चीनी के शीरे में अरारोट-फिटकरी मिला बना देते थे 100% नकली HONEY, मिलावटखोर के इस तरीक़े को जान सिर पकड़ लेंगे

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चीनी के शीरे में अरारोट-फिटकरी मिला बना देते थे 100% नकली HONEY, मिलावटखोर के इस तरीक़े को जान सिर ...
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शहद का स्वाद तो आपने लिया ही होगा. और ये जानते भी होंगे कि मधुमक्खियां ही शहद तैयार करती हैं. लेकिन जब इस ख़ानदानी शातिर की असलियत जानेंगे तो ये समझ जाएंगे कि मधुमक्खियां ही सिर्फ शहद नहीं बनातीं. बल्कि शहद के निर्माता कुछ खास क्रिमिनल भी हो सकते हैं.

इनके बनाए हुए शहद को देखकर और स्वाद में चखकर आपको ये बिल्कुल असली जैसा ही लगेगा. लेकिन ये जानकर दंग रह जाएंगे कि इसमें असली शहद की एक बूंद भी नहीं होती है. यानी ठीक वैसे ही जैसे दाल काली नहीं, बल्कि पूरी दाल ही काली हो.

अब जानते हैं कि आखिर ऐसी कौन सी वो टेक्निक है जिसके जरिए ये क्रिमिनल असली शहद के बिना एक बूंद ही नकली शहद तैयार कर देते थे. पुलिस ने जब छापेमारी की तो शहद बनाने के इस तरीके को देख उनके भी होश उड़ गए.

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दरअसल, मौके से पुलिस को शक्कर यानी चीनी का शीरा, फिटकरी, अरारोट, शहद जैसे केमिकल वाला कलर और खूशबू के लिए एसेंस मिले. लेकिन असली शहद की कोई मात्रा नहीं मिली. जबकि वहां से 31 किलो नकली शहद मिला.

ऐसे बनाते थे 100% नकली शहद

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नकली शहद बनाने की फैक्ट्री मध्य प्रदेश के जबलपुर में पकड़ी गई है. इसे बनाने वाला मुख्य आरोपी मुकेश गोयल है. ये ख़ानदानी नकली शहद बनाने का कारोबार कर रहा है. पहले इसके पिता नकली शहद बनाते थे.

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उनकी मौत के बाद से ये धंधे में लग गया. इसने बिजनेस को बढ़ाया और 4 महिला कर्मचारी भी रख लिए. अब ये रोजाना शहद की छोटी-बड़ी एक हजार से ज्यादा शीशी तैयार करवाता था. इन पर 4 से 6 रुपये का मुनाफा रखकर बाजार में बेच देता था. इस तरह रोजाना की इसकी कमाई 5-6 हजार रुपये की होती थी.

ये शक्कर के शीरे में पिसा हुआ अरारोट मिलाता था. इस तरह शीरा गाढ़ा हो जाता था. चूंकि शीरे का रंग भी गाढ़ा लाल जैसा होता है इसलिए उसमें फिटकरी डालता था. इससे शीरे का रंग हल्का हो जाता था और फिर उसमें शहद जैसे केमिकल वाला कलर मिलाकर उसे बिल्कुल असली शहद जैसा बना देता था. आखिर में इसमें शहद की खूशबू वाला एसेंस मिलाकर छोटी-छोटी शीशी में पैक करवाता था.

मुक्ता मधु के नाम से मार्केट में बिक्री

नकली शहद की इस फैक्ट्री का खुलासा जबलपुर के माढ़ोताल थाने की पुलिस ने किया है. इस थाने की इंचार्ज रीना पांडे ने मीडिया को बताया कि काफी समय से नकली शहद की बिक्री होने की जानकारी मिल रही थी.

जिसके बाद शहर के आरटीओ कार्यालय से कुछ दूरी पर बने मकान में 11 अगस्त को छापेमारी की गई. मौके से फैक्ट्री मालिक मुकेश गोयल को गिरफ्तार किया गया. उस फैक्ट्री में देखा तो नकली शहद बनाने में 4 महिला कर्मचारी जुटी हुईं थीं.

इन महिलाओं को 5-5 हजार रुपये महीने की सैलरी पर रखा गया था. महिला थाना प्रभारी ने बताया कि नकली शहद को मुक्ता मधु के नाम से मार्केट में बेच रहे थे. खासतौर पर छोटी शीशी को मंदिरों और घरों पर पूजा के कार्य में इस्तेमाल किया जाता था.

इसके अलावा लोग सस्ता होने की वजह से खाने के इस्तेमाल में लेते थे. खाद्य विभाग मौके से सैंपल लेकर शहद में मिले हानिकारक तत्वों के बारे में पता लगा रहा है.

7 हजार से ज्यादा शीशी जब्त


छापेमारी के दौरान पुलिस ने मौके से पैकिंग की हुई 20 ग्राम की 1033 शीशी और 35 ग्राम की 1246 शीशी सहित कुल 31 किलो नकली शहद जब्त किया. इनके अलावा, बिना रैपर वाली 5 हजार शीशी और 20 बोरियों में भरी खाली शीशी भी मिली.

खर्च 2-3 रुपये, मार्केट में 15-20 रुपये में बिक्री

पुलिस की पूछताछ में आरोपी मुकेश ने बताया कि 20 ग्राम नकली शहद बनाने में 2 रुपये खर्च होते थे. जबकि 35 ग्राम नकली शहद पर 3 रुपये खर्च आता था. इसे वो दुकानदारों को 6 से 9 रुपये में बेचता था.

इसे दुकानदार मार्केट में 15 और 20 रुपये में बेचते थे. इस तरह मुकेश को जहां एक शीशी पर 4 से 6 रुपये तक का फायदा होता था. वहीं, दुकानदारों को भी डबल कमाई हो जाती थी

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