तो इस वजह से ये जगह बन गया मुंबई का सबसे ज़्यादा 'हॉन्टिंग प्लेस'

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मुंबई की सबसे डरावनी जगह

MYSTERY OF MUMBAI: मुंबई की सबसे डरावनी कौन सी जगह है? ये चौंकाने वाला सवाल अक्सर गूगल पर पूछा जाता है... अक्सर गूगल पर मुंबई की सबसे डरावनी जगह ढूंढ़ी जाती है। यानी कुछ ऐसे लोग हैं जो मुंबई की सबसे डरावनी जगह अपनी आंखों से देखना चाहते हैं, और इसके लिए वो हॉन्टिंग प्लेस की हंटिंग में लगे ही रहते हैं।

अब मुंबई के बारे में तो सभी जानते हैं, ये देश का सबसे घनी आबादी वाला शहर है। यहां एक एक इंच ज़मीन की क़ीमत आसमान से भी ऊंची है। ऐसे में ये सवाल थोड़ा खटता भी है कि जहां ज़मीन का एक मामूली सा टुकड़ा भी लाखों करोड़ों का हो वहां भी कोई ऐसी जगह भी हो सकती है, जहां इंसान अपने क़दम रखने से डरता हो। जिस जगह की परछाई भी इंसान अपनी परछाई से भी नहीं टकराने देना चाहते।

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कहां हैं मुंबई में वो डरावनी जगह

MYSTERY OF MUMBAI:सवाल यही उठता है कि रात में सिर्फ दो घंटे के लिए सोने वाले इस सपनों के शहर में भी क्या कोई ऐसी जगह हो सकती हैं जिसको देखकर लोगों की नींद हमेशा के लिए ग़ायब हो जाए। देश में सबसे ज़्यादा आबादी वाले मुंबई शहर का कोई ऐसा भी कोना हो सकता है जहां जाने में इंसान जाने से घबराए।

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तो चलिए हम आपको बताते हैं उस जगह के बारे में जिसमें रात के घुप अंधेरे की बात तो छोड़िये, दिन के घनघोर उजाले में भी किसी की हिम्मत नहीं पड़ती कि वहां चला जाए।

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मुंबई में मुकेश मिल्स ऐसी ही डरावनी जगह है जिसका नाम भी दिन के उजाले में लेने से हर कोई बचता भी है और डरता भी है। क्योंकि मुंबई में रहने वाले लाखों लोग यही मानते हैं कि इंसान की बनाई इस मुकेश मिल्स में भूतो का बसेरा है।

हॉन्टिंग प्लेस की हंटिंग

MYSTERY OF MUMBAI IN HINDI:इस जगह को लेकर मुंबई में जितने मुंह और उतनी ही कहानियां सुनी जा सकती है। हरेक मुंबईकर के पास इस मिल्स को लेकर अपने अपने तजुर्बे और अपने अपने क़िस्से हैं। कुछ सच्चे तो कुछ झूठ के पुलिंदे में लिपटे हुए हैं। मगर हर कोई यहां के क़िस्सों को बड़े ही चाव से सुनता और सुनाता है।

बताया जाता है कि मुकेश मिल 170 साल पुरानी है। 1852 में इस मिल की बुनियाद रखी गई थी। क़रीब 10 एकड़ ज़मीन पर फैली ये मिल असल में सूती कपड़ा बुनने वाली शायद सबसे पुरानी मिलों में से एक है। अंग्रेज़ों के ज़माने में इस मिल में काम करने वाले कामगारों को बड़ी ही इज्ज़त के साथ देखा जाता था। और ये सिलसिला हिन्दुस्तान की आज़ादी के बाद भी क़ायम रहा।

क़िस्से कहानियों की डरावनी जगह

LATEST STORY IN HINDI:मगर 1970 के दशक में अचानक एक रोज इस मिल में आग लग गई। कहते हैं वो आग शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी थी। उस आग ने इस मिल को क़रीब क़रीब खंडहर में तब्दील कर दिया। तमाम मशीन फर्नीचर और यहां तक कि मिल की दीवारें तक जलकर राख हो गईं।

इस मिल को ठीक करके दोबारा चलाने की हालत में लाने में क़रीब दो साल लग गए। मगर कुछ साल के बाद एक बार फिर इस मिल में आग का तांडव हो गया। इस मिल के भीतर ऐसा एक भी कोना नहीं हैं जहां आग के निशान और धुएं की पहचान न हो। 1980 के बाद से इस मिल को पूरी तरह से खाली कर दिया गया। वहां तभी से कोई नहीं आता जाता।

1984 में इस मिल को पहली बार एक भूतिया फिल्म यानी हॉन्टेड फिल्म की शूटिंग के लिए किराए पर दिया गया था। और बस तभी से ये सिलसिला बना हुआ है। यहां मुंबई की हिन्दी फिल्मों के अलावा दक्षिण भारत की हॉन्टेड फिल्मों की भी शूटिंग होती ही रहती है। मुकेश मिल्स का मालिकाना हक़ मुलजीभाई माधवानी के नाम है। उन्होंने ही इस मिल को फिल्मों की शूटिंग के लिए देने का इरादा किया था, ताकि कुछ कमाई हो सके।

यहां अब तक जो फिल्में बनीं उनमें हम, हीरेपंती, लुका छुपी, बदलापुर और ओके जानू हैं जो ग़ैर हॉरर फिल्में हैं।

फिल्मों की शूटिंग का असर

LATEST CRIME IN HINDI: असल में लगातार हॉन्टेड फिल्मों की शूटिंग की वजह से लोगों की ये धारणा बन गई है कि ये मुकेश मिल असल में एक डरावनी जगह ही है। मगर इस जगह को डरावना बनाने में उन लोगों का सबसे बड़ा हाथ है जो इस मिल की एक जली हुई चिमनी और उसके नज़दीक खडे एक पीपल को जोड़कर तस्वीर और उसके हिसाब से अपनी मनगढंत कहानियां सुनाते रहते हैं।

दक्षिण मुंबई के एन ए सावंत मार्ग पर मौजूद इस मिल के आस पास काफी खाली जगह है। जिसकी वजह से मिल के भीतर मुंबई का जाना पहचाना शोर भी नहीं सुनाई देता। ऐसे में इस धारणा को बुनियाद मिल जाती है कि मिल के भीतर भूतों का बसेरा है।

डरावनी जगह का एक सच ये है

MUMBAI HAUNTED PLACE: मुकेश मिल्स में हॉन्टेड फिल्म की शूटिंग करवा चुके एक नौजवान फिल्म डायरेक्टर रेंसिल डिसिल्वा भी अपनी बातचीत में मुकेश मिल्स की उसी चिमनी और पीपल के पेड़ का ज़िक्र करते हैं जिसको लेकर तरह तरह की कहानियां मुंबई के कोने कोने में सुनी जा सकती हैं।

रेंसिल का मानना है कि मिल में जिस जगह पीपल का पेड़ है वहां और उसके आस पास का मंजर वाकई ऐसा है जो किसी को भी डरा सकता है, हालांकि वो सारी चीज़ें आग से झुलसी मिल के कारण है, मगर किस्से कहानियों में वहां एक नहीं कई कई भूत रहते हैं।

हालांकि मुंबई के लोगों के पास ऐसी एक भी सच्ची घटना का सही वाकया नहीं पता जिसमें किसी को यहां मुकेश मिल के भूत ने तंग किया हो। अलबत्ता इस मुकेश मिल से गुनाहों का बेहद नज़दीकी रिश्ता रहा है।

तो ये है मुंबई का सबसे डरावना सच

REALITY OF HAUNTED PLACE: बीते कुछ सालों के भीतर इसी मिल के एक हिस्से में मुंबई को झकझोर देने वाली घटना सामने आई थी जब यहां एक महिला पत्रकार को कुछ बदमाशों ने अपना शिकार बनाया था। उस महिला पत्रकार के साथ हुआ गैंगरेप आज भी गाहे बगाहे जैसे ही ज़िक्र में आता है तो सारे जेहन को झकझोर देता है।

शायद हाल के सालों में मुंबई में इससे ज़्यादा डरावनी वारदात कुछ नहीं हुई होगी, अगर 26/11 के क़िस्से को इससे अलग कर दें तो।

मगर बहरहाल यही मुकेश मिल इन दिनों गूगल के चश्मे से देखने पर मुंबई की सबसे ज़्यादा डरावनी जगहों में गिनी जाती है। और लोग इस डर को नज़दीक से देखने के लिए मुकेश मिल्स चले जाते हैं।

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