मेरे जिस्म के हर हिस्से को उसने नाखूनों से खरोंचा, एक लड़की और फेसबुक फ्रेंड की डरावनी रात की कहानी

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मेरे जिस्म के हर हिस्से को उसने नाखूनों से खरोंचा, एक लड़की और फेसबुक फ्रेंड की डरावनी रात की कहानी
my Story : मेरी कहानी
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My Story : मैं 23 साल की उम्र में दिल्ली आई. रहने वाली बिहार के एक छोटे से गांव की हूं. गांव में तमाम बंदिशें थीं. लेकिन मैं आजाद ख्यालों की. सोचा शहर जाऊंगी तो अपनी जिंदगी जिऊंगी. देखने में खूबसूरत हूं. सरकारी नौकरी की तैयारी करूंगी. साथ में किसी कंपनी में रिसेप्शनिस्ट बन जाऊंगी. दिल्ली के लक्ष्मी नगर में रहने लगी. कुछ लड़कियों से दोस्ती हुई. फिर उनसे दोस्ती के दौरान ही एक कॉल सेंटर में नौकरी मिल गई. अब रिसेप्शनिस्ट बनने का सपना छोड़ दिया. यहां अच्छा लगने लगा. लेकिन समय के साथ पढ़ाई के लिए समय कम मिलता. तो टेंशन बढ़ने लगी. अब टेंशन बढ़ी तो उसे दूर करने का सहारा तलाशने लगी. 

My Story : सांकेतिक फोटो

अकेलापन दूर करने के लिए फेसबुक फ्रेंड के आई करीब

Love Sex Dhokha Real Story : उसी सहारे की तलाश में फेसबुक और इंस्टाग्राम पर समय बिताने लगी. दोस्ती करने लगी. उसी समय एक दोस्त मिला. जो मेरे फोटो को अक्सर लाइक करता था. कमेंट करता था. मुझे लगा कि उसका प्रोफाइल देखना चाहिए. मैंने भी उसका प्रोफाइल देखा. वो नोएडा का रहने वाला था. दिखने में हैंडसम. स्मार्ट. फिर मैंने भी उसकी फोटो लाइक कर दी. इसके बाद उसने मैसेंजर पर चैट की. दोनों में दोस्ती हुई. 

मैंने बताया कि मुझे टेंशन होने लगी है. उसने समझाया टेंशन ना लो. कभी कभार पार्टी किया करो. डिस्को आओ. तब पता चलेगा कि कितना सकून है जिंदगी में. मैं कभी पार्टी में नहीं गई थी. लेकिन मन था कि अगर कोई साथ चले तो चलूं. मौका मिल गया. कई महीने की चैट के उस पर भरोसा हो गया. एक शाम उसके साथ घूमने गई. फिर नोएडा के एक डिस्को बार गए. उसने शराब पीने का ऑफर किया. मैंने मना कर दिया. फिर उसने भी नहीं पी. ये देखकर मुझे अच्छा लगा. उस पर और ज्यादा भरोसा हो गया. फिर मैंने थोड़ी पीने की हामी भर दी. वो भी तैयार हो गया. हम दोनों ने हल्की ड्रिंक की. फिर डांस किया. वाकई ये महसूस हुआ कि यही असली दुनिया है. बेहद खुशी हुई. फिर उसने खुशी खुशी मुझे मेरे कमरे तक छोड़कर आया. मैं बार बार कहती रही. मैं अकेली चली जाऊंगी. लेकिन वो नहीं माना. बोला ऐसे अकेले कैसे छोड़ सकता हूं. 

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ये देखकर मुझे अंदर से खुशी हुई. देर रात कमरे पर लौटी. थक गई थी. लेकिन खुशी ज्यादा थी. उस खुशी में सारी थकान दूर हो चुकी थी. खैर समय चलता रहा. उस दोस्त पर भरोसा बढ़ता रहा. शायद में उसके भरोसे में इस हद तक आगे बढ़ चुकी थी कि मुझे कुछ और नहीं दिखता था. एक दो बार और हम ऐसे ही क्लब में मिले. पार्टी की. मस्ती की. थोड़ी बहुत डांस की. फिर घर आए. वो अब मुझे थोड़ा बहुत टच करने लगा. लेकिन भरोसा इतना था कि उसकी ये हरकत मुझे बुरी नहीं लगती थी. ऐसा लगता था कि इतना तो चलता है. 

My Story : सांकेतिक फोटो

सर्दियों की वो रात जिंदगी भर का दर्द दे गया

वो दिन अच्छे से याद है. हल्की सर्दियां शुरू हो चुकी थी. उसने मुझे अपने दोस्तों के संग एक पार्टी में बुलाया. मुझे उस पर भरोसा था. लेकिन फिर मैं एक बार थोड़ी हिचकी थी. उससे सवाल भी किया. दोस्तों संग पार्टी. उसने एक ही शब्द कहा था. क्या मुझपर भरोसा नहीं है. मैंने बोल दिया खुद से ज्यादा भरोसा है. बस चली गई. 

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हम किसी दूर के रिसॉर्ट में रुके. दोस्तों संग शराब पी. कुछ और लड़कियां भी थीं. सब मस्त हो गईं. रात हुई. मुझे नींद आने लगी. या यूं कहें मुझे नशे की वजह से बेहोशी छाने लगी थी. फिर मुझे कुछ याद नहीं रहा. अगले दिन दोपहर में नशा उतरा. तो देखा कि मेरे कपड़े बदले हुए थे. पूरे बदन पर अजीब दर्द हो रहा है. कई जगह नाखून से खरोंचने के निशान थे. प्राइवेट पार्ट में दर्द हो रहा था. मुझे बेहद गुस्सा आने लगा. उस दोस्त को तलाशने लगा. वो कहीं नहीं मिला. काफी तलाश के बाद एक लड़की मिली. उसकी भी हालत वैसी ही थी. हमदोनों ने बात शुरू की. पता चला कि उसकी भी एक लड़के से दोस्ती थी. वो भी बहुत भरोसे वाला था. लेकिन उसे क्या पता कि उसके साथ भी ऐसा कुछ होगा. 

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जब दोनों ने बात की तो समझ में आया कि ये कुछ लड़कों का गैंग है जो  दूर दराज से आने वाली लड़कियों को टारगेट करते हैं. जो अकेली रहती हैं. उनका पहले भरोसा जीतते हैं. इसके बाद उसकी इज्जत लूट लेते हैं. अब वो जानते हैं कि दूर से आई लड़की जल्दी पुलिस के पास नहीं आएगी. हम बहुत चाहते थे लकिन चुप रहे. ये बात किसी को बता नहीं पाए. उस लड़के के नंबर पर संपर्क किया. वो नंबर बंद था. फेसबुक पर भी उससे संपर्क नहीं हो पाया. तब से वो लड़का फिर नजर नहीं आया. और ना ही उसे मैं कभी देखना चाहती हूं. लेकिन वो सबसे बदनुमा दर्द आज भी डराती है. ऐसा किसी और लड़की के साथ ना हो. उसके साथ भरोसे में ऐसी हरकत ना हो. इसलिए चाहती थी कि अपनी बात आपके साथ शेयर करूं.

 

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