सेक्स रैकेट चलाने वाली महिला ने जो किया उस पर शर्म आएगी; कैंसर पीड़िता की 11 साल की बच्ची की वर्जिनिटी नीलाम करने वाली थी

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इसे बेबसी कहें या लाचारगी. जिस उम्र में बच्चियां खुले आसमां में उड़ना चाहती हैं, उसी उम्र में इसे अपने जिस्म का सौदा करना पड़ा. जिस उम्र में बच्चियां हंसती-खेलती हैं, उसी उम्र में इसे अपनी हंसी लुटाने के लिए तैयार हो गई.

महज वो 11 साल की है लेकिन उस मां की जिंदगी बचाने के लिए वो वहां जाने को तैयार हो गई जहां से लौटता था सिर्फ उसका जिस्म, लेकिन उसमें आबरू वाली आत्मा नहीं होती. उसे तो आबरू का पता भी नहीं था.

लेकिन उसी आबरू का सौदा महज 5 हजार रुपये में कर लिया गया. उस बच्ची को 5 हजार रुपये की पूरी कीमत का भी अंदाजा नहीं था. लेकिन कैंसर से बीमार मां के इलाज और घर का खर्चा चलाने के नाम पर एक गैंग ने उस बच्ची को इन रुपयों की खातिर अपने साथ ले लिया. फिर वो बच्ची एक महिला के साथ घर से निकल जाती है.

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उस बच्ची को एक फ्लैट पर ले लाया जाता है. बहाना बनाया जाता है कि जिस महिला के साथ वो अपने घर से हाथ पकड़कर आई थी उसी महिला के बच्चे का बर्थडे मनाना है. लेकिन उस फ्लैट पर कोई बच्चा ही नहीं रहता है. रहते हैं तो दो अधेड़ उम्र के शख्स.

दोनों में से एक बच्ची को ऐसे देखता है जैसे वो कितने दिन का भूखा हो. वो बच्ची के साथ कुछ घंटे बिताने के लिए उस महिला दलाल को 40 हजार रुपये देने के लिए तैयार भी हो जाता है.

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लेकिन कहते हैं ना कि उस कमरे में जो दूसरा शख्स था दरअसल, वो पुलिस का मुखबिर था. वो इस रैकेट के बारे में पता लगाते हुए उस दिन पहुंच गया था. 11 साल की बच्ची को जब वो देखता था तो तुरंत पुलिस टीम को सूचना देता है.

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हैरान कर देने वाली इस घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस तत्काल मौके पर पहुंचती है और बच्ची की ना सिर्फ आबरू बचा लेती है बल्कि उसे एक नई जिंदगी भी देती है. इसके बाद देह व्यापार करने वाले रैकेट का खुलासा होता है.

क्या है पूरा मामला

ये मामला है नागपुर के कोराड़ी एरिया का. नागपुर पुलिस ने इस मामले में तीन महिलाओं को गिरफ्तार किया है. पकड़ी गईं तीनों आरोपी महिलाओं की पहचान अर्चना वैशम्पायन (39), रंजना मेश्राम (45) और कविता निखरे (30) के रूप में हुई है.

पुलिस को दिए बयान में आरोपी महिला अर्चना ने बताया कि वो बच्ची की मां को पहले से जानती थी. दरअसल, उनका गैंग ये पता करता है कि किसके परिवार में गरीबी और मजबूरी है. अगर उस परिवार में कोई 10 से 15 साल की लड़की है तो फिर उसकी गरीबी का हवाला देकर पैसों का लालच दिया जाता है.

इस तरह परिवार गरीबी के चक्कर में लाचार होकर कई बार बच्चियों की आबरू से समझौता कर लेता है. लेकिन कई बार ये गैंग परिवार को जिस्म का सौदा करने की जानकारी नहीं देता है. इसके बजाय कुछ घर का काम कराने की बात कहकर बच्चियों को अपने साथ ले जाती हैं और फिर सेक्स रैकेट में ढकेल देती हैं.

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लड़कियों की वर्जिनिटी का ऐसे होता है सौदा

पुलिस सूत्रों ने बताया कि इस गैंग की महिलाएं देश भर में रैकेट चला रही हैं. ये गरीब परिवार की सुंदर दिखने वाली लड़कियों को टारगेट करती हैं. इसके बाद उनकी फोटो दिखाकर ग्राहकों से उनकी वर्जिनिटी का सौदा करती हैं.

ग्राहकों से 40 से 50 हजार या फिर लाखों रुपये की डिमांड की जाती है लेकिन इन बच्चियों को सिर्फ 5 से 10 हजार रुपये ही दिए जाते है. इस केस में भी ऐसा ही हुआ था. जिस बच्ची को अर्चना वर्जिनिटी का सौदा करके लाई थी उसे सिर्फ 5 हजार रुपये देने थे लेकिन ग्राहक से 40 हजार रुपये की डिमांड की थी.

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