एक लाश की सबसे बड़ी तलाश, रहस्य की मोटी चादर में लिपटा मॉडल दिव्या का मर्डर, मोटिव पर भी सस्पेंस कायम

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एक लाश की सबसे बड़ी तलाश, रहस्य की मोटी चादर में लिपटा मॉडल दिव्या का मर्डर, मोटिव पर भी सस्पेंस का...
दिव्या की लाश को लेकर सस्पेंस कायम
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Divya Murder Mystery: गैंगस्टर संदीप गाडोली की गर्लफ्रेंड रही दिव्या पाहुजा की मर्डर मिस्ट्री के इर्द-गिर्द रहस्य की मोटी चादर है। वक़्त गुजरता जा रहा है, मगर रहस्य की धुंध छंटने का नाम नहीं ले रही।

--क़त्ल के छह दिन बाद भी दिव्या की लाश गायब है
--दिव्या के क़त्ल के मोटिव पर भी रहस्य बक़रार है
--क़त्ल को अंजाम देने में किसकी क्या भूमिका है, ये भी साफ़ नहीं है
--क़त्ल के वक़्त अभिजीत के दोस्त बलराज की लोकेशन पर सवाल है
--दिव्या की गुमशुदगी को लेकर अभिजीत के झूठ का राज़ क्या है

कत्ल का सिक्वेंस दिमाग घुमा देगा

Divya Murde Case: दिव्या के कत्ल के पूरे सिक्वेंस पर दिव्या की बहन ने जो बातें कही हैं, वो दिमाग़ घुमा देने के लिए काफी हैं। दिव्या की बहन की मानें तो दिव्या गैंगस्टर संदीप गाडोली के क़त्ल के मामले में जेल में बंद थी और 25 जुलाई 2023 को उसे जमानत मिली थी। लेकिन बाहर उसकी जान को खतरा बना रहता था और इसीलिए वो हमेशा अपनी बहन दिव्या के साथ कनेक्टेड रहती थी वो और उसकी बहन दिव्या हमेशा एक दूसरे से अपने मोबाइल फोन की लोकेशन भी शेयर करके रखते थे। दिव्या की बहन बताती है कि 2 जनवरी को उसकी अपनी बहन दिव्या से आखिरी बात बातचीत हुई। लेकिन जब दोपहर 12 बजे हुई बातचीत के बाद शाम छह बजे तक दिव्या का कोई भी फोन या मैसेज उसके पास नहीं आया, वो थोड़ी परेशान हो गई। इसके बाद जब उसने दिव्या के मोबाइल फोन की लोकेशन चेक की, तो घबरा गई। क्योंकि दिव्या के एक फोन की लोकेशन दिल्ली के साउथ एक्स में आ रही थी, जबकि दूसरी फोन की लोकेशन गुरुग्राम के होटल सिटी प्वाइंट के पास। असल में दिव्या के पास दो फोन थे... एक सैमसंग का और दूसरा एपल का,  दिव्या के सैमसंग फोन की लोकेशन साउथ एक्स दिख रही थी, जबकि उसका आईफोन गुरुग्राम के सिटी प्वाइंट में ही था।

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अभिजीत के दोस्त से मिला दूसरा मोबाइल

इस चीज से परेशान हो कर जब दिव्या की बहन ने होटल सिटी प्वाइंट के मालिक अभिजीत सिंह को फोन किया, तो उसने बताया कि दिव्या तो उसके पास से 2 जनवरी की सुबह साढ़े ग्यारह बजे ही निकल गई थी। इस पर दिव्या की बहन ने खुद ही दिव्या को ढूंढने का इरादा किया और अपनी गाड़ी से शाम के तकरीबन साढे सात बजे दिल्ली के साउथ एक्स में सीधे अभिजीत सिंह के घर जा पहुंची। लेकिन वो वहां ये देख कर चौंक गई कि घर में अभिजीत सिंह तो नहीं था, लेकिन उसका दोस्त बलराज मौजूद था, जिसने दिव्या का सैमसंग मोबाइल फोन उसे सौंप दिया, जिसे दिव्या की बहन ने बाद में जांच के लिए गुरुग्राम पुलिस के हवाले कर दिया।

सीसीटीवी दिखाने से इनकार

जब दिल्ली के साउथ एक्स में अभिजीत के घर पर भी दिव्या का कोई पता नहीं चला, तो वो फिर से वापस गुरुग्राम पहुंची। यहां शाम तकरीबन 7 बजे उसने होटल सिटी प्वाइंट में पहुंच कर होटल के केयरटेकर अनूप से होटल की सीसीटीवी फुटेज दिखाने को कहा, ताकि उसे अपनी बहन के वहां होने और ना होने को लेकर कुछ पता चल सके। लेकिन दिव्या की बहन की माने तो होटल के केयरटेकर ने सीसीटीवी फुटेज दिखाने से ही मना कर दिया। और तो और उस वक्त होटल का मालिक अभिजीत सिंह भी होटल के कमरे से नीचे उतर आया, लेकिन ना तो उसने दिव्या के बारे में साफ-साफ कुछ बताया और ना ही वो सीसीटीवी फुटेज दिखाने पर राजी हुआ।  इसी दौरान अभिजीत ने दिव्या की बहन को उसका आधार कार्ड और पैन कार्ड ये कहते हुए सौंप दिया कि ये सबकुछ उसे सौंप कर दिव्या कहीं चली गई है, जिससे दिव्या की बहन का शक और गहरा गया हो गया और उसे अनहोनी का डर सताने लगा।

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सीसीटीवी में दिखा लाश छुपाने का तरीका

पुलिस की लापरवाही से लाश गायब

दिव्या की बहन की मानें तो इस मामले पर पुलिस का रवैया शुरू से ही लापरवाही भरा रहा, जिससे कातिलों ने उसकी बहन की लाश गायब कर दी और तो और अब उसके आईफोन का भी कोई पता नहीं है। अगर पुलिस ने उसकी शिकायत पर ध्यान लेकर पहले ही मामले की गंभीरता से जांच की होती, तो ये सबूत इस वक्त पुलिस के पास होते। दिव्या की बहन का कहना है कि उससे बात नहीं होने पर सबसे पहले वो न्यू कॉलोनी पुलिस स्टेशन गई थी, लेकिन वहां के पुलिसकर्मी ने उसे ये कहते हुए थाने से रवाना कर दिया कि मामला सेक्टर 14 का है, तो उसे अपनी शिकायत लेकर वहीं जाना चाहिए। इसके बाद वो अपनी मां के साथ सेक्टर 14 के पुलिस स्टेशन में गई, लेकिन वहां पुलिसकर्मियों ने कहा कि चूंकि अभी रात बहुत ज्यादा हो चुकी है तो वो शिकायत देकर चले जाएं, पुलिस अगली रोज सुबह 10 बजे मामले की जांच शुरू करेगी।

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कमरे की तलाशी, कत्ल के निशान

दिव्या की बहन ने बताया कि रात करीब डेढ़ बजे जब वो सेक्टर 14 की पुलिस को लेकर होटल सिटी प्वाइंट में पहुंची, तो होटल की सारी लाइट्स बंद थी। और कमरा नंबर 114 में होटल का मालिक अभिजीत नशे में धुत्त होकर सोया हुआ था। इसी कमरे से तब दिव्या की चप्पल और उसका ब्लेजर भी बरामद हो गया, लेकिन तब भी पुलिस का कोई सीनियर ऑफिसर मौके पर नहीं पहुंचा। इसके बाद पुलिस ने सीसीटीवी कैमरों की फुटेज देखने की शुरुआत की,  लेकिन इस काम में भी सुबह 8 बजे गए। तब तक अभिजीत के दोस्त बीएमडब्ल्यू कार में दिव्या की लाश को लेकर दूर निकल चुके थे। 

दिव्या की हत्या कमरा नंबर 111 में हुई

कमरा नंबर 111 का राज़

दिव्या की बहन का कहना है कि अगर पुलिस ने पहले रिएक्ट किया होता, तो दिव्या की लाश बरामद की जा सकती थी। लेकिन इसके बाद जब पुलिस क़त्ल की असली जगह यानी होटल सिटी प्वाइंट के कमरा नंबर 111 में पहुंची, तब जाकर ये साफ हुआ कि दिव्या की हत्या उसी कमरे की गई। दिव्या की बहन की मानें तो उस रात जब वो पुलिस को लेकर होटल में पहुंची, तो रिसेप्शन पर होटल का केयरटेकर और एक बुजुर्ग कर्मचारी मौजूद था। उन दोनों से कमरा नंबर 111 की चाबी मांगी गई, लेकिन चाबी किसी के पास भी नहीं थी। असल में उससे एक रोज़ पहले रात को होटल के मालिक अभिजीत सिंह ने 111 और 114 नंबर कमरा ही अपने और अपने गेस्ट के लिए रिजर्व करवाया था। ऐसे में रुम नंबर 111 की जांच बनती थी। 

कमरे के दरो दीवार खून से लथपथ

अब पुलिस ने जब पत्थरों से रूम नंबर 111 का ताला तोड़ा, तो कमरे का मंजर देख कर सबके कदम ठिठक गए। कमरे में बेड, दीवार, पर्दे हर जगह खून की खून था। कुछ खून के धब्बों को पानी से धो कर और पेट्रोल से साफ कर मिटाने की कोशिश की गई थी। लेकिन मौका ए वारदात इस बात की गवाही दे रहे थे कि दिव्या की हत्या उसी कमरे के अंदर हुई है।
जाहिर है, इस मामले की जांच गुरुग्राम पुलिस ने इस काहिली भरे तरीके से की, उससे उसकी भूमिका पर भी सवाल खड़े होते हैं। सबसे बड़ा सवाल तो यही है कि आखिर पुलिस होटल में लाश होने के बावजूद बिना उसकी ठीक से जांच किए कैसे वापस लौट गई, जिसके चलते कातिलों को लाश ठिकाने लगा का मौका मिल गया।
 

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