस कत्ल के पीछे कोई और नहीं बल्कि महेंद्र राइका की सगी बहन तनु थी. असल में ये सभी एक ही गांव में रहते हैं लेकिन मोहल्ला अलग-अलग. पुलिस की जांच में पता चला कि तनु और महावीर में अफेयर था. असल में पिछले कई साल से महावीर का तनु के घर आना जाना था. तनु की छोटी बहन को आरोपी महावीर बहन मानता था और राखी बंधवाता था. पिछले 3 साल से तनु और महावीर के बीच प्यार चल रहा था. कुछ महीने पहले ही तनु के भाई महेंद्र को इस बारे में शक हो गया था. क्योंकि महावीर अक्सर उनके घर आता जाता रहता था. इसलिए महेंद्र अब जल्द से जल्द तनु की शादी कर देना चाहता था.

उसकी सगाई करने के लिए एक लड़के से रिश्ता भी तय कर दिया था. अब तनु इस शादी से मना कर रही थी. लेकिन भाई महेंद्र जिद पर अड़ा था. इसलिए तनु नाराज हो गई. उसने इस बारे में अपने प्रेमी महावीर को बताई. बहन तनु ने प्रेमी से साफ कहा कि अब महेंद्र को रास्ते से हटाने के लिए उसकी हत्या करनी होगी. लेकिन महावीर तैयार नहीं था.

वो इसके लिए बार-बार मना कर रहा था. उसे लगता था कि वो उसके भाई को समझाएगा तो वो मान जाएगा.  लेकिन तनु इस जिद पर अड़ गई थी कि अब कुछ भी हो तुम्हें किसी भी तरह महेंद्र को मारना ही होगा. ऐसा नहीं किया तो हमारा प्यार खत्म हो जाएगा. आखिरकार प्रेमिका की जिद के आगे महावीर कत्ल करने को तैयार हो गया.

मर्डर के बाद देखी दृश्यम पार्ट-1, फिर 200 किमी दूर फेंका फोन

Crime Story : इस साजिश के तहत ये हुआ कि तनु और उसकी बहन को 16 नवंबर को दूसरी जगह से अपने गांव आना था. तनु ने अपने भाई से कहा था कि वो उन्हें लेने आ जाएं. इस बारे में उसने अपने प्रेमी महावीर को भी बता दिया था. इसके बाद रास्ते में एक कॉमन दोस्त के जरिए महावीर ने महेंद्र से मुलाकात की. इसके बाद उसे गांजा पिलाने का बहाना किया. गांजे में पहले से कुछ नशीली वस्तु मिलाई थी. जिसे पीकर महेंद्र बेहोशी की हालत में चला गया. इसके बाद उसकी गला दबाकर हत्या कर दी गई. मर्डर के बाद लाश कहां फेंके और ऐसा क्या करें कि पुलिस को कोई सुराग नहीं मिले.

 इसलिए महावीर ने दृश्यम पार्ट-1 देखी. क्योंकि उसे पता था कि फिल्म में एक्टर के परिवार के खिलाफ कोई सुराग नहीं मिला था. इसलिए उसने फिल्म देखी और फिर उसकी लाश के दो टुकड़े कर गांव से दूर वाले एक कुएं में फेंक दिया था. लाश फेंकने के बाद 5 दिनों तक घर पर आरोपी नॉर्मल तरीके से रहा था. इसके बाद 21 नवंबर को अपना मोबाइल फोन घर पर ही छोड़ दिया और मरने वाले महावीर के फोन को लेकर चित्तौड़ से रतलाम पहुंचा. यानी करीब 200 किमी दूर पहुंचा और फिर महेंद्र के फोन से ही तनु को फोन किया था.

ताकी पुलिस अगर जांच करे तो महेंद्र की आखिरी लोकेशन 200 किमी दूर रतलाम की मिले. 16 नवंबर को मर्डर हुआ और 21 नवंबर तक वो दुनिया की नजरों में जिंदा लगे. ऐसे पुलिस उसकी तलाश में भटकती रहेगी. आखिरी लोकेशन पर महावीर का कोई सुराग नहीं मिले इसलिए उस दिन अपना फोन घर पर ही छोड़ दिया था. इसके बजाय महेंद्र के फोन को लेकर आरोपी महावीर चित्तौड़गढ़ से रतलाम गया था. ताकी उसकी सही लोकेशन से सुराग नहीं मिल सके. लेकिन महेंद्र का कातिल महावीर आखिर पकड़ा ही गया. कातिल के पकड़े जाने पर ये समझ आया कि आखिर जिस शख्स की 16 नवंबर को ही हत्या हो गई थी वो 21 नवंबर यानी 5 दिनों तक कैसे 200 किमी तक सफर किया. मरने वाले ने कैसे तनु को कॉल किया था. इन सब बातों से पर्दा हट चुका था.

ज्यादा स्मार्ट बनने में खुद ही कातिल ने दिया था सुराग

Murder Mystery : इस बारे में पुलिस का कहना है कि आरोपी महावीर और उसकी प्रेमिका तनु को गिरफ्तार किया गया है. इनके साथ एक नाबालिग को हिरासत में लेकर उसे बाल सुधार गृह भेजा गया है. पुलिस ने ये भी माना कि आरोपी तनु और महावीर ने खतरनाक साजिश रची थी. अगर पुलिस महेंद्र की तलाश करती तो उसकी आखिरी लोकेशन रतलाम मिलती और केस का खुलासा करना मुश्किल था. लेकिन जब कुएं से लाश मिली तो पुलिस आरोपी पर शक नहीं करे, यही सोचकर महावीर ने बिना झिझक के उसके हाथ पर लिखे नाम को पढ़कर महेंद्र राइका बता दिया था. इसी बात से आरोपी पुलिस के शक में घेरे में आ गया था और पूरा केस खुल गया.

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