क्या आपमें भी छुपी है कोई निर्भया? क्या उस दर्द की टीस आज भी मन को कचोटती है? तो हमसे शेयर करें

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क्या आपमें भी छुपी है कोई निर्भया? क्या उस दर्द की टीस आज भी मन को कचोटती है? तो हमसे शेयर करें
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NIRBHAYA : MY CONFESSION : हर किसी की ज़िंदगी में दर्द में लिपटी कुछ अनकही कहानियां छुपी होती हैं. ऐसा दर्द जिसे हम अपने जेहन में दफ्न कर देते हैं. ना किसी से कहते हैं और ना उसे भुला पाते हैं. लेकिन वो दर्द दिल को कचोटता रहता है. सोते...जागते. कई बार हम गुमसुम हो जाते हैं. तो कई बार आंखों में आ जाते हैं. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उसे हम कभी कहीं शेयर नहीं कर पाते हैं.

ख़ासतौर पर वो दर्द तब हमें और दुख देता है जब वो हमारे अपने या पहचान वाले ही गलत हरकत करते हैं. वे लोग जिन पर हमें भरोसा होता है. उम्मीद होती है कि वो तो ऐसा नहीं करेंगे. लेकिन कई बार वैसे लोग भी हमें इमोशनल जाल में तो कभी हमारी मासूमियत का फायदा उठा लेते हैं. ऐसे दर्द की टीस आज भी हमारे मन को कचोटती रहती है.

दरअसल... ऐसा हम इसलिए पूछ रहे हैं क्योंकि क्राइम तक के SAFE INDIA सर्वे में यौन उत्पीड़न करने वालों में 70 प्रतिशत से ज्यादा लोग ये बता रहे हैं कि उनके पहचान या फिर घर के बेहद क़रीबी ने ही घिनौनी हरकत की.

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ऐसे में क्राइम तक इस तरह के दर्द को सामने लाना चाहता है. इसलिए निर्भया के 9 साल (Nirbhaya Case) पर एक स्पेशल सीरीज के लिए आप क्राइम तक के आपबीती या MY CONFESSION सेक्शन में शामिल हो सकते हैं.

अगर आप अपनी पहचान को सामने नहीं लाना चाहते हैं तो हम आपकी प्राइवेसी का पूरा ख्याल रखेंगे। आपकी पहचान को हम उजागर नहीं होने देंगे. दरअसल, हमारा मकसद अपने समाज को इसके प्रति जागरूक करना है कि हमारे बच्चों को ख़तरा सिर्फ बाहरी या अजनबी से ही नहीं है. बल्कि ख़तरा अपनों से भी है. इसलिए बच्चों को सुरक्षित बनाना है.

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इसलिए...

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अगर आप कोई आपबीती शेयर करना चाहते हैं या चाहती हैं, तो आप अपनी पहचान बताए बिना भी हमें ईमेल कर सकते हैं. अगर आप अपनी पहचान बताना चाहते हैं तो अपनी फोटो के साथ नाम लिखकर जरूर भेजें. हम खास चुनी हुई आपबीती या माय कन्फेशन सेक्शन में उसे शामिल करेंगे.

अगर आप कोई घटना या फिर किसी घटना का कैसे किया था मुकाबला या फिर बिना झिझक शिकायत कर उस मुद्दे को उठाकर खुद को सुरक्षित बचाया हो, तो भी आप हमसे शेयर कर सकते हैं.

आप चाहें तो हिंदी में टाइप कर भेजेंगे तो हमारे लिए ज्यादा बेहतर होगा. या फिर आप कागज पर लिखकर उसकी फोटो खींचकर भी भेज सकते हैं। अगर वो रियल घटना वाकई ऐसी है और लोगों को जागरूक करने वाली रही तो उसे हम Crimetak.in वेबसाइट पर पब्लिश करेंगे.

आपको ये करना है...

आप हमें अपनी रियल क्राइम स्टोरी ईमेल कर सकते हैं। हमारा ईमेल आईडी है crimetak@aajtak.com ईमेल भेजते समय सब्जेक्ट में Nirbhaya ke 9 saal या निर्भया के 9 साल या फिर आपबीती या My Confession जरूर लिखें. तभी हम उस स्टोरी को चेककर पब्लिश कर पाएंगे.

धन्यवाद

क्राइम तक टीम

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