फैलने लगा 'जोगी गैंग' का टारगेट एरिया, मॉडस ऑपरेंडी रूला देगी

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फैलने लगा 'जोगी गैंग' का टारगेट एरिया, मॉडस ऑपरेंडी रूला देगी
जोगी गैंग का फैलने लगा है दायरा
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Yogi Gang : उत्तर प्रदेश का अमेठी, मिर्जापुर, गोंडा के अलावा झारखंड का पलामू और बिहार का दरभंगा, अगर कोई पूछे इन तमाम जगहों में ऐसी कौन सी बात है जो इन्हें एक ही कतार में लाकर खड़ा कर देती है, तो यकीन हरकोई हैरत में पड़ जाएगा, लेकिन सच्चाई ये है कि इन सभी को एक ही धागे से बांधा है जोगी गैंग ने। जी हां आपने दुरुस्त पढ़ा है हम उस जोगी गैंग की बात कर रहे हैं जिसकी मॉडस ऑपरेंडी के ये सारे शहर शिकार हुए। 

साधू के भेष में शैतान

अब तक इन्हीं इलाकों में ‘जोगी गैंग’ के कदम पड़े हैं। ये गैंग साधू के भेष में सारंगी की तान पर लोगों को इमोशनल करके पहले तो अपना खोया हुआ बेटा होने का दावा करता और फिर उन्हें ठगकर उनकी जिंदगी की सारी कमाई लेकर चंपत हो जाता। गांव के बीचों-बीच बैठ कर सारंगी की तान पर गीत सुनाता जोगी और फूट-फूट कर रोते लोग। ये मंजर अब तक एक दर्जन से ज़्यादा गांव देख चुके हैं। उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले से गांव खरौली में भी ऐसा ही देखने को मिला। अब से कोई बीस साल पहले गायब हुआ एक लड़का जब जोगी बन कर अचानक एक रोज़ गांव में लौटने की खबर पूरे गांव में फैली तो माहौल कुछ ऐसा ही बन गया।  क्या मां, क्या बाप, क्या बुआ और क्या दादी, हर किसी की आंखों से अपने बिछड़े लाडले का प्यार आंसुओं की शक्ल में यूं ही झर-झर बहने लगा। 

जोगी गैंग का एक सदस्य अपने शिकार की तलाश में

आंसू निकालकर करते लूटपाट

ऊपर से सारंगी की तान पर जोगी ने राजा भतृहरि की वो दर्द भरी कहानी सुनाई, जिससे सुनने के बाद तो मानों मां का कलेजा मुंह को आया गया। कभी वो अपने बेटे को देखती, तो कभी उसकी बचपन की यादों में खो जाती। देखते ही देखते ये खबर गांव खरौली से निकल कर आस-पास के इलाकों में फैल गई और लोग तकदीर के इस अदभुत खेल का गवाह बनने इस गांव की ओर दौड़े चले आए। जोगी के इर्द-गिर्द भावनाओं का समंदर उमड़ रहा था, कोई रोता था, कोई उसे जोग-सन्यास छोड़ कर घर गृहस्थी में वापस लौट आने की सलाह देता था, तो कोई उसे मां-बाप के ढलते उम्र का वास्ता। लेकिन दुनियादारी से दूर जोगी का मन जोग में कुछ ऐसा रमा कि उस पर किसी की बात का कोई भी असर नहीं था।

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20 साल से खोया बेटा अचानक कैसे लौटा

असल में इसी गांव के रहनवाले रतिपाल सिंह का छोटा सा बेटा अरुण कुमार सिंह उर्फ पिंकू अब से कोई बीस साल पहले राजधानी दिल्ली में तब कहीं गुम हो गया था, जब वो किसी काम से दिल्ली गए थे। एक वो दिन था और एक आज का दिन रतिपाल सिंह और उनका पूरा परिवार अपने कलेजे के टुकड़े की याद में तिल-तिल कर मर रहा था। बेटे की गुमशुदगी के बाद उन्हें ना तो उसकी कोई खोज-खबर मिली और ना ही ये पता चला कि वो कहां और किस हाल में है। और तो और घरवालों को तो यहां तक पता नहीं था कि वो जिंदा भी है या नहीं? लेकिन 20 सालों से ज्यादा वक़्त से चलते इसी दिमाग़ी कश्मकश के बीच 2 फरवरी को अचानक एक जोगी ने खुद को रतिपाल सिंह का बिछड़ा हुआ बेटा बताते हुए जब उनके घर में दस्तक दी, तो सालों से कलेजे में दबी रही मां-बाप की सारी भावनाएं उफन पड़ीं।

घरवाले भी सकते में 

इन बीस सालों में पिंकू इतना बदल चुका था कि अगर उसने खुद ही अपने मुंह से अपनी पहचान जाहिर ना की होती, तो शायद उसके मां-बाप भी उसे नहीं पहचान पाते लेकिन चूंकि अपनी मां से भिक्षा लिए बगैर उसका जोग सफल नहीं हो सकता था, इसलिए उसे ना सिर्फ अपने गांव बल्कि अपने घरवालों के दरवाज़े पर लौटना पड़ा। लेकिन ये तो रही बेटे की कहानी एक मां, उसका बुजुर्ग बाप और तमाम दूसरे नाते रिश्तेदार भला, बेटे के इस हठ को इतनी आसानी से कैसे मान लेते? तो उन्होंने बेटे को जोग यानी संन्यास जीवन छोड़ने के लिए मनाना शुरू कर दिया। लेकिन इसी मनाने-समझाने में घर लौटे बेटे ने एक ऐसी बात कह दी कि कुछ देर के लिए घरवाले भी सकते में आ गए।

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जोगी गैंग पार्ट टू जो भावनाओं का सौदा करते हैं

गुरु दक्षिणा के नाम पर लूट का खेल

पिंकू उर्फ जोगी ने कहा ने कहा कि जिस मठ में उसे पाल-पोस कर बड़ा किया है और जिस गुरु से उसने दीक्षा ली है, जब तक वो उस गुरु का क़र्ज़ नहीं चुका देता, ना तो उसे मठ से आजा़दी मिलेगी और ना ही जोग से। उसने खुद को झारखंड के पारसनाथ मठ का अनुयायी बताया और गुरु का क़र्ज़ उतारने के लिए 11 लाख रुपये की भारी-भरकम रकम मांग ली। मरता क्या ना करता? घरवाले अब जोगी के आगे गिड़गिड़ाने लगे। बुजुर्ग बाप अपनी हैसियत का वास्ता देने लगा और मां अपने दूध का क़र्ज़ वापस मांगने लगी। अब बात मोल-भाव पर आ गई और आखिरकार 3 लाख 60 हज़ार रुपये पर पिंकू की घरवापसी का सौदा तय हुआ। बेटे के प्यार में पागल पिता ने ना सिर्फ उसका जोग खत्म करवाने के लिए अपनी पुश्तैनी जमीन के एक हिस्से का सौदा तय कर लिया, बल्कि उसकी घर वापसी होने तक उसके संपर्क में रहने के लिए उसे आनन-फानन में एक मोबाइल फोन भी खरीद कर दिया। बेटे ने अपने पिता को कुछेक एकाउंटर नंबर दिए और अपनी राह ली।

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शर्त से पैदा हुआ शक

लेकिन इसी बीच 11 लाख रुपये से शुरू हुई सौदेबाज़ी, करीब साढ़े तीन लाख रुपये पर उसका रुकना, फिर फोन लेकर अचानक उसका आनन-फानन में फिर से घर छोड़ देना, ये सारी बातें अब पिंकू के घरवालों के साथ-साथ गांव के लोगों के मन में भी शंका पैदा कर रही थी। ऐसे में गांव के ही कुछ लड़कों ने जब झारखंड के पारसनाथ मठ के बारे में जानकारी जुटाने की कोशिश की, तो पता चला कि ऐसा तो कोई मठ है ही नहीं। हालांकि झारखंड के पारसनाथ में जैन संप्रदाय का एक प्रसिद्ध तीर्थस्थल जरूर है। ऐसे में लोगों का शक अब जोगी बन कर गांव आए पिंकू और उसके साथी पर गहराने लगा। इसके बाद जब पिंकू के पिता रतिपाल सिंह ने उसे पैसे देने के लिए उसके एकाउंट नंबर की मांग की, तो उसने अपना एकाउंट नंबर देने की जगह झारखंड के किसी आदमी का नंबर दे दिया। एक ऐसा आदमी, जिस पर घरवालों का यकीन करना मुश्किल था।

लोकेशन ने खोल दिया राज

शक की वजह से ही जब घरवालों ने पिंकू को फोन कर उसकी लोकेशन पूछी, तो उसने बताया कि वो झारखंड में है और अपने मठ की तरफ जा रहा है, लेकिन जब घरवालों ने उसे दिए गए अपने नए मोबाइल फोन की लोकेशन चेक की, तो पता चला कि वो झारखंड में नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश के गोंडा में है। 

सारंगी पर भजन गाकर फंसाते हैं शिकार

झूठी पहचान से भावनाओं का सौदा

अब घरवालों का शक यकीन में बदल चुका था कि जोगी बन कर गांव आए लोग असल में उनके गुमशुदा बेटे की झूठी पहचान ले कर उनकी भावनाओं का सौदा कर रहे थे, उन्हें ठगने की कोशिश में थे। अब घरवालों को ये भी यकीन हो चुका था कि असल में वो लड़का 20 साल पहले गायब हुआ उनका बेटा पिंकू तो बिल्कुल नहीं है। लिहाज़ा गांव वालों ने पुलिस को फोन कर दिया और पूरी कहानी बता दी। ये भी बता दिया कि वो किस तरह उन्हें धोखा देकर उनसे कुछ रुपये रुपये मोबाइल फोन वगैरह लेकर चला गया है। असल में गुमशुदा पिंकू के कई रिश्तेदारों ने भावनाओं में आकर उसे हजारों रुपये भी यूं ही दे दिए थे। अमेठी पुलिस अब जोगी के मोबाइल फोन की लोकेशन ट्रेस करती हुई यूपी के ही गोंडा जिले के टिकारिया गांव में पहुंची, जहां जाकर पता चला कि वो लड़का कोई और नहीं बल्कि एक आले दर्जे का ठग नफीस है, जिसका पूरा परिवार ही इस तरह घूम-घूम कर लोगों से ठगी किया करता है। बदकिस्मती से यहां नफीस तो पुलिस को नहीं मिला, लेकिन नफीस की सच्चाई जरूर पुलिस के सामने आ गई।

पुलिस को पता लग गया जोगी गैंग का

फिलहाल अमेठी पुलिस जोगी बन कर गांव वालों को ठगने पहुंचे नफीस और उसके साथियों की तलाश कर रही है, लेकिन इसी के साथ-साथ जज़्बातों के इन लुटेरों के बारे में अब पुलिस को ऐसी-ऐसी कहानी पता चल रही है कि खुद पुलिस भी हैरान है कि आखिर ऐसा कैसे हो सकता है? नफीस और उसके गैंग के लोगों ने ये कोई पहली बार ना तो किसी को ठगा है और ना ही घात किया है, बल्कि इससे पहले पूरे देश में बेशुमार जगहों पर जोगी बन कर वो लोगों को चूना लगा चुका है।

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