जवान होते ही जिस्मफरोशी कराने लगे घरवाले, इसलिए घर छोड़ जा रही हूं, BA की छात्रा का खुलासा

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जवान होते ही जिस्मफरोशी कराने लगे घरवाले, इसलिए घर छोड़ जा रही हूं, BA की छात्रा का खुलासा
Banchhra tribe prostitution
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MP Banchhra tribe prostitution : मैं बीए फर्स्ट ईयर में पढ़ती हूं. दूसरी पढ़ी लिखी लड़कियों की तरह मेरे भी अपने सपने हैं. मैं अच्छी पढ़ाई कर नौकरी करना चाहती हूं. अपनी पसंद के लड़के से शादी करना चाहती हूं. लेकिन मेरे ही माता-पिता और परिवार शायद मेरे जिस्म को बेचना चाहते हैं. मुझसे जिस्मफरोशी कराना चाहते हैं. क्योंकि ये परंपरा कई सदियों से हमारे समुदाय में चलती आ रही है. लेकिन आज भी हम जैसी बेटियां सिर्फ बचपन तक ही गुड़ियों से खेल सकते हैं. जैसे-जैसे जवानी की दहलीज पर आती हैं हमारे बदन का सौदा होना लगता है. हम इज्जत से जीना चाहते हैं लेकिन हमारी इज्जत को ही ढाल बनाकर हमारा सौदा कर दिया जाता है. इसलिए मैं घर छोड़कर आ गईं हैं. मुझे उस जिस्म के बाजार का हिस्सा नहीं बनना है जिसमें एक तरफ से पैसा होता है और दूसरी तरफ एक मासूम लड़की की इज्जत. और उस इज्जत का सौदा कोई दुश्मन नहीं बल्कि अपने ही करते हैं. इसलिए मैं अपनी मर्जी से घर छोड़ रहीं हूं.

कमोबेश यही कहना है कि 19 साल की लड़की का. उसका घर है मध्य प्रदेश के परवलिया गांव में. ये वही गांव है जहां से आज भी बांछड़ा जनजाति (Banchhra tribe prostitution) की लड़कियों को उनका भाग्य बताकर उन्हें देब व्यापार के दलदल में भेज दिया जाता है. उसी दलदल में फंसने से पहले ही एक लड़की ने घर छोड़ दिया. अब उसके परिवार के लोगों ने उस लड़की के लापता होने की शिकायत पुलिस में की. जिसके बाद लड़की की तरफ से एक वीडियो भेजा गया जिसमें उसने अपनी मर्जी से घर छोड़ने की बात कही है. उसने ये भी कहा है कि मैं पढ़ी लिखी हूं. पढ़लिखकर कुछ बनना चाहती हूं. वो एक लड़के से प्यार भी करती है. और उसी से शादी करेगी. वो नहीं चाहती थी कि उसके जिस्म का सौदा रुपयों से हो. इसलिए मर्जी से घर छोड़कर आई है. 

आखिर कैसी है ये बांछड़ा जनजाति जहां लड़कियों को भेजा जाता है देहव्यापार में

मध्य प्रदेश के रतलाम-मंदसौर हाईवे के पास के कुछ गांवों में बांछड़ा जनजाति के लोग रहते हैं. यहां के काफी घरों की महिलाएं अपनी किस्मत में ही वेश्यावृत्ति लिखा हुआ मानकर आती है. वो पैदा भी होती हैं तो उन्हें लगता है कि जिस्मफरोशी में धकेल दिया जाएगा. वो सज संवर कर अपने ग्राहकों का इंतजार करती हैं. पैसे के लिए कई ऐसे भी मां बाप होते हैं जो अपनी बेटियों को ही बेच देते हैं. कहा जाता है कि वेश्यावृत्ति का कारोबार मध्य प्रदेश के नीमच, रतलाम और मंदसौर जिलों में फलता-फूलता है. बांछड़ा समुदाय के लिए, वेश्यावृत्ति के इस पारिवारिक माहौल में शामिल माना जाता है. इनके लिए, लड़की का जन्म शुभ माना जाता है, क्योंकि यह परिवार के लिए एक और कमाने वाले का साधन कहलाती है. जहां पिता और भाई दलाल की भूमिका निभाते हैं.

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