पाकिस्तान ने ही तैयार किया है सबसे ख़तरनाक आतंकी संगठन, सबसे बड़ी साज़िश की खुली पोल

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पाकिस्तान ने ही तैयार किया है सबसे ख़तरनाक आतंकी संगठन, सबसे बड़ी साज़िश की खुली पोल
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आतंक का नासूर जम्मू कश्मीर में दोबारा सिर उठाने की कोशिश में जुट गया है. कई दशकों तक आतंकी वारदतों से दहलने वाली घाटियों में अमन की फिजा लौटी थी. लेकिन आतंकियों को ये शान्ति रास नहीं आई. दशकों तक पूरे इलाके में दहशतगर्दी का राज कायम करने वाले आतंकी संगठनों, उसके आकाओं ने फिर से अपनी करतूतों को अंजाम देने की हिमाकत करना शुरू कर दी है.

जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 के हटाने के बाद से आतंकी वारदातों पर लगाम कस गई थी. सेना के जवान चप्पे-चप्पे पर निगरानी में जुटे थे. इसी वजह से पाकिस्तान अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो पा रहा था. पाकिस्तान के आतंकी संगठनों की साजिशों को लगातार नाकाम किया जा रहा था. पाकिस्तान के ऊपर आतंकी संगठनों पर कार्रवाई करने का दवाब भी बन रहा था. इमरान सरकार ने लश्कर ए तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे संगठनों पर दिखावे की कार्रवाई तो की लेकिन नए आतंकी संगठन 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' यानि टीआरएफ की नींव भी रख दी और अब यही संगठन जम्मू कश्मीर में अपनी जड़ें जमा रहा है.

टीआरएफ संगठन कश्मीर में सक्रिय आतंकवादी गुटों का एक मिला-जुला रूप है. जिस अंदाज में टीआरएफ की ऑनलाइन ब्रांडिंग की जा रही है. उसका मकसद दुनियाभर के देशों का ध्यान इस ओर केंद्रित करना है. टीआरएफ को पाकिस्तान का समर्थन है. आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन, जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर और अल-बद्र जैसे संगठन इसकी मदद कर रहे हैं.

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पाकिस्तान कश्मीर के मुद्दे को दुनिया के तमाम मंचों उछालने की कोई कसर नहीं छोड़ता है. लेकिन पाकिस्तान ये भूल जाता है कि उसकी कारिस्तानियों की लंबी लिस्ट भारत के पास रहती है. इस बार भारत के हाथ वो जिंदा सबूत लगा है जो पाकिस्तान की आतंकी साजिशों की परतें खोल चुका है. आतंकी अली बाबर ने कैमरे के सामने पाकिस्तान की सेना और ISI की पोल खोलकर रख दी थी.

इस संगठन को खड़ा करना पाकिस्तान की सोची समझी साजिश है. दुनिया की आंखों में धूल झोंकने के लिए और यह दिखाने के लिए कि पाकिस्तान हिजबुल और लश्कर ए तयैबा जैसे आतंकी संगठनों पर नकेल कस रहा है. पाकिस्तान के सहयोग से टीआरएस का गठन किया गया. कहा जा सकता है कि यह कई आतंकी सगठनों का मिला जुला रूप है. जिसका मकसद जम्मू और कश्मीर में हिंसा फैलाना है. रिपोर्ट के अनुसार, आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयब्बा ने इस आतंकी संगठन को खड़ा किया है. वहीं, कुछ जानकारों का कहना है कि जैश ए मोहम्मद और मुजाहिद्दिन जैसे संगठनों के लड़ाके भी टीआरएस में शामिल हैं. लेकिन जो जानकारी है उसकी माने तो कश्मीर में आतंकियों को एक नया चेहरा देने के लिए पाकिस्तान ने इस संगठन को खड़ा किया है.

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