सीक्रेट कोड L01–501, पहेली सुलझाओ लाश पाओ?, क़ातिल की पुलिस को चुनौती, कोड पर उलझी पुलिस!
लड़की का शव कहां फेंका गया, इसका सुराग सुसाइड नोट के एक कोड में ही छिपा था. वह कोड था- L01–501.
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Murder Mystery: 12 दिसंबर 2023 को वैभव ने सानपाड़ा स्टेशन के पास ट्रेन से कटकर आत्महत्या कर ली. आत्महत्या से पहले उसने अपनी गर्लफ्रेंड की ज़िप टैग से गला घोंटकर हत्या कर दी थी. नवी मुंबई पुलिस को यह जानकारी उसके मोबाइल फोन से मिले सुसाइड नोट से मिली.
लड़की का शव कहां फेंका गया, इसका सुराग सुसाइड नोट के एक कोड में ही छिपा था. वह कोड था- L01–501. पुलिस ने युवक के शव की पहचान वैभव बुरुंगले के रूप में की. लेकिन वह लड़की कौन थी जिसे उसने मार डाला था? शव कहां फेंका गया? ऐसे कई सवाल थे, जिनके जवाब पुलिस को ढूंढने थे. इस मामले की जांच के लिए नवी मुंबई पुलिस कमिश्नर मिलिंद भारम्बे ने डीसीपी अमित काले के नेतृत्व में एक विशेष टास्क फोर्स का गठन किया.
12 दिसंबर को लड़की लापता हो गई
12 दिसंबर को ही एक परिवार ने नवी मुंबई पुलिस को अपनी बेटी वैष्णवी बाबर के लापता होने की सूचना दी. वह 12वीं क्लास में पढ़ रही थी. पुलिस को लड़की की पहचान मिल गई. 24 साल के वैभव वुरुंगले और 19 साल की वैष्णवी बाबर रिलेशनशिप में थे. वैष्णवी का परिवार इस रिश्ते से खुश नहीं था. दोनों की जातियां अलग-अलग थीं. अपने परिवार के रवैये के चलते वैष्णवी ने रिश्ता तोड़ने का फैसला कर लिया था. वह वैभव से दूर रहने लगी. वैभव का तो ये भी दावा था की उन्होंने 2023 में ही गुपचुप तरीके से शादी भी कर ली थी. वैभव बुरुंगले को पता चला कि वैष्णवी का परिवार उसके लिए शादी का रिश्ता ढूंढ रहे है.
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वैभव ने वैष्णवी को आखिरी बार मिलने के बहाने उसने उसे खारघर के पहाड़ी इलाके में बुलाया, फिर जीप की चेन से उसका गला घोंट दिया. वैभव ने अपने सुसाइड नोट में लिखा कि वैष्णवी को ज्यादा तकलीफ न हो, इसलिए उसका गला घोंटने से पहले उसने उसके गले पर जीप की चेन चढ़ाने की कोशिश की. अंत में उन्होंने लिखा कि अब हम अगले जन्म में साथ रहेंगे. ‘Vaibhav 1998, Vaishnavi 2005′ ‘Death reason, Finally we got married in 2023 and we both died accidentally together at the year 0f 2023. Saddedest death ever in history I kill my love and then I finished myself.’ इस मेसेज के बाद तो एक बात तो साफ हो गई कि वैभव की मौत कोई हादसा नहीं थी बल्कि उसने खुद से आत्महत्या की थी. साथ ही उसने अपने प्यार का भी कत्ल करने की बात भी नोट में लिखी थी.
L01–501 को डिकोड करने में नवी मुंबई पुलिस को एक महीना लग गया
पुलिस को वैष्णवी और वैभव की प्रेम कहानी के बारे में पता चला. आत्महत्या से पहले उसने वैष्णवी की जान कैसे ली, इसका भी खुलासा हुआ. एक महीने तक यह सवाल अटका रहा कि आखिर वैष्णवी का शव कहां है? पुलिस L01–501 को डिकोड नहीं कर पाई, जहां वैष्णवी की हत्या हुई थी. स्पेशल टास्क फोर्स इस रहस्य को सुलझाने में लगी हुई थी. कॉल रिकॉर्ड और तकनीकी जांच से पता चला कि 12 दिसंबर को दोनों खारघर पहाड़ी इलाके में गए थे. अब पुलिस ने शव बरामद करने के लिए खारघर इलाके की तलाशी शुरू की. नवी मुंबई पुलिस की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल के वरिष्ठ निरीक्षक अतुल अहेर के नेतृत्व में एक टीम ने इलाके के चप्पे-चप्पे की तलाशी ली. फायर ब्रिगेड, वन विभाग से भी मदद ली. शव की तलाश में ड्रोन भी उड़ाए गए, लेकिन शव नहीं मिला.
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वन विभाग ने उठाया रहस्य से पर्दा!
गूगल भी हुआ फेल, वन विभाग ने उठाया रहस्य से पर्दा! जांच टीम गूगल पर L01–501 लोकेशन सर्च करती रही. सीनियर इंस्पेक्टर अतुल अहेर ने बताया कि इस कोड को तोड़ने के लिए कई कॉम्बिनेशन बनाए गए, लेकिन नतीजा फैल ही रहा. आखिरकार पुलिस को सफलता तब मिली जब उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों से बात की. वन विभाग ने कहा कि पेड़ों की गिनती के लिए ऐसे कोड रखे जाते हैं. L01–501 कोड भी किसी न किसी पेड़ को दिया गया होगा. इसके बाद जब वन विभाग ने रिकॉर्ड खंगाला तो यह कोड खारघर से करीब 6 किमी दूर कलंबोली इलाके में दिया गया था. फिर जब पुलिस मौके पर पहुंची तो वैष्णवी बाबर का शव जमीन पर झाड़ियों में पड़ा मिला. एक महीने में ही उसका चेहरा और शरीर बदसूरत हो गया था. परिजनों ने कपड़े, कलाई घड़ी और आईडी कार्ड के आधार पर उसकी पहचान की.
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