Aarushi Murder : आरुषि मर्डर केस की वो इन्वेस्टिगेशन जो अब तक कहीं सामने नहीं आई

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Aarushi Murder : आरुषि मर्डर केस की वो इन्वेस्टिगेशन जो अब तक कहीं सामने नहीं आई
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Aarushi Murder Mystery

  • क्या डॉ. राजेश तलवार और आरुषि के बीच अच्छे संबंध नहीं थे?

  • क्या पिता-बेटी में खराब रिलेशन थे, इसलिए ईमेल पर बात करते थे?

  • क्या आरुषि-हेमराज को एक साथ पिता ने बेड पर देख लिया था?

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  • क्या रात में नौकर के साथ देखकर डॉक्टर ने कर डाली थी हत्या?

  • Aarushi Murder Mystery Part-1: देश और दुनिया की सबसे बड़ी मर्डर मिस्ट्री। आरुषि मर्डर मिस्ट्री। कत्ल और कातिल का ऐसा रहस्य जो अभी तक सुलझ नहीं सका है। आरुषि और नौकर हेमराज की हत्या क्यों और कैसे हुई। इस पर आजतक पर्दा पड़ा है। साल 2008 में दिल्ली से सटे नोएडा शहर में हुए इस डबल मर्डर केस में तीन जांच टीमें लगीं। 200 से ज्यादा पुलिसकर्मियों ने जांच की।

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    लेकिन ऐसा कोई सबूत नहीं मिल पाया, जिससे पता चल सके कि आखिर क़त्ल का मकसद क्या था। इसलिए CRIME TAK अपनी क्राइम की कहानी सीरीज में आरुषि-हेमराज हत्याकांड (Who Killed Aarushi Talwar) की पूरी पड़ताल कर रहा है। पहले पार्ट में जानिए आरुषि हत्याकांड की इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट.

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    EPISODE-2 : वो सबूत जिसने बताया था कि आरुषि-हेमराज की हत्या एक ही कमरे में हुई थी या फिर अलग-अलग

    Aarushi Murder Mystery Investigation Story : रोजाना की तरह आरुषि तलवार इस दिन भी सुबह करीब 6 बजे जगी थी। मां नूपुर तलवार ने उसे स्कूल जाने के लिए तुरंत तैयार कराया। नौकर हेमराज ने मन पसंद नाश्ता तैयार किया। जल्दबाजी में उसने नाश्ता नहीं किया लेकिन टिफिन में उसे रख लिया। 16 मई को लास्ट क्लास थी, इसके बाद गर्मियों की छुट्टी होने वाली थी। इसलिए उस दिन वह अपना ज्यादातर समय अपने दोस्तों के साथ छुट्टियां मनाने के लिए प्लानिंग करने में जुटी थी।

    उसी दिन आरुषि अपने बर्थडे की पार्टी सेलीब्रेट करने के लिए दोस्तों के साथ तैयारी भी कर ली थी। दोपहर करीब 2 बजे स्कूल की छुट्टी होने के बाद वह सेक्टर-25 में ही रहने वाली नानी के घर आई। इसके बाद हेमराज के साथ अपने घर लौट आई थी। अब तक की जांच में यह सामने आया है कि रात करीब 10 बजे डॉक्टर दंपती और आरुषि ने एक साथ खाना खाया था।

    इसके बाद डॉक्टर दंपती आरुषि के कमरे में जाते हैं और करीब 45 मिनट तक बर्थडे सेलीब्रेट करने को लेकर बातचीत हुई। बातचीत कर तय हुआ कि बर्थडे की पार्टी कहां होगी और किन लोगों को बुलाना है।

    Aarushi Talwar Case : बर्थडे पार्टी आरुषि बेसब्री से इंतजार करती थी। वैसे तो उसका बर्थडे 24 मई को होता था। लेकिन स्कूल में गर्मी की छुट्टियों को देखते हुए वह आखिरी क्लास वाले दिन ही यह पार्टी दे देती थी। कभी 15 मई तो कभी 16 मई को आखिरी क्लास होती थी। इसलिए वह इन्हीं तारीखों पर अक्सर अपने दोस्तों को पार्टी देती थी।

    कत्ल वाली रात यानी 15 मई 2008 को भी वह अपने पैरंट्स के साथ बर्थडे पार्टी की तैयारी कर रही थी क्योंकि 16 मई से स्कूल की छुट्टियां हो रही थीं। किस रेस्तरां में पार्टी होगी, इसकी तैयारी चल रही थी। उस पार्टी को पहले की तुलना में ज्यादा यादगार बनाने के लिए पापा ने उसे एक नया कैमरा भी गिफ्ट किया था ताकि उससे वह अपने बर्थडे की खुशी के हर पल को कैमरे में कैद कर सके। लेकिन उसकी किस्मत में शायद वह पल नहीं लिखा था। इससे पहले ही वह हमेशा के लिए मौत के आगोश में खो गई। 16 मई 2008 की सुबह उसकी डेडबॉडी कमरे में मिली थी।

    17 मई को मिली हेमराज की डेडबॉडी


    जब आरुषि की डेडबॉडी उसके कमरे में मिली थी तब शुरुआत में हेमराज को उसका कातिल माना जा रहा था। उसके खिलाफ तत्काल पुलिस ने एफआईआर भी दर्ज कर ली। इसके बाद पुलिस की एक टीम तो नेपाल के अरघाखांची स्थित उसके घर तक भेज दी गई।

    हालांकि, 17 मई की सुबह जब एक रिटायर्ड पुलिस अधिकारी व मीडिया के लोग वहां पहुंचे तब डॉ. राजेश तलवार के फ्लैट की छत पर पड़ताल की गई। उस दौरान हेमराज की डेडबॉडी मिली तब केस में नया मोड़ आ गया। इसी के बाद डॉ. दंपती शक के घेरे में आ गए।

    पल-पल बदलती गई जांच की दिशा

    16 मई 2008 को जब आरुषि की डेडबॉडी मिली थी तब नोएडा पुलिस ने जांच शुरू की थी। हालांकि, जब तक हेमराज का शव नहीं मिला था तब तक मर्डर का शक उसी पर था। लेकिन शव मिलने के बाद जांच की दिशा बदली। मीडिया में डॉक्टर दंपती पर सवाल उठाए जाने लगे। पुलिस को भी शक हुआ।

    लिहाजा, पुलिस ने करीब एक सप्ताह बाद डॉ. राजेश तलवार को आरोपी होने का दावा करते हुए गिरफ्तार कर लिया। हालांकि, इस दौरान एक चौंकाने वाली बात यह भी सामने आई थी कि पुलिस की एक टीम ऐसी भी थी जिसने अपनी जांच के आधार पर डॉ. तलवार को आरोपी मानने से इनकार कर दिया था। इस तरह पुलिस में ही दो ग्रुप बन गए थे।

    सीबीआई की पहली टीम की नई थ्योरी

    1 जून 2008 को तत्कालीन बीएसपी सरकार ने सीबीआई जांच को मंजूरी दे दी। इसके बाद सीबीआई ने तुरंत जांच शुरू कर दी। इस जांच में डॉ. तलवार की क्लिनिक में काम करने वाले कृष्णा, राजकुमार और विजय मंडल पर शक जताया गया। सीबीआई ने दावा किया था इन तीनों ने मिलकर डबल मर्डर को अंजाम दिया था। तीनों की गिरफ्तारी साइंटिफिक आधार पर मिली डिटेल के तहत की गई थी।

    11 जुलाई 2008 को सीबीआई के तत्कालीन जॉइंट डायरेक्टर अरुण कुमार ने बताया था कि तलवार दंपती से हुई पूछताछ और उन पर किए तमाम साइंटिफिक टेस्ट से कुछ हाथ नहीं लगा। सीबीआई ने दावा किया था कि 15 मई की रात में हेमराज के कहने पर कृष्णा, राजकुमार और विजय मंडल डॉक्टर तलवार के घर पहुंचे थे। वहां नौकर के कमरे में चारों ने शराब पी।

    इसके बाद वे आरुषि के कमरे में जाकर जबर्दस्ती करने लगे और फिर उसके सिर पर वार कर बेहोश कर दिया। हेमराज ने इसका विरोध किया तब तीनों बातचीत करने के बहाने उसे छत पर ले गए और फिर उसकी खुखरी से हत्या कर दी। इसके बाद तीनों वापस आरुषि के कमरे में पहुंचे और उसका भी गला खुखरी से काट दिया।


    ब्लाइंड केस बता दी थी क्लोजर रिपोर्ट

    इस केस में नया मोड़ तब आया तब जब सीबीआई की एक नई टीम ने जांच की कमान संभाली। इस टीम ने तीनों नौकरों के खिलाफ जुटाए गए सबूत को कमजोर करार दिया। इस आधार पर तीनों को कोर्ट से जमानत भी मिल गई।

    इसके बाद सीबीआई की इस टीम ने केस को ब्लाइंड बताकर क्लोजर रिपोर्ट लगा दी। हालांकि, बाद में कोर्ट के आदेश पर फिर से केस को ओपन किया गया तब पारिस्थितजन्य साक्ष्यों के आधार पर डॉ. तलवार दंपती को आरोपी करार दिया गया। इसके बाद दोनों को फिर से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।

    सवाल: ड़ॉ. राजेश तलवार और आरुषि के बीच अच्छे संबंध नहीं थे। दोनों के बीच कहासुनी होती रहती थी। तभी तो एक बेटी अपने पिता को ईमेल से जवाब देती थी। आरुषि का नौकर के साथ करीबी संबंध भी थे। अब ऐसे में कोई भी पिता अपनी बेटी को नौकर के साथ रात में एक बिस्तर पर देखेगा तो उसका आपा खोना लाजमी है और फिर गुस्से में मर्डर कर दिया। अब जब इस बारे में नूपुर तलवार को पता चला तो मजबूरी में उसने पति का ही साथ दिया?

    Aarushi Murder Mystery Investigation in Hindi : इस सवाल के जवाब की शुरुआत सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट से करते हैं। दरअसल, इस रिपोर्ट में लिखी बात को कोई भी ज्यादा तव्वजो देगा। जैसा कि आरुषि और उसके पिता के बीच संबंध को लेकर मीडिया के जरिए जो बात सामने आई उसके लिए सबसे पहले 15 मई को दिन के घटनाक्रम को जानना भी जरूरी है।

    आखिर उस दिन दोपहर से लेकर फिर रात में 12 बजे तक क्या हुआ। क्लोजर रिपोर्ट के मुताबिक, 15 मई की दोपहर में डीपीएस में क्लासेज खत्म होने के बाद आरुषि को मां नूपुर तलवार अपने साथ ले आई थीं। दोपहर करीब 1:30 बजे दोनों अपने घर पहुंचीं। लंच से पहले ही डॉ. वंदना तलवार (डॉ. राजेश तलवार के भाई डॉ. दिनेश तलवार की पत्नी) पहुंची थीं।

    इसके बाद सभी ने एक साथ लंच किया। डॉ. वंदना उस दिन साढ़े 3 बजे तक आरुषि के घर पर ही रही थीं। इसके बाद वह दिल्ली के हौजखास स्थित घर चली गईं। शाम करीब 4 बजे के बाद आरुषि को घर पर ही छोड़कर नूपुर तलवार अस्पताल में चली जाती हैं। इसके बाद शाम करीब 7:30 बजे वह क्लिनिक से घर लौटती हैं।

    रात करीब 9:30 बजे डॉ. राजेश तलवार घर आते हैं। उस समय उनका ड्राइवर पड़ोस में कार पार्किंग करने के कुछ देर बाद गाड़ी की चाबी देने के लिए घर में आता है। ड्राइवर उमेश ने बयान दिया था कि जब वह फ्लैट में दाखिल हुआ तब आरुषि और नूपुर तलवार डाइनिंग टेबल पर थीं जबकि डॉ. राजेश तलवार बेडरूम से निकल रहे थे।

    इससे पहले, उसी दिन हेमराज को घर पर एक कुरियर मिला था। उसमें डिजिटल कैमरा था। इसे डॉ. तलवार ने ऑनलाइन ऑर्डर कर मंगाया था। यह कैमरा आरुषि के 24 मई को आने वाले जन्मदिन पर गिफ्ट देने के लिए मंगाया था।

    मां-बेटी दोनों डिनर के बाद आरुषि के कमरे में आ गईं। भले ही कैमरे को बर्थडे पर गिफ्ट देने के लिए मंगाया था लेकिन उसे दिखाने के लिए कहने पर मां नूपुर खुशी-खुशी कैमरा लेकर आरुषि को दे देती है। गिफ्ट देखकर आरुषि काफी खुश हुई और उसने पहले अपने मम्मी-पापा की फोटो खींची। उस समय रात के करीब 10:10 बज रहे थे। इसके कुछ देर बाद पापा तलवार ने भी आरुषि की फोटो खींची। रात करीब 10:38 बजे आरुषि की फोटो ली गई थी।

    ये खास फोटो आप देख सकते हैं..

    आरुषि के जिंदा रहते हुए की ये आखिरी फोटो है... इसी ड्रेस में उसकी हत्या हो गई थी

    जांच के दौरान यह बात सामने आई थी कि 15 मई की रात में डॉ. राजेश तलवार ने 11 बजे नूपुर से इंटरनेट का राउटर ऑन कराया था। यह राउटर आरुषि के कमरे में था। इसके बाद 11:57 बजे और 12:03 बजे तक इंटरनेट का यूज करने की बात सामने आई है।

    इसके अलावा रिपोर्ट में यह भी लिखा है कि आरुषि के एक करीबी दोस्त अनमोल ने 12 बजे या इसके आसपास घर के नंबर पर कॉल किया था। उस पर रिंग भी हुई थी लेकिन फोन रिसीव नहीं हुआ था। रिपोर्ट में बताया गया है कि स्पष्ट तौर पर और सीधे ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है जिससे यह पता चले कि 15 मई की रात 12 बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक घर में क्या हुआ।

    Aarushi Murder ki Kahani : अब बताते हैं कि इस केस को लेकर कोर्ट में सीबीआई के जांच अधिकारी ने क्या कहा था। जांच अधिकारी ए.जी.एल. कौल ने गाजियाबाद की सीबीआई कोर्ट में तलवार दंपति को उम्रकैद की सजा दिए जाने से पहले बयान दिया था कि तलवार दंपति ने पूरे होशो-हवास में अपनी बेटी समेत दो जानें ली और फिर शातिराना तरीके से सबूत मिटाए। उन्होंने बताया था कि रात 12 बजे डॉ. राजेश तलवार को आरुषि के कमरे से आवाज सुनाई दी थी।

    इसके बाद वो कमरे में गए तो आरुषि और हेमराज को आपत्तिजनक हालत में पाया। इस पर गुस्से से पागल तलवार ने एक के बाद एक आरुषि और हेमराज पर गोल्फ स्टिक से कई वार किए। इस दौरान आरुषि की मौत हो गई और हेमराज बेहोश हो गया।

    इसके बाद तलवार ने हेमराज को छत पर ले जाकर उसका सर्जिकल ब्लेड से गला रेत दिया और नीचे आकर आरुषि का भी गला रेत दिया। जिससे उसकी मौत हो गई। सीबीआई ने कहा था कि आरुषि की मां नूपुर ने भी सबूत मिटाने का काम किया। उन्होंने आरुषि के प्राइवेट पार्ट की सफाई की और फिर आरुषि को कपड़े पहनाए।

    अब ध्यान दीजिए और सोचिए...

    Aarushi Murder Case Photo: आरुषि के आखिरी फोटो को आप एक बार फिर से ध्यान से देखिए। आरुषि ने सिर्फ टी-शर्ट पहनी हुई है। जबकि उसके निचले हिस्से का कपड़ा उतरा हुआ है। गला कटा हुआ है। आसपास काफी मात्रा में खून फैला हुआ है। शरीर पर एक सफेद बेडशीट है। इस पिक्चर को देखते हुए आपसे एक सवाल।

    जैसा कि, सीबीआई के जांच अधिकारी ने कोर्ट में बयान दिया था कि डॉ. राजेश तलवार ने आरुषि को हेमराज के साथ आपत्तिजनक हालत में देख लिया था। इसलिए वह अपना आपा खो बैठे थे। इससे साफ है कि डॉ. तलवार ने बेटी की इज्जत बचाने और समाज में खुद को सभ्य बनाए रखने के लिए दोनों कत्ल किए।

    ऐसे में सवाल यह है कि जब डॉ. तलवार ने इज्जत के लिए कत्ल किया तो फिर अपनी बेटी को नग्न हालत में ही क्यों छोड़ दिया? क्या कोई ऐसा बाप है जो अपनी बेटी को जिंदा या फिर मौत के बाद भी उसे दुनिया के सामने न्यूड हालत में छोड़ दे? क्या कोई ऐसी मां है जो बेटी की मौत के बाद भी उसके निचले हिस्से वाले कपड़े को पहनाने में संकोच करे?

    अब ऐसे में कुछ एक्सपर्ट कहते हैं कि भारतीय सोच वाले लोगों का यही जवाब होगा कि बेटी चाहे जैसी हो, उसे कभी नग्न हालत में दुनिया के सामने तो नहीं परोस देंगे। अब फिर से एक बार फोटो को देखिए, आरुषि के कमर के नीचे वाला हिस्सा बिना कपड़ों के दिख रहा है। अगर इस सफेद चादर को हटा देते तो उसका निचला हिस्सा भी बिना कपड़े के था।

    इसी हालत में आरुषि को पुलिसवालों ने देखा। 16 मई 2008 की सुबह इस बारे में जानकारी मिलने के बाद जो बाहरी लोग आए थे उन्होंने भी देखा होगा। ऐसे में क्या मां-बाप ने जानबूझकर ऐसा किया? नहीं, इस बारे में दोनों ने बातचीत के दौरान खुद कहा कि वह क्राइम सीन को डिस्टर्ब नहीं करना चाहते थे। इसलिए कोई बदलाव नहीं किया। अगर इज्जत के लिए ही कत्ल किया होता तब जरूर शरीर को ढक दिया होता।

    अब दूसरी जो सबसे अहम बात है। आरुषि के दाहिने हाथ को अब काफी ध्यान से देखिए। उसके हथेली वाले हिस्से पर आपको नीला निशाना दिख रहा होगा। अब सोचिए, यह नीला निशान कैसे आया होगा, वह भी दाहिने हाथ पर।

    दरअसल, यह निशान तभी आ सकता है जब उस पर कोई शख्स काफी दबाव डालकर देर तक दबाए रखे। या फिर अगर कोई भारी सामान से हमला करे तो उसे रोकने के लिए आरुषि अपना दाहिना हाथ आगे करे। इससे साफ होता है कि आरुषि ने विरोध किया था। इस विरोध के कारण ही कोई उसके शरीर के ऊपर चढ़ आया और उसके दोनों हाथ पकड़ लिए।

    चूंकि, दाहिने हाथ से आरुषि ने जोर लगाया होगा इसलिए दूसरे शख्स ने उस पर ज्यादा दबाव डाला होगा। आरुषि के हाथ पर दबाव डालने का निशान किसी व्यक्ति का ही है, इसकी पुष्टि भी सीबीआई की जांच में हुई थी।

    सीबीआई की टीम ने आरुषि के कमरे से लिए गए सभी फोटो को अपने एक एक्सपर्ट कमिटी की मदद से पड़ताल कराई थी जिसमें इस फोटो को देखकर कमिटी ने कहा था... A reddish brown stained area, could be of right hand palm print of a human being, is visible in the photograph.)

    अब जरा फिर से कोर्ट में सीबीआई अधिकारी के दिए बयान पर गौर कीजिए। उसमें कहा गया था कि आरुषि और हेमराज दोनों आपत्तिजनक हालत में थे। इस बात से दोनों आपसी सहमति से सेक्स कर रहे थे। ऐसे में सवाल उठता है कि आरुषि को विरोध करने की क्या जरूरत थी? या फिर हेमराज ने उसके साथ जबर्दस्ती की थी तब तो डॉ. तलवार को सिर्फ नौकर को ही मारना चाहिए था। ऐसे में डॉक्टर को अपनी बेटी को सिर्फ बचाना चाहिए था।

    हालांकि, यहां सवाल आपके मन में हो सकता है कि हाथ पर नीला निशान पिता डॉ. राजेश तलवार के हमले के दौरान भी हो सकता है। उस दौरान भी आरुषि विरोध कर सकती थी। ये हो सकता है, लेकिन क्या आप मान सकते हैं कि कोई अविवाहित लड़की किसी के साथ सेक्स कर रही हो और पिता देख ले तो वह उसका विरोध करने लगेगी या फिर शर्मसार हो जाएगी।

    हालांकि, यह बात वैचारिक भी हो सकती है। लेकिन तार्किक बात यह है कि अगर आरुषि विरोध कर सकती थी तो नेपाली नौकर हेमराज क्यों नहीं? क्या हेमराज सिर्फ डॉ. तलवार के सामने चुपचाप शर्म से गर्दन झुका लेता और डॉ. तलवार उस पर गोल्फ से लगातार हमला करता और फिर छत पर ले जाकर गला काट देता। इस दौरान हेमराज खामोश रहता और मरने का इंतजार करता।

    ऐसा कभी नहीं हो सकता। मौत सामने हो तो कोई भी बचाव करता है। ऐसे में डॉ. तलवार और उसकी पत्नी नूपुर तलवार को भी चोट आती लेकिन ऐसा कुछ नहीं था। इन दोनों तलवार पति-पत्नी पर कोई खरोंच का निशान नहीं मिला था। वहीं, जब छत पर से दोनों माता-पिता लौटते तो क्या आरुषि उसी कमरे में बेड पर लेटकर इंतजार करती रहती या फिर जान बचाने के लिए कहीं छुपने का प्रयास करती।

    यदि ऐसा होता तो आरुषि का मर्डर उसके कमरे में बेड पर लेटे हुए नहीं होता बल्कि हॉल या बाथरूम या अन्य किसी स्थान पर उसपर हमला हुआ होता। पर ऐसा नहीं है। फोटो से साफ है कि आरुषि पर हमला उसके कमरे में ही बेड पर सोते समय हुआ था। इस तरह जाहिर है कि यह फोटो ही उस रात की घटना का सबसे ज्यादा और विश्वसनीय साक्ष्य है। जिसे पुलिस हो या सीबीआई की टीम, दोनों ने अनदेखा कर दिया।

    Aarushi Murder Case Photo: इस फोटो को 15 मई की रात 10 बजकर 38 मिनट पर लिया गया था। इस फोटो को आरुषि के पिता डॉ. तलवार ने लिया था। इससे पहले फैमिली के तीनों मेंबर ने कई फोटो लिए थे। इस फोटो को देखकर आपको क्या लगता है कि आरुषि खुश नहीं है। किसी तरह की टेंशन में है। पहले की जांच में नोएडा पुलिस ने क्या कहा था, सीबीआई ने क्या कहा और दोनों तलवार दंपति ने मीडिया को क्या बयान दिया, सबकुछ भूल जाइए।

    बस फोटो को देखिए। क्या दिख रहा है। एक हल्की सी मुस्कान के साथ लड़की। थोड़ा सिर झुकाए। दरअसल, आरुषि जब खुश होती थी तब अपने गले को थोड़ा झुकाकर फोटो खिंचवाती थी। इस फोटो में भी ऐसा ही है।

    ऐसे में क्या लगता है कि उसे पहले से किसी तरह की टेंशन थी। या फिर वह परेशानी में थी। लेकिन कई बार मीडिया में यह बात सामने आई थी कि आरुषि और उसके पिता के बीच अनबन चल रही थी। दोनों में टेंशन थी।

    जिसके बाद इस वारदात को अंजाम दिया गया। इस टेंशन को लेकर एक आरुषि की ईमेल का भी जिक्र किया गया था। इस ईमेल को आरुषि ने अपने पापा राजेश तलवार को भेजा था। जिसे लेकर पुलिस ने दावा किया था कि आरुषि ने लिखा था कि वह ऐसा कुछ करना चाहती थी जिसे उसके पापा पसंद नहीं करते थे।

    Aarushi Email to Father Rajesh Talwar : पुलिस ने यह भी कहा था कि, आरुषि ने लिखा था कि I want do it again... दरअसल, आरुषि को इस ईमेल को लिखने की वजह यह थी कि वह बिना बताए फिल्म देखने चली गई थी। जिसे लेकर जाहिर सी बात है कि कोई भी पैरंट्स नाराज हो जाते।

    ऐसे में डॉ. राजेश तलवार भी नाराज हो गए थे। जिसका जवाब आरुषि ने मजाकिया अंदाज में लिखा था। इस बात का मैंने पहले ही जिक्र कर दिया है। यही वजह है कि ईमेल के आखिर में आरुषि ने यह भी लिखा था.... Lolz... इम्प्रेशन जमाने के लिए ऐसा करना पड़ता है।

    अब भला सोचिए, जैसा कि इस ईमेल को लेकर नोएडा पुलिस टीम ने दावा किया था कि आरुषि ने इसे सेक्स करने को लेकर लिखा था। मसलन, वह ऐसे रिलेशन बनाती थी तो उसके पापा नाराज थे। यही वजह है कि आरुषि ने इस नाराजगी का जवाब आमने-सामने होकर देने के बजाय ईमेल के जरिए दिया था।

    मगर आप सोचिए कि कोई भी लड़की सेक्स की बात, वो भी अपने पिता से करेगी तो आखिर में क्या लिखेगी... laughing out loud..lol..अब आप खुद ही अंदाजा लगाइए कि क्या सच रहा होगा। सेक्स की बात या फिर फिल्म वाली?

    Who killed Aarushi Talwar : Aarushi Case की पूरी इनसाइड इन्वेस्टिगेटिव स्टोरी का अगला पार्ट-2 का ये है लिंक

    वो सबूत जिसने बताया था कि आरुषि-हेमराज की हत्या एक ही कमरे में हुई थी या फिर अलग-अलग

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