कातिल 17 साल तक पुलिस के सामने ही छुपा रहा, CM को लेटर भिजवाया, खुद ही कोर्ट में अर्जी भी डाली फिर ऐसे खुला राज

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कातिल 17 साल तक पुलिस के सामने ही छुपा रहा, CM को लेटर भिजवाया, खुद ही कोर्ट में अर्जी भी डाली फिर ...
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Crime Thriller Story : एक कातिल 17 साल तक पुलिस के सामने ही रहा. खुद ही सीएम को लेटर तक भिजवाया. पर किसी पुलिसवाले को शक नहीं हुआ. कुछ आसपास के लोगों ने दबी जुबां में शक जताया तो खुद को बचाने के लिए उसने क्राइम थ्रिलर फिल्में देखीं. फिर खुद ही हाईकोर्ट में याचिका डाल दी. ये कहते हुए कि पुलिस कातिल का पता नहीं लगा पा रही है. इसलिए केस को तेज तर्रार क्राइम ब्रांच के हवाले कर दिया जाए. लेकिन फिर भी 16 साल से ज्यादा बीत गए. कातिल बेनकाब नहीं हुआ. अब केस पेंडिंग था. क्राइम ब्रांच के एक नए अफसर ने फिर से जांच शुरू की. केस की हर बारीकी से जांच की. क्राइम सीन री-क्रिएट किया. साल 2006 में हुए मर्डर केस की फॉरेंसिक रिपोर्ट जो 4 साल बाद यानी 2010 में आई लेकिन उसकी पड़ताल नहीं हुई थी. उस फॉरेंसिक रिपोर्ट की भी पड़ताल की. सभी तरह की पड़ताल के बाद अब 17 साल बाद कातिल का चेहरा सबके सामने आया. जांच में पता चला कि जिस कातिल की तलाश हजारों किलोमीटर दूर तक हो रही थी असल में वो उस मरने वाली महिला का पति ही था. आखिर क्या है ये मर्डर मिस्ट्री. कैसे 17 साल बाद उस कत्ल का सुराग मिला. आइए जानते हैं क्राइम की कहानी (Crime Story in Hindi) में...

26 मई 2006 को केरल में 50 साल की महिला का हुआ मर्डर

 

Murder Mystery News : ये मर्डर मिस्ट्री अब से करीब 17 साल पहले की है. तारीख थी 26 मई 2006. जगह केरल का पथानामथिट्टा जिला. गांव पुलाद. यहां 50 साल की महिला रमा देवी रहतीं थीं. इनकी घर में मर्डर कर दिया जाता है. दरवाजा अंदर से बंद बताया गया. इस महिला के पति का नाम जनार्दन नायर. पति पोस्ट ऑफिस यानी डाक विभाग में सीनियर अकाउंटेंट थे. जब वो ऑफिस से घर लौटे तो पता चला कि पत्नी की बेरहमी से हत्या कर दी गई. वो शोर मचाते हैं. आसपास के लोग पहुंचते हैं. पुलिस को सूचना दी जाती है. फिर जांच शुरू होती है. 

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आसपास के लोगों का बयान लिया जाता है. पड़ोस में रहने वाली एक महिला ने बताया कि उसने रमा देवी के घर के पास एक संदिग्ध मजदूर को देखा था. वो मजदूर उनके घर के पास ही कंस्ट्रक्शन साइट पर काम कर रहा था. कुछ हफ्ते पहले ही वहां आया था. उस मजदूर का नाम चुटलामुथु था. वो एक महिला के साथ वहां रह रहा था. लेकिन जैसे ही उस पर लोगों ने शक जताया वो चुपके से भाग गया. अब इस मर्डर केस की एफआईआर दर्ज हुई. पुलिस ने मौके से साक्ष्य जुटाए. फॉरेंसिक टीम ने मामले की जांच की. कई सबूत जांच के लिए भेजे. 

लेकिन पुलिस ने काफी हद तक मान लिया कि रमा देवी के मर्डर के बाद जैसे ही उस मजदूर पर शक हुआ वो उस महिला के साथ फरार हो गया. अब पुलिस उसे ही कातिल मानकर उसकी तलाश में जुट गई. लेकिन वो नहीं मिला. अब एक साल बीतने वाले थे. वो फरार मजदूर का पता नहीं चला. इधर, रमा देवी के कातिल को पकड़ने की मांग को लेकर आसपास के लोगों ने सड़क पर रैली निकाली. आंदोलन किया. इसके बाद उस समय के मुख्यमंत्री से लेकर तमाम मंत्रियों और अफसरों से लिखित शिकायत की गई. लेकिन फिर भी नहीं सुराग मिला.

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2007 में महिला के पति ने हाईकोर्ट में डाली याचिका, जांच क्राइम ब्रांच से कराने की मांग

 

Kerala Murder Mystery : अब वारदात को एक साल बीत चुके थे. पुलिस को कातिल का सुराग नहीं मिला था. जिस मजदूर पर शक था वो अभी भी फरार था. ऐसे में कुछ लोग दबी जुबां में महिला के पति पर भी शक करने लगे थे. ऐसे में अचानक एक दिन पूरे केस में नया मोड़ आया. साल 2007 में ही मरने वाली महिला के पति जनार्दन नायर हाईकोर्ट पहुंच गए. 

उन्होंने अपनी पत्नी की हत्या केस में कातिल का पता लगाने के लिए जांच में तेजी लाने की मांग की. साथ ही ये भी कहा कि अगर लोकल पुलिस मामले की जांच नहीं कर पा रही है तो इसके लिए स्पेशल क्राइम ब्रांच को जांच सौंपी जाए. क्योंकि एक साल बाद भी केस में ना कोई सुराग मिला है और ना कातिल का पता चला है. इसके बाद जांच क्राइम ब्रांच को सौंपी गई. लेकिन फिर भी केस में खुलासा नहीं हुआ. 

 

मर्डर के 4 साल बाद बालों की आई फॉरेंसिक रिपोर्ट, लेकिन मिलान नहीं कराया

 

Crime Ki Kahani: इस केस में केरल की स्थानीय पुलिस और स्पेशल क्राइम ब्रांच भी शुरुआत में यही मानकर जांच कर रही थी कि कातिल वही मजदूर है जो घटना के एक दिन बाद ही फरार हो गया था. इसलिए जो भी जांच एजेंसी के अधिकारी थे वो सीधे कातिल के रूप में उसी मजदूर मुथू की तलाश करते थे. जिसके बारे में तमिलनाडु में होने की जानकारी मिलती तो कभी यूपी के कानपुर में. इस तरह पुलिस टीम केरल से हजारों किमी दूर उत्तर प्रदेश में भी तलाश करने पहुंच जाती. लेकिन कातिल का कुछ पता नहीं चला. इसके अलावा, पुलिस को मजदूर मुथू के साथ रहने वाली महिला के बारे में कुछ साल पहले ही जानकारी मिली तो उसने साफ बताया कि मर्डर में उनका कोई लेना देना नहीं है. 

Crime Story : बीवी की हत्या कर 17 साल तक छुपने वाला पति जनार्दन नायर (बीच में)

17 साल बाद ऐसे खुला मर्डर मिस्ट्री से राज

मर्डर के करीब 17 साल बाद 11 जुलाई 2023 को केरल की क्राइम ब्रांच ने इस केस का सनसनीखेज खुलासा किया. इस केस में हाईकोर्ट में क्राइम ब्रांच से जांच कराने और असली कातिल का पता लगाने की मांग करने वाले जनार्दन नायर को ही गिरफ्तार किया गया. जो महिला के पति हैं. अब पोस्ट विभाग से रिटायर्ड हो चुके हैं. उम्र करीब 75 साल हो चुकी है. 

असल में इस मर्डर मिस्ट्री का खुलासा करने में 2022 में क्राइम ब्रांच में नए पुलिस अधिकारी इंस्पेक्टर सुनील राज ने फिर से फाइल खोली. इस बार उन्होंने शुरू से यानी पहले दिन से जांच करने का फैसला लिया. वो मौके पर पहुंचे. लेकिन 16 साल में अब वो घर टूट चुका था जिसमें महिला की हत्या हुई थी. इसलिए उन्होंने उस समय यानी 2006 में जब मर्डर हुआ था उस समय वारदात की ली हुई फोटो देखी. किसने क्या बयान दिया था. सबके बयान पढ़ें. इसमें उनके पति यानी जनार्दन नायर ने कहा था कि वो जब घर पहुंचे तो दरवाजा अंदर से बंद था. 

इसलिए उसी दरवाजे के ऊपर वेंटिलेटर के लिए लगी जाली वाली जगह से उसे तोड़कर दरवाजे को खोला था. अब इसकी पड़ताल के लिए उस समय की ली हुई फोटो के आधार पर इंस्पेक्टर सुनील ने उसी तरह का डिजाइन तैयार कराया. दरवाजे के ऊपर जाली लगाई. इसके बाद दरवाजे को खोलने का प्रयास किया गया. तब पता चला कि इतनी ऊंचाई से तो दरवाजा खुल ही नहीं सकता है. ये देखकर इंस्पेक्टर को ये समझ आ गया कि महिला रमा देवी के पति झूठ बोल रहे हैं. इसलिए अब हत्या में उसी पर शक हुआ. लिहाजा, उस समय की फॉरेंसिक रिपोर्ट की पड़ताल की. इस दौरान चौंकाने वाली जानकारी मिली. दरअसल, जब रमा देवी मृत मिली थीं तो उनके दोनों हाथों में बाल थे. ये बाल किसी आदमी के थे. जिसे पुलिस ने कब्जे में लेकर जांच के लिए भेज दिया था. लेकिन अफसोस कि उसकी डीएनए रिपोर्ट 4 साल बाद आई थी. चूंकि इस केस में पुलिस को पूरा यकीन था कि मर्डर उसी मजदूर ने किया है इसलिए किसी भी पुलिस अफसर ने उस डीएनए के सैंपल को किसी व्यक्ति से मिलाने का प्रयास नहीं किया. 

अब इंस्पेक्टर सुनील राज ने तुरंत शक के घेरे में आए रमा देवी के पति जनार्दन नायर का डीएनए सैंपल लिया और जांच के लिए भेज दिया. अब जब डीएनए रिपोर्ट आई तो पूरा केस ही खुल गया. असल में वो डीएनए सैंपल जनार्दन नायर से मैच कर गया. यानी मर्डर के दौरान रमा देवी के दोनों हाथों में जिस आरोपी के बाल थे वो कोई मजदूर मुथू नहीं बल्कि उनका पति जनार्दन नायर ही था. इसके बाद पुलिस ने जनार्दन नायर को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने मर्डर की बात कबूल कर ली. इस तरह 17 साल बाद वो कातिल पकड़ा गया जिसने खुद ही कोर्ट में अर्जी लगाई थी कि असली कातिल को गिरफ्तार किया जाए. आखिर किस वजह से जनार्दन नायर ने अपनी पत्नी का कत्ल किया. आइए जानते हैं.

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पत्नी पर शक था, उसी लड़ाई में मर्डर कर दिया

Crime Story :  पुलिस की जांच में जनार्दन नायर ने खुद को कातिल बताया. 75 साल की उम्र में गिरफ्तारी हुई. उसने बताया कि असल में उसे अपनी पत्नी के चरित्र पर शक था. उसे लगता था कि पत्नी का किसी गैर मर्द के साथ अफेयर है. इसलिए दोनों में अक्सर लड़ाई होती थी. घटना वाले दिन भी लड़ाई हुई थी. दोनों एक दूसरे की पिटाई कर रहे थे. उसी समय रमा देवी ने पति के बालों को दोनों हाथों से दबोच लिया था. उसी समय पति ने किसी हथियार से हमला कर पत्नी की हत्या कर दी थी. और चुपके से घर से निकल गया था. लेकिन वारदात के दौरान महिला रमा देवी के दोनों हाथों में पति के बाल आ गए थे. अब घटना के कई घंटे बाद पति घर लौटता है तो दरवाजा लॉक नहीं होता है. लेकिन पुलिस के सामने झूठ बोलता है कि दरवाजा अंदर से बंद था.

 

पड़ोसी शक करने लगे थे, इसलिए थ्रिलर फिल्म देख आया आइडिया

वारदात के एक साल बाद खुद ही कोर्ट में अर्जी देने के बारे में आरोपी ने पुलिस को बताया कि उसे इसका आइडिया क्राइम थ्रिलर फिल्मों से मिला था. असल में कुछ लोगों को शक होने लगा था कि कहीं पति ने ही रमा देवी की हत्या तो नहीं कर दी. इसलिए उसने सोचा था कि अगर वह कुछ नहीं करेगा तो लोग उस पर शक करेंगे. इसलिए वो चाहता था कि अगर कोर्ट में अपील करेगा तो लोग सोचेंगे कि उसी मजदूर ने ही रमा की हत्या की होगी. इसलिए उसने किसी क्राइम थ्रिलर फिल्म को देखकर ये कदम उठाया था. लेकिन वही कदम आखिर में उसे पकड़वाने में बड़ी भूमिका बना.

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