बेंगलुरु में हुई एक CHAIN SNATCHER की अजीब मौत खुद को पुलिस से बचाने के लिए खाया CYANIDE CAPSULE

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बेंगलुरु में हुई एक CHAIN SNATCHER की अजीब मौतखुद को पुलिस से बचाने के लिए खाया CYANIDE CAPSULE
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यहां पर कहानी बिल्कुल अलग है। यहां पर सायनाइड का इस्तेमाल किसी आतंकी या फिर देश के जाने माने गैंगस्टर ने नहीं बलकि एक मामूली झपटमार ने किया। सवाल ये है कि आखिर एक CHAIN SNATCHER के पास सायनाइड कहां से आया और ऐसे कौन से राज़ उसके दिल में दफन थे जो मामूली अपराध की सजा से बचने के लिए उसने अपनी जान देना जाना बेहतर समझा। बेंगलुरु में हुई इस घटना को लेकर कई बातें सामने आ रही हैं।

पूरी वारदात की शुरुआत तब होती है जब बेंगलुरु की के आर पुरम थाने की पुलिस की सूचना मिली थी कि आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के बी कोथाकोटा का रहने वाला शंकर अपने एक साथ चंद्रशेखर के साथ देख गया है।

शंकर और उसका साथी चंद्रशेखर एक पल्सर बाइक पर सवार दिखते हैं । पुलिस की एक टीम उनका पीछा करने लग जाती है। शंकर और उसका साथी बेंगलुरु के ही पिल्लागुंपा इलाके के एक मंदिर की तरफ जाते हैं ।

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पीछा कर रही के आर पुरम थाने की पुलिस टीम उस इलाके के थाने सुलीबेले को इस बात की जानकारी देती है और उनसे और पुलिसकर्मी भेजने के लिए कहते हैं । शंकर अपने साथी के साथ पिल्लागुंपा के अनजन्यस्वामी मंदिर पर आकर रुकता है।

दोनों मंदिर के बाहर पहले अपने हाथ पांव धोते हैं । इस बीच मंदिर के सामने पुलिसवालों की कार भी पहुंच जाती हैं जो दोनों का पीछा कर रहे थे।

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पुलिस की टीम को देखकर शंकर को शक होता है । वो बचने के लिए भागता है लेकिन इससे पहले दोनों संभल पाते पुलिस टीम शंकर और उसके साथी चंद्रशेखर को गिरफ्तार कर लेती है। पुलिस की टीम दोनों को लेकर कार की ओर जा ही रही होती है कि शंकर बेहद तेजी से अपनी जेब से एक कैप्सूल निकालता है और उसे निगल लेता है। कैप्सूल निगलने के चंद सेकंड के बाद ही उसकी मौत हो जाती है।

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पुलिसवाले शंकर को अस्पाल भी ले जाते हैं लेकिन डॉक्टर वहां उसे मृत घोषित कर देते हैं । पुलिस के मुताबिक आंध्र प्रदेश के चित्तूर का रहने वाला शंकर बेंगलुरु के कई इलाके में झपटमारी की वारदात को अंजाम दे चुका है ।

हाल में ही के आर पुरम थाने में उसके खिलाफ CHAIN SNATCHING के चार मामले दर्ज हुए थे और इसके बाद से ही पुलिस उसकी तलाश कर रही थी।

हालांकि इस बात का जवाब उसके साथी चंद्रशेखर के पास भी नहीं है कि आखिर CYANIDE CAPSULE शंकर के हाथ कैसे लगा। पुलिस अब इस पूरे मामले की तफ्तीश कर ये पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आखिर शंकर ने इस तरह से अपनी जान दे क्यों डाली।

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