केरल में क्यों 'थोक के भाव' हो रहा है कुत्तों का क़त्ल? क्रिकेटर शिखर धवन ने लोगों से की ये अपील

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केरल में क्यों 'थोक के भाव' हो रहा है कुत्तों का क़त्ल? क्रिकेटर शिखर धवन ने लोगों से की ये अपील
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Kerala news ‘गॉड्स ओन कंट्री’ यानी केरल में ‘डॉग्स’ (dogs killing) की शामत आ गई है. लोग कुत्तों को चुन-चुन कर मार रहे हैं. और ऐसा हुआ है हाल के दिनों में इंसानों पर हो रहे आवारा कुत्तों के हमलों की वजह से. दरअसल, हाल के कुछ दिनों में केरल में आवारा कुत्तों ने बहुत से लोगों काट खाया है. ज़्यादातर मामलों में बच्चे ही कुत्तों का शिकार बने हैं. कुछ मामलों में तो कुत्तों के हमले में बच्चों को जान तक गंवानी पड़ी है. ऐसे में इंसानों ने अब खुद ही अपने ‘सबसे पुराने दोस्त’ यानी कुत्तों से दो-दो हाथ करने का फ़ैसला किया है और केरल में कुत्ते मौत के घाट उतारे जाने लगे हैं.

एक आंकड़े के मुताबिक केरल में इस साल अब तक 1 लाख लोगों को आवारा कुत्तों ने काट लिया है. जिससे पूरे केरल में कुत्तों को लेकर ना सिर्फ़ दहशत बल्कि नफ़रत का माहौल है. कई मामलों में कुत्तों के हमलों की भयावह सीसीटीवी तस्वीरें भी सामने आई हैं. अकेले कोट्टयम इलाक़े में दो महीनों में 40 से ज़्यादा लोग कुत्तों का शिकार बने हैं. और इसी कोट्टयम में सोमवार को सिर्फ़ एक ही रिहायशी इलाक़े में एक साथ 12 कुत्ते मरे हुए पाए गए. ज़ाहिर है इन कुत्तों को स्थानीय निवासियों ने ज़हर देकर मौत के घाट उतार दिया था.

केरल के लोगों ने अब कुत्तों की हालत इतनी बुरी कर दी है कि उनकी चीख दूर तक सुनाई देने लगी है. क्रिकेट स्टार शिखर धवन ने कुत्तों के ताबड़तोड़ क़त्ल के ख़िलाफ़ लोगों को झिंझोड़ने की कोशिश की है. धवन ने इसे लेकर शुक्रवार को एक ट्वीट किया. उन्होंने लिखा कि केरल में कुत्तों के सामूहिक संहार की तसवीरें बेहद भयावह हैं. मैं ऐसे क़त्ल के सिलसिले पर लोगों से दोबारा सोचने की अपील करता हूं और निवेदन करता हूं कि इन मौतों को रोका जाए.

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उधर, कोझीकोड की मेयर बिना फिलिप अब कुत्तों को लेकर दिए गए अपने एक बयान से फंस गई हैं. बीना ने पहले कुत्तों को मारने का विरोध किया था. लेकिन जब लोगों ने मेयर के इस बयान के ख़िलाफ़ की प्रतिक्रिया देनी शुरू कर दी, तो उन्होंने फौरन अपना स्टैंड चेंज कर लिया. बीना ने कहा, “मैं कुत्तों को मारने के हक में नहीं हूं. लेकिन अगर कुत्ते लोगों पर हमला करें, बच्चों को मारें तो लोगों की प्रतिक्रिया को भी गलत नहीं ठहराया जा सकता. लोगों को दोष नहीं दिया जा सकता.”

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