फ्रिज में छुपाया दादा का शव, बदबू से खुला केस, लालच पेंशन का या नहीं थे अंतिम संस्कार के पैसे?
no money for funeral, grandson stores grandfather dead body in fridge
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तेलंगाना के वारंगल जिले में एक गांव पड़ता है. उसका नाम है परकला। परकला गांव के लोगों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि उन्हें गांव के ही एक मकान से बदबू आ रही है। पुलिस मौके पर पहुंची लोगों से पूछताछ की तो पता चला कि ये मकान एक रिटायर्ड हेड मास्टर का है।
पूछताछ में ये भी पता चला कि उनकी उम्र 93 साल है और उम्र के इस पड़ाव पर आकर वो चलने फिरने के लायक नहीं रह गए थे इसी वजह से उनका ज्यादातर वक्त बिस्तर में ही गुजरता था। बुजुर्ग बलैया के साथ ही 23 साल का उनका पोता निखिल भी रहता था। निखिल ही बलैया की देखभाल किया करता था। परिवार के बाकी लोग दूसरे जिले कामारेड्डी में रहा करते थे।
पुलिस घर में दाखिल हुई, घर में बदबू फैली हुई थी। पुलिस ने घर की तलाशी ली और बदबू के स्त्रोत का पता लगाने की कोशिश की। पुलिस उस बदबू का पीछा करते-करते घर में रखे फ्रिज तक पहुंच गई। जैसै ही पुलिसवाले ने फ्रिज का दरवाजा खोला उनके पैरों तले ज़मीन खिसक गई। फ्रिज के भीतर बुजुर्ग बलैया की लाश पड़ी हुई थी।
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जिस वक़्त ये सबकुछ हो रहा था तो बलैया का पोता निखिल घर में ही मौजूद था। पुलिस को देखकर वो घबरा गया था लेकिन जब तलाशी के दौरान फ्रिज से उसके दादा की लाश मिली तो उसने लाश को फ्रिज में रखने की पुलिस को एक अजीब वजह बताई।
निखिल ने पुलिस को बताया कि वो कई साल से अपने दादा के साथ किराये के इस मकान में रह रहा है। उनकी तबीयत काफी खराब रहती थी। हाल के दिनों में उनकी तबीयत बहुत ज्यादा बिगड़ गई। दादा को मिलने वाली पेंशन से ही घर का खर्चा चला करता था। 10 अगस्त 2021 को दादा की तबीयत बिगड़ने के बाद उनकी मौत हो गई।
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निखिल के मुताबिक उसके पास अंतिम संस्कार करने के लिए पैसे नहीं थे लिहाजा उसने दादा की लाश को फ्रिज में रख दिया। हालांकि पुलिस को निखिल की सफाई पच नहीं रही है। फिलहाल पुलिस ने लाश को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है।
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पुलिस को लगता है कि निखिल नहीं चाहता था कि दादा की पेंशन रुके, इस वजह से वो लाश को छिपा देना चाहता था। अगर दादा की मौत की खबर फैलती तो दादा की पेंशन बंद हो जाती और उसका गुजारा चलना मुश्किल हो जाता।
क्योंकि निखिल अंतिम संस्कार के लिए पैसा ना होने का जो बहाना बना रहा है उस पर यकीन करना मुश्किल है। सबसे बड़ी बात तो ये है कि उसने दादा की मौत की खबर अपने परिवार को क्यों नहीं दी।
अंतिम संस्कार के लिए पैसों का इंतजाम तो परिवार आराम से कर सकते थे। पुलिस के मुताबिक निखिल झूठ बोल रहा है क्योंकि लाश की हालत देखकर लगता है कि वो छह दिन पुरानी है जबकि निखिल मौत दिन पहले होना बता रहा है।
अब दादा बलैया की पोस्टमॉर्टम के बाद ही मौत की असली वजह का पता लगेगा लेकिन फ्रिज में दादा की लाश रखने की ये खबर इस वक़्त आसपास के इलाकों की सुर्खियां बनी हुई है।
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