पाकिस्तान के समर्थन में नारेबाजी विवाद: नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता ने SC में हलफनामा दायर किया

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नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता मोहम्मद अकबर लोन ने मंगलवार को उच्चतम न्यायालय में एक हलफनामा दायर किया, जिसमें कहा गया कि वह एक सांसद के रूप में भारत के संविधान के प्रावधानों और देश की क्षेत्रीय अखंडता को संरक्षित एवं बरकरार रखने के लिए ली गई अपनी शपथ को दोहराते हैं। सर्वोच्च अदालत ने सोमवार को लोन को भारत के संविधान के प्रति निष्ठा की शपथ लेने और देश की संप्रभुता को बिना शर्त स्वीकार करने के लिए एक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था, क्योंकि अनुच्छेद 370 को हटाने से संबंधित मामले में संविधान पीठ द्वारा की जा रही सुनवाई के दौरान 2018 में उनके द्वारा जम्मू-कश्मीर विधानसभा में कथित तौर पर 'पाकिस्तान जिंदाबाद' नारा लगाए जाने से संबंधित मुद्दा उठने पर बड़ा विवाद पैदा हो गया था।

कार्यवाही के अंत में, लोन की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ को हलफनामा सौंपा। पीठ ने कहा कि वह इसका अध्ययन करेगी। केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने हलफनामे की सामग्री पर आपत्ति जताई। हलफनामे में लोन ने कहा, 'मैं भारत संघ का एक जिम्मेदार और कर्तव्यनिष्ठ नागरिक हूं। मैंने संविधान के अनुच्छेद 32 के माध्यम से इस अदालत से संपर्क करने के अपने अधिकार का प्रयोग किया है।' इसमें कहा गया, ‘‘मैं संसद सदस्य के रूप में भारत के संविधान के प्रावधानों को संरक्षित और बरकरार रखने तथा भारत की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने के लिए ली गई अपनी शपथ को दोहराता हूं।’’ मेहता ने शीर्ष अदालत से आग्रह किया कि हलफनामे में जो नहीं लिखा गया है उसे भी ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि लोन ने अपने कथित आचरण के लिए हलफनामे में कोई पश्चाताप व्यक्त नहीं किया है। लोन मुख्य याचिकाकर्ता हैं, जिन्होंने पूर्ववर्ती राज्य जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने को चुनौती दी है।

 

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