बीच सड़क पर अपने बच्चों को क्यों बेच रहा है ये पाकिस्तानी पुलिसवाला?
pakistani policeman पाकिस्तानी पुलिसवाला सड़क पर 50 हजार में क्यों बेच रहा है अपने बच्चे? सड़क पर चिल्ला-चिल्ला कर लगा रहा है अपने बच्चों की बोली visit crime tak for more crime news
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PAKISTANI POLICEMAN SELLING CHILDREN
वो कह रहा था कि उसके बच्चे पचास हजार रुपये में बिकाऊ हैं और कोई भी उन्हें पैसे देकर खरीद सकता है। उसका अंदाज कुछ ऐसा था जैसे वो बच्चे नहीं बलकि भाजी-तरकारी बेच रहा हो।
ये वाक्या पाकिस्तान के सिंध राज्य के घोटकी का है। वीडियो बहुत तेजी से वायरल हो गया और हर कोई जानना चाहता था कि आखिर इस पुलिसवाले की ऐसी क्या मजबूरी है कि ये बीच सड़क अपने बच्चों की बोली लगा रहा है।
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अपने दो बच्चों को सड़क पर बेच रहे इस पुलिसवाले का इल्जाम था कि वो अपने बच्चों को बेचने को इसलिए मजबूर हुआ है क्योंकि उसे अपने बच्चों को बेचकर रिश्वत का इंतजाम करना है।
इस पुलिसवाले का नाम नीसार लशारी बताया जा रहा है और ये पाकिस्तान के सिंध राज्य की घोटकी की जेल में तैनात है। निसार का आरोप है कि उसके बच्चों की तबीयत ठीक नहीं रहती।
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जब उसने अपने सुपरवाइजर से छुट्टी मांगी तो उसने छुट्टी देने के एवज में पचास हजार रुपये की मांग कर डाली। निसार के मुताबिक उसने आला अधिकारियों को भी बताया कि उसके एक बच्चे की तबीयत खराब है और उसके इलाज के लिए उसे छुट्टी चाहिए लेकिन अधिकारियों ने भी उसकी कोई मदद नहीं करी। सुपरवाइजर तो पहले से ही छुट्टी देने के एवज में पचास हजार रुपये मांग रहा था।
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گھوٹکی کے پولیس اہلکار کو بچے کے علاج کے لیے چھٹی نہ ملی اور لاڑکانہ تبادلہ کردیا گیا، چھٹی لینے اور تبادلہ رکوانے کے لیے افسران کو پچاس ھزار روپے رشوت دینی پڑے گی، اہلکار پچاس ھزار میں ایک بیٹا بیچنے کی آوازیں لگاتا رہا۔
— Sheikh Sarmad (@ShSarmad71) November 13, 2021
ہائے انسانیت کہاں ہے 😧😮 pic.twitter.com/i9hRF7IsNQ
जब ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो अनुशासन का हवाला देते हुए निसार का तबादला घोटकी से लरकाना कर दिया गया जो वहां से 120 किलोमीटर दूर है। लोगों ने सोशल मीडिया पर निसार के पक्ष में कैंपेन चलाया और फिर इस मामले की खबर सिंध के मुख्यमंत्री मुराद अली शाह तक पहुंची।
मुराद अली ने इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए निसार का तबादला दोबारा घोटकी कर दिया और उसे अपने बेटे के इलाज के लिए 14 दिन की छुट्टी देने का भी आदेश दिया।
मुख्यमंत्री की इस पहल से निसार खुश है और अब वो अपने बच्चे का इलाज आराम से करा सकेगा लेकिन ये अजीबोगरीब मामला इशारा करता है कि पाकिस्तान में भ्रष्टाचार जड़ों तक फैला हुआ है और भ्रष्टाचार को उखाड़ फेंकने के नाम पर आने वाली इमरान खान की सरकार भी तीन साल में कोई ऐसा कमाल नहीं कर पाई कि पाकिस्तान से भ्रष्टाचार का सफाया हो गया हो।
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