Udupi Washroom Video : उडुपी वाशरूम वीडियो मामले में पीड़ित छात्रा ने कोर्ट में बयान दिया, जानें पूरा मामला

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Udupi MMS case : कर्नाटक के उडुपी पैरामेडिकल कॉलेज में ‘वॉशरूम वीडियो’ मामले को लेकर अब पीड़िता लड़की सामने आई है. लड़की ने कोर्ट में अपना बयान दर्ज कराया है. PTI की रिपोर्ट के अनुसार, असल में पीड़ित छात्रा 4 अगस्त को अपना बयान दर्ज करवाने के लिये उडुपी जिला अदालत में पेश हुई। पुलिस के सूत्रों ने यह जानकारी दी। शहर के एक पैरामेडिकल कॉलेज के वाशरूम में तीन मुस्लिम छात्राओं द्वारा मोबाइल फोन से कथित रूप से साथी छात्रा की फिल्म बनाए जाने की घटना के बाद राज्यभर में विवाद खड़ा हो गया था। घटना 18 जुलाई की है। 

इस घटना के सामने आने के बाद राज्य के प्रमुख विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मामले की गहन जांच की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया था। सूत्रों ने बताया कि अपना बयान दर्ज करवाते समय पीड़ित छात्रा ने मामले से जुड़ा हर ब्यौरा दर्ज कराया तथा अदालत ने सावधानीपूर्वक पीड़िता का बयान दर्ज किया। इस मामले के सामने आने के बाद पीड़ित छात्रा ने पहले तीनों आरोपियों के खिलाफ औपचारिक शिकायत करने से इनकार किया था, लेकिन पुलिस ने घटना का स्वत: संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज किया और जांच जारी है। तीनों आरोपियों ने जांच के दौरान हिरासत से बचने के लिए पहले ही अदालत से अग्रिम जमानत ले चुकी हैं।

सांकेतिक फोटो

क्या है मामला

असल में पिछले दिनों उडुपी के पैरामेडिकल कॉलेज के वॉशरूम का एक वीडियो वायरल करने का दावा किया गया. जिसके बाद  20 जुलाई को उडुपी के एक प्राइवेट पैरामेडिकल कॉलेज की तीन छात्राओं को सस्पेंड कर दिया गया। इल्ज़ाम ये था कि उन लोगों ने वॉशरूम के अंदर मोबाइल छुपाकर दूसरी छात्राओं के वीडियो बनाए। मगर जैसे ही ये बात संस्थान के अधिकारियों को लगी तो फौरन कार्रवाई की गई और उसी दिन इस मामले की इत्तेला पुलिस को भी दे दी गई। 

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पुलिस अफसर ने कहा, गलत व अधूरी सूचना

लेकिन उडुपी के पुलिस कप्तान अक्षय मच्छिन्द्र ने इन तमाम आरोपों को अफवाह करार देते हुए ये बात साफ कर दी कि ऐसा कुछ नहीं हुआ बल्कि सोशल मीडिया पर इस बात को बहुत गलत तरीके से वायरल करवाया गया है, और गलत और आधी अधूरी सूचना को ही लोग आपस में शेयर कर रहे हैं। पुलिस अफसर के मुताबिक हमें भी रिपोर्ट मिली थी कि छुपे हुए कैमरे से ऐसा कुछ किया गया लेकिन हमारी जानकारी और जांच से ये बात सामने आई है कि ऐसा कुछ भी नहीं हुआ

डायरेक्टर का दावा कोई वीडियो लीक नहीं

द क्विंट में छपी खबरों के मुताबिक संस्थान के डायरेक्टर रश्मी कृष्ण प्रसाद ने ये बात साफ की है कि किसी भी तरह का कोई वीडियो लीक नहीं हुआ है। ये सही है कि लड़कियों ने आपस में कुछ वीडियो बनाए थे, लेकिन उन्हें उसी समय और वहीं डिलीट कर दिए गए। संस्थान के डायरेक्टर के मुताबिक जो कुछ सोशल मीडिया में फैलाया जा रहा है वैसा कुछ भी नहीं हुआ है। किसी भी तरह का कोई वीडियो सर्कुलेट नहीं किया गया। जो कहा जा रहा है और जो इल्जाम लगाए जा रहे हैं वो सब के सब झूठ हैं और संस्थान की छवि के साथ साथ छात्रों के भविष्य को खराब करके कुछ लोग अपनी सियासत चमकाना चाहते हैं। 

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ये है पूरा मामला

अब सवाल उठता है कि आखिर असल में हुआ क्या। जिसको लेकर इस कदर बवाल मचा। असल में 18 जुलाई को तीन छात्राओं ने कथित तौर पर संस्थान के वॉशरूम के भीतर तीन छात्राओं ने आपस में कोई वीडियो शूट किया था। लेकिन इसका पता प्रशासनिक अधिकारियों को तुरंत ही लग गया जिसकी वजह से छात्राओं को बुलाकर पूछताछ की गई और तुरंत वहीं के वहीं वीडियो डिलीट कर दिए गए। 

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लड़की की शिकायत पर कार्रवाई

डायरेक्टर का कहना है कि जिस छात्रा की शिकायत पर ये सब कुछ हुआ असल में वो खुद भी यही चाहती थी कि सिर्फ लड़कियों को डांट कर और वार्निंग देकर छोड़ देना चाहिए क्योंकि कोई ऐसा वीडियो भी नहीं शूट किया गया था जो आपत्तिजनक हो, इसीलिए वो लिखित शिकायत भी नहीं देना चाहती थी। 

इसलिए लिया गया एक्शन

डायरेक्टर के मुताबिक चूंकि लड़कियों के खिलाफ एक्शन इसलिए भी लिया गया क्योंकि संस्थान में मोबाइल लाना और इस्तेमाल करना दोनों ही मना है। ऐसे में लड़कियों के मोबाइल ले लिए गए और उन्हें इस मामले की जांच पूरी होने तक के लिए सस्पेंड कर दिया गया साथ ही लड़कियों के माता पिता को बुलाकर पुलिस की मौजूदगी में लड़कियों से पूछताछ हुई जिसमें उन लड़कियों ने ये बात मानीं कि उन लोगों ने आपसी मौज मस्ती के लिए वीडियो शूट किया लेकिन पकड़े जाने और बात के बेवजह फैलने की वजह से लड़कियों ने फौरन ही वीडियो डिलीट भी कर दिए। इसकी तस्दीक खुद पुलिस अफसरों ने की है। 

पुलिस की जांच में साफ हुई बात

पुलिस की शुरुआती जांच में भी ये बात साफ हो गई है कि लड़कियों के मोबाइल से किसी तरह की कोई वीडियो कहीं शेयर नहीं की गई और न ही कोई वीडियो कहीं से लीक हुआ है। लिहाजा सोशल मीडिया पर जो कुछ कहा सुना जा रहा है और जो इल्ज़ाम को तूल दिया जा रहा है वो बेबुनियाद है। 

 

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